Rajasthan: टूल डाउन हड़ताल पर उतरे कर्मचारी, कामकाज ठप, 12 संगठन हो रहे हैं शामिल

राजधानी जयपुर में श्रम आयुक्त कार्यालय पर मुख्य प्रदर्शन किया जा रहा है.
Tool down strike: अपनी मांगों को लेकर कई केन्द्रीय विभागों (Central departments) के कर्मचारी आज प्रदेश में टूल डाउन हड़ताल पर है. इससे इन विभागों में कामकाज ठप हो गया है.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: November 26, 2020, 4:06 PM IST
जयपुर. अपनी मांगों (Demands) को लेकर आज राजस्थान में हजारों कर्मचारी टूल डाउन हड़ताल (Tool down strike) पर हैं. इस हड़ताल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारी एवं अधिकारी, बीमाकर्मी, ग्रामीण बैंक व रिजर्व बैंक के कर्मचारी, आरबीआई, आयकर विभाग, बीमा और ईपीएफओ सहित 12 संगठन शामिल (Organization involved) हो रहे हैं. हड़ताल को अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ और विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने भी समर्थन दिया है.
हड़ताल को लेकर राजधानी जयपुर में श्रम आयुक्त कार्यालय पर मुख्य प्रदर्शन किया जा रहा है. वहीं विभाग के क्षेत्रीय मुख्यालय पर भी प्रदर्शन किया जा रहा है. हड़ताल के कारण केंद्र सरकार से जुड़े कई विभागों में आज कामकाज ठप है.
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ये हैं प्रमुख मुख्य मांगें
(1) सरकारी विभागों और उपक्रमों के किए जा रहे निजीकरण पर रोक लगाई जाये. जन सेवा के विभागों का विस्तार कर जनता को बेहतर जन सेवाएं प्रदान की जाये. निजीकरण को बढ़ावा देने वाला शिक्षा बिल वापिस लिया जाये.
(2) NPS रद्द कर पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाये.
(3) ठेका प्रथा समाप्त कर ठेका/संविदा कर्मचारियों को विभागों में नियमित वेतनमान में समायोजित किया जाए और समस्त अस्थाई कार्मिकों को स्थाई किया जाये. स्थाई होने तक समान काम-समान वेतन तथा सेवा सुरक्षा प्रदान की जाये.
(4) कोविड-19 की आड़ में तानाशाहीपूर्ण ढंग से महंगाई भत्ते पर लगाई रोक को हटाया जाये. स्थगित वेतन का भुगतान किया जाये और वेतन कटौती बंद की जाये.
(5) सरकारी विभागों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारियों को समय पूर्व सेवानिवृत्ति करने का परिपत्र वापस लिया जाये.
(6) किसान विरोधी तथा मजदूर विरोधी बनाए गए कानूनों को वापस लिया जाये।
(7) समस्त विभागों में कार्यभार के अनुसार नए पदों का सृजन किया जाये और खाली पदों को स्थाई नियुक्ति से भरा जाये. आरक्षित श्रेणियों के बैकलॉग को विशेष भर्ती कर भरा जाये.
(8) गैर आयकर दाता समस्त परिवारों को प्रतिमाह 7500 रुपयों का नकद हस्तांतरण किया जाए और सभी जरूरतमंदों को प्रतिमाह 10 किलो मुफ्त राशन दिया जाये.
(9) राज्य के कर्मचारियों को केंद्र के समान वेतनमान दिया जाये. वर्ष 2013 के उच्चीकृत पे- ग्रेड के आदेशों को 30 अक्टूबर 2017 द्वारा वापस ले लिया गया तथा प्रारंभिक वेतन प्रत्येक पे- ग्रेड में कम कर दिया गया. उसे पुनः बहाल करते हुए सातवें वेतनमान में वेतन स्थिरीकरण किया जाये.
(10) राज्य कर्मचारियों को 7, 14, 21 व 28 वर्ष पर चयनित वेतनमान दिया जाये.
हड़ताल को लेकर राजधानी जयपुर में श्रम आयुक्त कार्यालय पर मुख्य प्रदर्शन किया जा रहा है. वहीं विभाग के क्षेत्रीय मुख्यालय पर भी प्रदर्शन किया जा रहा है. हड़ताल के कारण केंद्र सरकार से जुड़े कई विभागों में आज कामकाज ठप है.
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ये हैं प्रमुख मुख्य मांगें
(1) सरकारी विभागों और उपक्रमों के किए जा रहे निजीकरण पर रोक लगाई जाये. जन सेवा के विभागों का विस्तार कर जनता को बेहतर जन सेवाएं प्रदान की जाये. निजीकरण को बढ़ावा देने वाला शिक्षा बिल वापिस लिया जाये.
(2) NPS रद्द कर पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाये.
(3) ठेका प्रथा समाप्त कर ठेका/संविदा कर्मचारियों को विभागों में नियमित वेतनमान में समायोजित किया जाए और समस्त अस्थाई कार्मिकों को स्थाई किया जाये. स्थाई होने तक समान काम-समान वेतन तथा सेवा सुरक्षा प्रदान की जाये.
(4) कोविड-19 की आड़ में तानाशाहीपूर्ण ढंग से महंगाई भत्ते पर लगाई रोक को हटाया जाये. स्थगित वेतन का भुगतान किया जाये और वेतन कटौती बंद की जाये.
(5) सरकारी विभागों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारियों को समय पूर्व सेवानिवृत्ति करने का परिपत्र वापस लिया जाये.
(6) किसान विरोधी तथा मजदूर विरोधी बनाए गए कानूनों को वापस लिया जाये।
(7) समस्त विभागों में कार्यभार के अनुसार नए पदों का सृजन किया जाये और खाली पदों को स्थाई नियुक्ति से भरा जाये. आरक्षित श्रेणियों के बैकलॉग को विशेष भर्ती कर भरा जाये.
(8) गैर आयकर दाता समस्त परिवारों को प्रतिमाह 7500 रुपयों का नकद हस्तांतरण किया जाए और सभी जरूरतमंदों को प्रतिमाह 10 किलो मुफ्त राशन दिया जाये.
(9) राज्य के कर्मचारियों को केंद्र के समान वेतनमान दिया जाये. वर्ष 2013 के उच्चीकृत पे- ग्रेड के आदेशों को 30 अक्टूबर 2017 द्वारा वापस ले लिया गया तथा प्रारंभिक वेतन प्रत्येक पे- ग्रेड में कम कर दिया गया. उसे पुनः बहाल करते हुए सातवें वेतनमान में वेतन स्थिरीकरण किया जाये.
(10) राज्य कर्मचारियों को 7, 14, 21 व 28 वर्ष पर चयनित वेतनमान दिया जाये.