फीस वसूली प्रकरण: सरकार और निजी स्कूल संचालकों में समझौता वार्ता सफल, इन मुद्दों पर बनी सहमति

मंत्री डोटासरा ने कहा कि आरटीई का वाजिब बकाया भुगतान भी निजी स्कूलों को किया जाएगा.
Fee Collection Case: इस मसले को लेकर गत 10 दिन से आंदोलन कर रहे प्राइवेट स्कूल संचालकों (Private school operators) का आंदोलन सरकार से बातचीत के बाद समाप्त हो गया है. लेकिन अभी यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: November 20, 2020, 12:25 PM IST
जयपुर. फीस वसूली के मसले (Fee Collection Case) को लेकर गत 10 दिनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे प्रदेश के निजी स्कूल संचालकों और सरकार (Private school operators and government) के बीच गुरुवार को हुई समझौता वार्ता सफल हो गई है. शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) ने निजी स्कूल संचालकों के प्रतिनिधिमंडल को अपने निवास पर बुलाया और करीब डेढ़ घंटे तक 15 सूत्री मांग पत्र पर विस्तारपूर्वक चर्चा की.
डोटासरा ने निजी स्कूल संचालकों से वार्ता को सफल करार दिया. उन्होंने कहा कि निजी स्कूल सरकार द्वारा तय की गई शर्तों के मुताबिक फीस वसूल कर सकेंगे. लेकिन दूसरी तरफ फीस वसूली का मामला अभी हाईकोर्ट में लंबित है.
वार्ता में इन पर बातों पर बनी सहमति
डोटासरा ने बताया कि सीबीएसई स्कूल ट्यूशन फीस का 70 फीसदी ले सकेंगे. वहीं राजस्थान बोर्ड के निजी स्कूल 60 फीसदी ट्यूशन फीस अभिभावकों से ले सकेंगे. मंत्री गोविंद डोटासरा ने कहा कि आरटीई का वाजिब बकाया भुगतान भी निजी स्कूलों को किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने पानी बिजली के बिल और यूडी टैक्स में रियायत देने का भी निजी स्कूल संचालकों को भरोसा दिया है. इसके लिए मंत्री गोविंद डोटासरा संबंधित विभागों को पत्र लिखेंगे. डोटासरा के साथ हुई वार्ता को निजी स्कूल संचालकों ने भी सफल बताया और मौके पर ही आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा की.Big News: गहलोत सरकार का बड़ा निर्णय, इस बार बिना परीक्षा दिये प्रमोट नहीं होंगे 1.5 करोड़ छात्र

अभी कोर्ट में चल रहा है मामला
उल्लेखनीय है कि निजी स्कूल संचालकों और मंत्री के बीच हुई वार्ता में एकबारगी मसला भले ही निपट गया हो, लेकिन अभी यह मामला हाईकोर्ट में लंबित चल रहा है. हाईकोर्ट में अभी यह मामला सुनवाई में है. राज्य सरकार ने कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए पूर्व में अपने 2 अलग-अलग सर्कुलर के जरिए फीस स्थगन के आदेश जारी किए थे. उसे निजी स्कूलों द्वारा हाई कोर्ट की एकलपीठ में चुनौती दी गई. एकलपीठ ने 7 सितम्बर को निजी स्कूलों को 70 प्रतिशत फीस चार्ज करने की छूट दे दी थी. उसे सरकार व अन्य ने खंडपीठ में चुनौती दे रखी है. खंडपीठ ने 1 अक्टूबर को एकलपीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी.
डोटासरा ने निजी स्कूल संचालकों से वार्ता को सफल करार दिया. उन्होंने कहा कि निजी स्कूल सरकार द्वारा तय की गई शर्तों के मुताबिक फीस वसूल कर सकेंगे. लेकिन दूसरी तरफ फीस वसूली का मामला अभी हाईकोर्ट में लंबित है.
वार्ता में इन पर बातों पर बनी सहमति
डोटासरा ने बताया कि सीबीएसई स्कूल ट्यूशन फीस का 70 फीसदी ले सकेंगे. वहीं राजस्थान बोर्ड के निजी स्कूल 60 फीसदी ट्यूशन फीस अभिभावकों से ले सकेंगे. मंत्री गोविंद डोटासरा ने कहा कि आरटीई का वाजिब बकाया भुगतान भी निजी स्कूलों को किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने पानी बिजली के बिल और यूडी टैक्स में रियायत देने का भी निजी स्कूल संचालकों को भरोसा दिया है. इसके लिए मंत्री गोविंद डोटासरा संबंधित विभागों को पत्र लिखेंगे. डोटासरा के साथ हुई वार्ता को निजी स्कूल संचालकों ने भी सफल बताया और मौके पर ही आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा की.Big News: गहलोत सरकार का बड़ा निर्णय, इस बार बिना परीक्षा दिये प्रमोट नहीं होंगे 1.5 करोड़ छात्र
अभी कोर्ट में चल रहा है मामला
उल्लेखनीय है कि निजी स्कूल संचालकों और मंत्री के बीच हुई वार्ता में एकबारगी मसला भले ही निपट गया हो, लेकिन अभी यह मामला हाईकोर्ट में लंबित चल रहा है. हाईकोर्ट में अभी यह मामला सुनवाई में है. राज्य सरकार ने कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए पूर्व में अपने 2 अलग-अलग सर्कुलर के जरिए फीस स्थगन के आदेश जारी किए थे. उसे निजी स्कूलों द्वारा हाई कोर्ट की एकलपीठ में चुनौती दी गई. एकलपीठ ने 7 सितम्बर को निजी स्कूलों को 70 प्रतिशत फीस चार्ज करने की छूट दे दी थी. उसे सरकार व अन्य ने खंडपीठ में चुनौती दे रखी है. खंडपीठ ने 1 अक्टूबर को एकलपीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी.