आपके लिये इसका मतलब: जयपुर के परकोटे में अब निर्माण कराना नहीं होगा आसान, नये नियम हुये लागू

नए नियम जारी होने के साथ ही इस प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं.
यूनेस्को की विश्व विरासत (UNESCO World Heritage City) की सूची में शामिल में गुलाबीनगर जयपुर के परकोट में नया निर्माण कार्य करवाना या पुनर्निर्माण कराना आसान नहीं रह गया है. इसके लिये नये नियम (New rules) लागू कर दिये गये हैं.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: January 22, 2021, 11:01 AM IST
जयपुर. यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी (UNESCO World Heritage City) की सूची में शामिल पिंक सिटी जयपुर के परकोटा इलाके में अब नया निर्माण (New Construction) करना आसान नहीं होगा. यहां नये निर्माण की अनुमति के लिए हेरिटेज नगर निगम ने नये नियम जारी कर दिए हैं. अब नए निर्माण के लिए ली जाने वाली अनुमति की फाइल अब कई जगह घूमेगी. ऐसे में अनुमति की प्रक्रिया और भी पेचीदा हो गई है. बीजेपी ने हेरिटेज नगर निगम की ओर से जारी किये गए नए नियमों से भ्रष्टाचार फैलने की आशंका जताई है.
यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल जयपुर के परकोटे में अब नया निर्माण या फिर पुनर्निर्माण करने के लिए अब कई स्तर पर अनुमति लेनी पड़ेगी. नियमों के तहत अनुमति के लिए फाइल कई टेबल्स से होकर गुजरेगी. परकोटा क्षेत्र के मुख्य बाजारों के दोनों तरफ के भवनों के साथ ही चयनित 1575 हेरिटेज भवन, इमारतें और हेरिटेज वॉक-वे में निर्माण या पुनर्निमाण के लिए अनुमति के लिये ये नियम बनाये गये हैं. परकोटे क्षेत्र की छोटी गलियों और अन्य जगहों पर भी कुछ इस ढंग से भवन निर्माण की अनुमति मिल पाएगी.
यह रहेगी अनुमति के प्रक्रिया
- सबसे पहले भवन निर्माण/पुनर्निर्माण के लिए जोन कार्यालय में आवेदन करना होगा.- भूखंड स्वामित्व की जांच के बाद जोन कार्यालय मौका रिपोर्ट देगा.
- भवन विनियमों के अनुसार मानचित्र की जांच होगी. उसके बाद फाइल को हेरिटेज प्रकोष्ठ के पास भेजा जाएगा.
- हेरिटेज प्रकोष्ठ की मंजूरी के बाद फाइल टेक्नीकल हेरिटेज कमेटी के पास जाएगी.
- टेक्नीकल कमेटी की अभिशंषा के बाद पत्रावली मेयर या भवन निर्माण-संकर्म समिति के पास जाएगी.
- यहां से अनुमोदन के बाद पत्रावली फिर जोन कार्यालय आएगी.
- जोन में नियमानुसार देय राशि जमा करवाने के बाद भवन निर्माण की अनुमति मिलेगी.
इसलिये किया गया है ऐसा
ऐसा इसलिये किया गया है क्योंकि यूनेस्को की विश्व विरासत की सूची में बने रहने के लिये कई नियमों की पालना करने की बाध्यता है. इसके तहत परकोटे का हेरिटेज लुक ना बिगड़े और उसका मूल स्वरूप बरकरार रहे इसके लिये ये कदम उठाये जा रहे हैं.
बीजेपी ने नई प्रक्रिया पर उठाये सवाल
नए नियम जारी होने के साथ ही इस प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं. हेरिटेज में मेयर पद की बीजेपी प्रत्याशी रही पार्षद कुसुम यादव के अनुसार इस प्रक्रिया से भ्रष्टाचार बढे़गा और साथ ही मनमानी भी. वहीं हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर ने पलटवार करते हुए कहा है कि जो लोग भ्रष्टाचार करते हैं उन्हें ये लग रहा है कि भ्रष्टाचार बढ़येगा. जबकि नए नियमों से अवैध निर्माण पर लगाम लगेगी.
यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल जयपुर के परकोटे में अब नया निर्माण या फिर पुनर्निर्माण करने के लिए अब कई स्तर पर अनुमति लेनी पड़ेगी. नियमों के तहत अनुमति के लिए फाइल कई टेबल्स से होकर गुजरेगी. परकोटा क्षेत्र के मुख्य बाजारों के दोनों तरफ के भवनों के साथ ही चयनित 1575 हेरिटेज भवन, इमारतें और हेरिटेज वॉक-वे में निर्माण या पुनर्निमाण के लिए अनुमति के लिये ये नियम बनाये गये हैं. परकोटे क्षेत्र की छोटी गलियों और अन्य जगहों पर भी कुछ इस ढंग से भवन निर्माण की अनुमति मिल पाएगी.
यह रहेगी अनुमति के प्रक्रिया
- सबसे पहले भवन निर्माण/पुनर्निर्माण के लिए जोन कार्यालय में आवेदन करना होगा.- भूखंड स्वामित्व की जांच के बाद जोन कार्यालय मौका रिपोर्ट देगा.
- भवन विनियमों के अनुसार मानचित्र की जांच होगी. उसके बाद फाइल को हेरिटेज प्रकोष्ठ के पास भेजा जाएगा.
- हेरिटेज प्रकोष्ठ की मंजूरी के बाद फाइल टेक्नीकल हेरिटेज कमेटी के पास जाएगी.
- टेक्नीकल कमेटी की अभिशंषा के बाद पत्रावली मेयर या भवन निर्माण-संकर्म समिति के पास जाएगी.
- यहां से अनुमोदन के बाद पत्रावली फिर जोन कार्यालय आएगी.
- जोन में नियमानुसार देय राशि जमा करवाने के बाद भवन निर्माण की अनुमति मिलेगी.
इसलिये किया गया है ऐसा
ऐसा इसलिये किया गया है क्योंकि यूनेस्को की विश्व विरासत की सूची में बने रहने के लिये कई नियमों की पालना करने की बाध्यता है. इसके तहत परकोटे का हेरिटेज लुक ना बिगड़े और उसका मूल स्वरूप बरकरार रहे इसके लिये ये कदम उठाये जा रहे हैं.
बीजेपी ने नई प्रक्रिया पर उठाये सवाल
नए नियम जारी होने के साथ ही इस प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं. हेरिटेज में मेयर पद की बीजेपी प्रत्याशी रही पार्षद कुसुम यादव के अनुसार इस प्रक्रिया से भ्रष्टाचार बढे़गा और साथ ही मनमानी भी. वहीं हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर ने पलटवार करते हुए कहा है कि जो लोग भ्रष्टाचार करते हैं उन्हें ये लग रहा है कि भ्रष्टाचार बढ़येगा. जबकि नए नियमों से अवैध निर्माण पर लगाम लगेगी.