हुआ. बीजेपी विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी और हंगामा किया. हंगामे के कारण विधानसभा की
करना पड़ा. बाद में गतिरोध तोड़ने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर में बैठक हुई. उसके बाद हंगामा शांत हुआ और सदन की कार्यवाही चल सकी.
में शून्यकाल के दौरान स्थगन प्रस्ताव के जरिए हनुमान बेनीवाल ने सबसे पहले किसान कर्ज माफी का मुद्दा उठाते हुए संपूर्ण कर्ज माफी की मांग की. माकपा के गिरधारी महिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और नेता प्रतिपक्ष गुलाबंचद कटारिया ने भी कर्जमाफी पर सवाल उठाए. कटारिया ने कहा कि सरकार ने 10 दिन में कर्जा माफ करने घोषणा की थी, लेकिन आज एक महीने से अधिक समय बीत गया है. सरकार स्पष्ट करे अब तक किसानों का कर्जा माफ क्यों नहीं किया गया ? कर्ज माफी को लेकर सरकार ने जो आदेश निकाला है यह लंगड़ा आदेश है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लंगड़ा आदेश पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर आपने ये शब्द वापस नहीं लिए तो मैं कहूंगा लंगड़ी सोच होती है आदेश नहीं. गहलोत ने कहा कि संपूर्ण कर्ज माफी राज्यों के स्तर पर संभव नहीं है. इसीलिए मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर केंद्र से पूरे देश में किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी की मांग की है. गहलोत ने सदन में वह चिट्ठी पढ़कर सुनाई. कटारिया ने फिर सवाल उठाया कि क्या केंद्र से पैसा मिलने पर ही कर्जमाफी की जाएगी ?
मुख्यमंत्री के जवाब के बाद भी नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी विधायक संतुष्ट नहीं हुए. इस पर संसदीय कार्यमंत्री धारीवाल ने कटारिया को टोकते हुए कहा कि केंद्र पैसा दे या नहीं सरकार दो लाख रुपए तक का सभी किसानों का कर्ज माफ करेगी. धारीवाल की टोकाटाकी पर बीजेपी के विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी. हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष ने 12.05 पर आधे घंटे के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी.
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FIRST PUBLISHED : January 18, 2019, 19:24 IST