गहलोत सरकार ने प्रदेश में बेकाबू हो रहे कोरोना वायरस (Uncontrolled Corona) के संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरी ब्यूरोक्रेसी (Bureaucracy) को झौंक दिया है. आईएएस और आरएएस अपने मूल विभाग के काम को छोड़कर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को अपनी सेवाएं दे रहे हैं. चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन के अंडर में ही 22 आईएएस और 19 आरएएस (IAS-RAS) अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
सरकार ने गत 16 अप्रैल से लेकर 23 अप्रैल तक 50 से ज्यादा नौकरशाहों की कोविड की रोकथाम में ड्यूटी लगाई है. फिर भी कोरोना अनकंट्रोल होता जा रहा है. सरकार की ओर से बनाए गए प्रदेश स्तरीय कोविड-19 कंट्रोल रूम में भी 20 से ज्यादा नौकरशाहों की ड्यूटी लगी है.
प्रदेश में लगातार हो रहे कोरोना विस्फोट पर काबू करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए गहलोत सरकार ने पूरी ताकत लगा दी है. कोविड-19 के इलाज के बेहतर प्रबंधन के लिये सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों से लेकर आईपीएस और आरएएस अधिकारियों को झौंक दिया है. इन अधिकारियों को कोविड-19 की रोकथाम का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है. कोविड-19 की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिलों के प्रभारी सचिवों को भी अलग से टास्क दिया है.
गहलोत सरकार की ओर से बनाए गए प्रदेश स्तरीय कोविड-19 कंट्रोल रूम में भी 20 से ज्यादा नौकरशाहों की ड्यूटी लगाई गई है. इनमें आईपीएस और आरएएस अधिकारी शामिल हैं. इस कंट्रोल रूम के जरिए प्रदेश के सभी जिलों की दैनिक रिपोर्ट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास भेजी जा रही है. ऑक्सीजन और कोविड बेड की उपलब्धता का काम भी कंट्रोल रूम के जरिये किया जा रहा है.
प्रभारी सचिव जिलों में जाकर कोरोना रोकथाम को लेकर लोगों को जागरुक करेंगे. इसके साथ ही जिला स्तर पर हो रहे कामकाज की भी समीक्षा करेंगे. कोविड गाइडलाइन और वीकेंड कर्फ्यू की सख्ती से साथ पालना का टास्क जिला कलेक्टर्स को दिया गया है. साथ ही मुख्यमंत्री की ओर से यह निर्देश भी दिए गये हैं कि जिला मुख्यालयों से कोई भी कर्मचारी-अधिकारी बिना सूचना के गैर हाजिर नहीं रहेगा.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
FIRST PUBLISHED : April 26, 2021, 15:30 IST