EWS Reservation: श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन ने किया BJP का सम्मान, उठाई ये मांग

फांउडेशन ने गुजरात और राजस्थान का मॉडल ही केन्द्र की ओर से लागू किए जाने की मांग की है.
केन्द्र सरकार (Central government) की ओर से पिछड़े सवर्णों को दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण (EWS Reservation) और उसके बाद इसमें व्याप्त इसकी बाधाओं (Obstacles) को दूर करने में राज्य सरकार (State government) तक आवाज पहुंचाने में की गई मदद को लेकर रविवार को श्री क्षात्र पुरूषार्थ फाउंडेशन (Shri Kshatra Purusharth Foundation) ने बीजेपी का सम्मान (BJP's honor) किया.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: November 17, 2019, 6:31 PM IST
जयपुर. केन्द्र सरकार (Central government) की ओर से पिछड़े सवर्णों को दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण (EWS Reservation) और उसके बाद इसमें व्याप्त इसकी बाधाओं (Obstacles) को दूर करने में राज्य सरकार (State government) तक आवाज पहुंचाने में की गई मदद को लेकर रविवार को श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन (Shri Kshatra Purusharth Foundation) की ओर से प्रदेश बीजेपी का सम्मान (BJP's honor) किया गया. इस मौके पर फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish punia) और संगठन महामंत्री चंद्रशेखर (Chandrasekhar) का साफा बांधकर सम्मान किया.
केंद्र सरकार तक मांग पहुंचाने का किया आग्रह
फाउंडेशन से जुडे श्रवण सिंह बगड़ी की अगुवाई में बड़ी तादाद में राजपूत समाज के युवा बीजेपी मुख्यालय पहुंचे. इस मौके पर फांउडेशन के प्रतिनिधियों ने मांग उठाई कि EWS आरक्षण को लेकर राजस्थान और गुजरात में जो मॉडल लागू हैं वो ही केंद्र सरकार की ओर से भी लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने बीजेपी नेताओं से आग्रह किया कि उनके ये मांग केंद्र सरकार तक पहुंचाई जाए.
पूनिया बोले केन्द्र तक पहुंचाई जाएगी मांगबीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह व अन्य नेताओं ने आश्वस्त किया है कि केंद्र सरकार तक इस मांग को पहुंचाया जाएगा. श्रवण सिंह बगड़ी ने कहा केन्द्र सरकार की ओर से सवर्णों को दिए गए आरक्षण के बाद इस मामले में आ रही बाधाओं के निराकरण के लिए बीजेपी की ओर से किए गए प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद देने समाज के लोग यहां आए हैं. बगड़ी ने कहा कि समाज उन सभी का सम्मान कर रहा है जिन्होंने आरक्षण लागू कराने और इसकी बाधाओं को हटाने में सहयोग किया है.
राजस्थान में अचल संपत्ति संबंधी प्रावधान हटाया जा चुका है
उल्लेखनीय है कि पिछड़े सवर्णों को केन्द्र सरकार की ओर से 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के बाद राजस्थान में भी इसे लागू कर दिया गया है. वहीं राजस्थान सरकार ने इस EWS आरक्षण में बाधा बन रहे अचल संपत्ति संबंधी प्रावधान को भी हटा दिया है. इस बाधा के कारण पहले इसके प्रमाण-पत्र बनवाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. अब केवल अब अधिकतम 8 लाख रुपए वार्षिक आय ही आधार इसका रहेगी. इससे पहले गुजरात में भी इस बाधा को हटाया जा चुका है. फांउडेशन ने गुजरात और राजस्थान का मॉडल को ही केन्द्र की ओर से लागू किए जाने की मांग की है.पंचायत चुनाव की बिसात बिछी, यहां देखें कहां-कहां बढ़ीं पंचायतें और समितियां
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केंद्र सरकार तक मांग पहुंचाने का किया आग्रह
फाउंडेशन से जुडे श्रवण सिंह बगड़ी की अगुवाई में बड़ी तादाद में राजपूत समाज के युवा बीजेपी मुख्यालय पहुंचे. इस मौके पर फांउडेशन के प्रतिनिधियों ने मांग उठाई कि EWS आरक्षण को लेकर राजस्थान और गुजरात में जो मॉडल लागू हैं वो ही केंद्र सरकार की ओर से भी लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने बीजेपी नेताओं से आग्रह किया कि उनके ये मांग केंद्र सरकार तक पहुंचाई जाए.
पूनिया बोले केन्द्र तक पहुंचाई जाएगी मांगबीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह व अन्य नेताओं ने आश्वस्त किया है कि केंद्र सरकार तक इस मांग को पहुंचाया जाएगा. श्रवण सिंह बगड़ी ने कहा केन्द्र सरकार की ओर से सवर्णों को दिए गए आरक्षण के बाद इस मामले में आ रही बाधाओं के निराकरण के लिए बीजेपी की ओर से किए गए प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद देने समाज के लोग यहां आए हैं. बगड़ी ने कहा कि समाज उन सभी का सम्मान कर रहा है जिन्होंने आरक्षण लागू कराने और इसकी बाधाओं को हटाने में सहयोग किया है.
राजस्थान में अचल संपत्ति संबंधी प्रावधान हटाया जा चुका है
उल्लेखनीय है कि पिछड़े सवर्णों को केन्द्र सरकार की ओर से 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के बाद राजस्थान में भी इसे लागू कर दिया गया है. वहीं राजस्थान सरकार ने इस EWS आरक्षण में बाधा बन रहे अचल संपत्ति संबंधी प्रावधान को भी हटा दिया है. इस बाधा के कारण पहले इसके प्रमाण-पत्र बनवाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. अब केवल अब अधिकतम 8 लाख रुपए वार्षिक आय ही आधार इसका रहेगी. इससे पहले गुजरात में भी इस बाधा को हटाया जा चुका है. फांउडेशन ने गुजरात और राजस्थान का मॉडल को ही केन्द्र की ओर से लागू किए जाने की मांग की है.पंचायत चुनाव की बिसात बिछी, यहां देखें कहां-कहां बढ़ीं पंचायतें और समितियां
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First published: November 17, 2019, 6:22 PM IST