क्या पायलट गुट की मुसीबतें होंगी खत्म? SC में दाखिल SLP वापस लेगी अशोक गहलोत सरकार

मुख्य सचेतक महेश जोशी ने एसएलपी वापस लेने की अर्जी दाखिल कर दी. लेकिन अभी भी स्पीकर सीपी जोशी की एसएलपी बरकरार रहेगी.
Gehlot Vs Pilot: गत वर्ष सत्ता के संघर्ष के समय सचिन पायलट समेत बगावत करने वाले 19 विधायकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से दायर की गई एसएलपी (SLP) वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: February 23, 2021, 8:34 AM IST
जयपुर. राजस्थान में सियासी संग्राम के चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट गुट (Gehlot Vs Pilot) के बीच जमी बर्फ अब पिघलने लगी है. रिश्तों में इस बर्फ को पिघलाने में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) की बड़ी भूमिका बताई जा रही है. सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी की याचिका से पिछले साल प्रदेश में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था. अब महेश जोशी ने सचिन पायलट सहित 19 विधायकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अनुमति याचिका (SLP) को वापस लेने के लिए अर्जी दाखिल कर दी है.
गत वर्ष सचिन पायलट सहित 19 विधायकों की बगावत के बाद मुख्य सचेतक महेश जोशी ने 13 जुलाई 2020 को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के समक्ष एक याचिका दायर करके सभी विधायकों पर पार्टी व्हिप के उलंघन का आरोप लगाया था. इस पर स्पीकर ने 16 जुलाई को सभी विधायकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था, लेकिन पायलट गुट ने स्पीकर के समक्ष पेश न होकर नोटिस को ही हाई कोर्ट में चुनौती दे दी थी. इस पर हाई कोर्ट की खंडपीठ ने 24 जुलाई को स्पीकर को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था.
स्पीकर नहीं लेंगे SLP वापस
हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ स्पीकर सीपी जोशी और मुख्य सचेतक महेश जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दी थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करके सभी पक्षों से जवाब मांगा है. इस बीच महेश जोशी ने एसएलपी वापस लेने की अर्जी दाखिल कर दी, लेकिन अभी भी स्पीकर सीपी जोशी की SLP बरकरार रहेगी. स्पीकर के अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश से स्पीकर के अधिकारों में हस्तक्षेप हुआ है. यह एक संवैधानिक प्रश्न है. इसे सुप्रीम कोर्ट को तय करना है. हम एसएलपी वापस नहीं लेंगे.SLP वापस लेने के सियासी मायने
इस बीच सचिन पायलट गुट से सरकार की सुलह हो गई. 14 अगस्त 2020 को सरकार ने विधानसभा में विश्वासमत हासिल कर लिया, लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित चल रहा था. इससे सरकार पर कई तरह से सवाल उठ रहे थे. जानकारों का कहना है कि प्रदेश प्रभारी अजय माकन के कहने पर एसएलपी वापस लेने की अर्जी दाखिल की गई है.
गत वर्ष सचिन पायलट सहित 19 विधायकों की बगावत के बाद मुख्य सचेतक महेश जोशी ने 13 जुलाई 2020 को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के समक्ष एक याचिका दायर करके सभी विधायकों पर पार्टी व्हिप के उलंघन का आरोप लगाया था. इस पर स्पीकर ने 16 जुलाई को सभी विधायकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था, लेकिन पायलट गुट ने स्पीकर के समक्ष पेश न होकर नोटिस को ही हाई कोर्ट में चुनौती दे दी थी. इस पर हाई कोर्ट की खंडपीठ ने 24 जुलाई को स्पीकर को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था.
स्पीकर नहीं लेंगे SLP वापस
हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ स्पीकर सीपी जोशी और मुख्य सचेतक महेश जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दी थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करके सभी पक्षों से जवाब मांगा है. इस बीच महेश जोशी ने एसएलपी वापस लेने की अर्जी दाखिल कर दी, लेकिन अभी भी स्पीकर सीपी जोशी की SLP बरकरार रहेगी. स्पीकर के अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश से स्पीकर के अधिकारों में हस्तक्षेप हुआ है. यह एक संवैधानिक प्रश्न है. इसे सुप्रीम कोर्ट को तय करना है. हम एसएलपी वापस नहीं लेंगे.SLP वापस लेने के सियासी मायने
इस बीच सचिन पायलट गुट से सरकार की सुलह हो गई. 14 अगस्त 2020 को सरकार ने विधानसभा में विश्वासमत हासिल कर लिया, लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित चल रहा था. इससे सरकार पर कई तरह से सवाल उठ रहे थे. जानकारों का कहना है कि प्रदेश प्रभारी अजय माकन के कहने पर एसएलपी वापस लेने की अर्जी दाखिल की गई है.