आपके लिये इसका मतलब: कॉलोनी काटकर मूलभूत सुविधा नहीं दी तो डवलपर्स की खैर नहीं, JDA उठायेगा यह कड़ा कदम

ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी करने वाले डवलपर्स के मालिकाना हक वाले साढ़े 12 फीसदी जमीन के सभी प्लाट्स को जेडीए कब्जे में लेकर उनको नीलाम कर देगा.
जयपुर विकास प्राधिकरण (Jaipur Development Authority) ने सुविधायुक्त कॉलोनी का झांसा देकर प्लॉट बेचने वाले डवलपर्स पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. अब डवलपर्स ने अगर ग्राहकों को उचित मूलभूत सविधायें (Basic facilities) उपलब्ध नहीं करवाई तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: February 23, 2021, 3:23 PM IST
जयपुर. घर का सपना (Dream house) सच कीजिए और वो भी सस्ते दामों पर. अक्सर इस तरह के विज्ञापनों देखकर आम आदमी घर का सपना साकार करने के लिए निजी डवलपर्स (Developers) से प्लॉट खरीद लेते हैं. सस्ते दामों पर प्लाट बेचकर कॉलोनी में बिना समुचित विकास करवाये कुछ दिन बाद डवलपर्स रफूचक्कर हो जाता है। उसके बाद वहां प्लॉट खरीदने वाले या तो माथा पीटते रहते हैं या फिर कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाते रहे हैं। लोगों से ऐसी दगाबाजी करने वाले निजी विकासकर्ता यानि डवलपर्स के खिलाफ अब जयपुर विकास प्राधिकरण (Jaipur Development Authority) ने शिंकजा कसना शुरू कर दिया है.
जेडीए आयुक्त गौरव गोयल ने बताया कि राजधानी जयपुर में लगातार बढ़ते ऐसे मामलों को देखते हुए जेडीए ने हाल ही में इस तरह की कॉलोनियों का एक विस्तृत सर्वे करवाया है. सर्वे के बाद अब जेडीए कॉलोनी काट कर बिना विकास कार्य करवाने वाले डवलपर्स की जमीनों को कब्जे में लेने का काम शुरू कर रही है. टाउनशिप पॉलिसी के तहत कॉलोनी में डवलपर्स के पास मालिकाना हक के तौर पर साढ़े बारह प्रतिशत जमीन के प्लॉट होते हैं. जेडीए अब डवलपर्स के हिस्से के प्लॉटों को अपने कब्जे में लेकर नीलाम करने का काम कर रहा है.
50 कॉलोनियों को चिन्हित किया गया है
जेडीसी गौरव गोयल की मानें तो प्रथम फेज में राजधानी जयपुर में ऐसी 50 कॉलोनियों को चिन्हित किया गया है जहां कॉलोनी काट कर उसमें मूलभूत विकास कार्य सड़क, बिजली, पानी और सीवरेज काम नहीं हुये हैं. ऐसे डवलपर्स को जेडीए ने नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है. अगर नोटिस के बाद भी डवलपर्स ने अगले 15 दिनों में अधूरे विकास कार्य करवाने को लेकर कोई कमिटमेंट नहीं किया या कार्य शुरू नहीं किया तो उसके मालिकाना हक वाले साढ़े 12 फीसदी जमीन के सभी प्लाट्स को जेडीए कब्जे में लेकर नीलाम करेगा. उससे जो पैसा आएगा उससे कॉलोनी का विकास कार्य करवाया जायेगा.
जेडीए आयुक्त गौरव गोयल ने बताया कि राजधानी जयपुर में लगातार बढ़ते ऐसे मामलों को देखते हुए जेडीए ने हाल ही में इस तरह की कॉलोनियों का एक विस्तृत सर्वे करवाया है. सर्वे के बाद अब जेडीए कॉलोनी काट कर बिना विकास कार्य करवाने वाले डवलपर्स की जमीनों को कब्जे में लेने का काम शुरू कर रही है. टाउनशिप पॉलिसी के तहत कॉलोनी में डवलपर्स के पास मालिकाना हक के तौर पर साढ़े बारह प्रतिशत जमीन के प्लॉट होते हैं. जेडीए अब डवलपर्स के हिस्से के प्लॉटों को अपने कब्जे में लेकर नीलाम करने का काम कर रहा है.
50 कॉलोनियों को चिन्हित किया गया है
जेडीसी गौरव गोयल की मानें तो प्रथम फेज में राजधानी जयपुर में ऐसी 50 कॉलोनियों को चिन्हित किया गया है जहां कॉलोनी काट कर उसमें मूलभूत विकास कार्य सड़क, बिजली, पानी और सीवरेज काम नहीं हुये हैं. ऐसे डवलपर्स को जेडीए ने नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है. अगर नोटिस के बाद भी डवलपर्स ने अगले 15 दिनों में अधूरे विकास कार्य करवाने को लेकर कोई कमिटमेंट नहीं किया या कार्य शुरू नहीं किया तो उसके मालिकाना हक वाले साढ़े 12 फीसदी जमीन के सभी प्लाट्स को जेडीए कब्जे में लेकर नीलाम करेगा. उससे जो पैसा आएगा उससे कॉलोनी का विकास कार्य करवाया जायेगा.