वफादारी की कहानी: मालिक को बचाते- बचाते साथ जल गया...ब्रूनो

डॉग ब्रूनो.
जयपुर में घर में लगी आग ने एक क्रिकेटर और उसके डॉगी की जान ले ली. जिस वक्त आग लगी डॉगी ब्रूनो क्रिकेटर संजीव ओहलान के पास ही सोफे पर सो रहा था.
- News18India
- Last Updated: January 21, 2019, 5:42 PM IST
जयपुर में घर में लगी आग ने एक क्रिकेटर और उसके डॉगी की जान ले ली. जिस वक्त आग लगी डॉगी ब्रूनो क्रिकेटर संजीव ओहलान के पास ही सोफे पर सो रहा था. वफादार डॉगी ने अपने मालिक संजीव को बचाने की पूरी कोशिश की, संजीव की टी शर्ट खींचता रहा ब्रूनो... लेकिन न संजीव को बचा पाया न खुद बच पाया. वे संजीव के साथ ही सोता था. संजीव पूर्व रणजी प्लेयर था. ये तस्वीर है संजीव ओहलान और उसकी पत्नी सुमन की. संजीव को जितना प्रेम पत्नी करती थी उतना ही डॉगी ब्रूनो. संजीव को ब्रूनो से इतना लगाव था कि अपने कमरे में ब्रूनो को रात को साथ ही रखता था. जयपुर के अंबाबबाड़ी के इसी घर पर पहली मंजिल पर पीछे के इस कमरे में संजीव बैड पर सो रहे था. डोगी ब्रूनो बगल में सोफे पर...पत्नी और बेटा त्रिशिव ग्राउंड फ्लोर के कमरे में सो रहे थे.
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रविवार सुबह पांच बजे पत्नी सुमन ने पहली मंजिल से धुआं निकलते देखा तो पहले पति संजीव को फोन किया संजीव ने नहीं उठाया तो...फिर दूसरी मंजिल पर सो रहे नौकर को फोन किया. तब तक आग ने विकराल रूप ले लिया था. पड़ोसी, फायर ब्रिगेड, पुलिस पहुंची. खिड़की तोड़कर संजीव को निकाला. अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन तब तक संजीव ने दम तोड़ दिया.
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पांच बजे की घटना है. पत्नी को एयरपोर्ट जाना था. वहां से दिल्ली जाना था. वे जगी तब धुआ नजर आया. कंट्रोल रूम को सूचना दी. फायर ब्रिगेड की टीम आ गई थी. संजीव पहले मंजिल पर थे. अस्पताल ले जाया गया. डोग पास ही सो रहा था. डोग की भी मृत्यु हो चुकी. डॉग पालतू था. डोग भी मालिक के साथ ही मिला. जांच करेंगे.

आग लगने के बाद संजीव को बचाने की पहली कोशिश उसके पालतू कुत्ते ब्रूनों ने की. ब्रूनों संजीव की टी शर्ट बार बार खींचता रहा. संजीव की टी शर्ट पर डॉगी की इस खींचतान के निशान मिले. संजीव के पिता का भी कहना है कि ब्रूनों संजीव का काफी वफादार था. वे उसके साथ ही रहता था. ब्रूनों और संजीव में लगाव का अंदाजा इसी से लगा सकते है कि संजीव ने अपने फेसबुक पेज पर अपने प्यारे डॉगी ब्रूनों की तस्वीरें पोस्ट कर रखी थी और बेटे के साथ भी.
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वो मेरी दिल की धड़कन थी. कभी मैंने कहा तो आवाज नहीं उठाई, वो बेस्ट आलराउंर था. उसकी जान बच जाती अगर सीढ़ियों की तरफ से उतरता. हमें सुबह सूचना मिली. तब दौड़कर एसएमएस अस्पताल पहुंचे. डॉग फेथफुल था. जो फाईटिंग स्प्रिट रही वो लास्ट तक दिखाई. उस समय उसने सोचा होगा कि आग से बचा लू. हमारे लिए अन रिपेरयरेबेल लोस है. उसनी अपनी भरपूर जिंदगी जी.
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संजीव रणजी प्लेयर रह चुका था. वो शानदार क्रिकेटर ही नहीं वे एक ईवेंट मैनेजर भी था. एक ईवेंट कंपनी चलाता था और कश्मीर फूड का एक रेस्तरां भी. प्रारंभिक जाकारी के मुताबिक आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी. वुडन वर्क की वजह से आग तेजी से पूरे घर में फैल गई. पिछले साल ही 13 जनवरी को इसी इलाके में शोर्ट सर्किट से आग से घर में दादा और दो पोतियों समेत पांच लोग जिंदा जल गए थे.
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रविवार सुबह पांच बजे पत्नी सुमन ने पहली मंजिल से धुआं निकलते देखा तो पहले पति संजीव को फोन किया संजीव ने नहीं उठाया तो...फिर दूसरी मंजिल पर सो रहे नौकर को फोन किया. तब तक आग ने विकराल रूप ले लिया था. पड़ोसी, फायर ब्रिगेड, पुलिस पहुंची. खिड़की तोड़कर संजीव को निकाला. अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन तब तक संजीव ने दम तोड़ दिया.
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— राधारमन गुप्ता, पुलिस अधिकारी

संजीव के बेटे के साथ ब्रूनो.
आग लगने के बाद संजीव को बचाने की पहली कोशिश उसके पालतू कुत्ते ब्रूनों ने की. ब्रूनों संजीव की टी शर्ट बार बार खींचता रहा. संजीव की टी शर्ट पर डॉगी की इस खींचतान के निशान मिले. संजीव के पिता का भी कहना है कि ब्रूनों संजीव का काफी वफादार था. वे उसके साथ ही रहता था. ब्रूनों और संजीव में लगाव का अंदाजा इसी से लगा सकते है कि संजीव ने अपने फेसबुक पेज पर अपने प्यारे डॉगी ब्रूनों की तस्वीरें पोस्ट कर रखी थी और बेटे के साथ भी.
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— बीएस ओहलान, संजीव के पिता
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संजीव रणजी प्लेयर रह चुका था. वो शानदार क्रिकेटर ही नहीं वे एक ईवेंट मैनेजर भी था. एक ईवेंट कंपनी चलाता था और कश्मीर फूड का एक रेस्तरां भी. प्रारंभिक जाकारी के मुताबिक आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी. वुडन वर्क की वजह से आग तेजी से पूरे घर में फैल गई. पिछले साल ही 13 जनवरी को इसी इलाके में शोर्ट सर्किट से आग से घर में दादा और दो पोतियों समेत पांच लोग जिंदा जल गए थे.
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