जयपुर में मीडिया के सवालों का जवाब देते राजस्थान कांग्रेस के नवनियुक्त प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा.
विष्णु शर्मा.
जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) का कहना है कि उनका डीएनए कांग्रेस है. कांग्रेस उनका परिवार है. रंधावा ने कहा कि जो कांग्रेस (Congress) का नुकसान करते हैं वह कांग्रेसी नहीं हो सकते. जो कांग्रेस के वफादार हैं वह कांग्रेस के खिलाफ कभी नहीं सोच सकते. सुखविंदर सिंह ने कहा कि वे नहीं मानते कि राजस्थान के हालात चिंताजनक है या फिर पंजाब के जैसे हैं. राजस्थान में चल रहे राजनीतिक घमासान पर सुखविंदर ने कहा वे अभी नए हैं और पहली बार राजस्थान आए हैं. भारत जोड़ो यात्रा समाप्त होने के बाद मिल बैठकर सबसे बात करेंगे.
राजस्थान प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी राहुल गांधी का आभार जताते हुए कहा कि वे जिस पंजाब की धरती से आए हैं वहां गुरु नानक जी ने सांझी वार्ता के संदेश दिए हैं. अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट के विवाद पर रंधावा ने कहा कि ऐसा सब राज्यों में होता है. पार्टी ने मेरे ऊपर जो विश्वास जताया है उस पर वे खरा उतरने का प्रयास करेंगे. मिल बैठकर पूरे मामले को सुलझा लिया जाएगा.
राजस्थान में चल रही है गहलोत बनाम पायलट में खींचतान
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में सीएम की कुर्सी को लेकर गहलोत और पायलट में बीते करीब दो साल से घमासान चल रहा है. कुर्सी की इस लड़ाई में कांग्रेस की यह अंदरुनी कलह पूरी तरह से सड़क पर आ चुकी है. पायलट की बगावत का मुद्दा शांत होने के बाद बीते 25 सितंबर को राजस्थान में सीएम की कुर्सी को लेकर फिर सियासी बवाल हो गया था. उस दौरान गहलोत गुट के विधायकों ने बवाल कर दिया था. आलाकमान की पायलट को सीएम की कुर्सी सौंप देने के अंदेशे के चलते करीब 90 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष अपने इस्तीफे सौंप दिए थे.
अजय माकन ने पिछले दिनों दे दिया था इस्तीफा
बाद में इस मामले को लेकर अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से दिल्ली जाकर माफी भी मांगी थी. इस पूरे घटनाक्रम में गहलोत गुट के वरिष्ठ मंत्री शांतिलाल धारीवाल और जलदाय मंत्री महेश जोशी समेत आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ को पार्टी की ओर से अनुशासनहीनता का कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था. उसके बाद राजस्थान कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने अपने पद से इस्तीफा सौंप दिया था. बताया जा रहा है कि इस घटनाक्रम के दो महीने बाद भी अनुशासनहीनता करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से माकन आहत हो गए थे और उन्होंने प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद अब रंधावा को राजस्थान कांग्रेस की कमान सौंपी गई है.
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