राजस्थान में फिर बनी BJP सरकार तो ‘गोरखधंधा’ शब्द पर लगेगा बैन

वसुंधरा राजे.
इस शब्द के इस्तेमाल को दंडनीय अपराध भी बनाया जाएगा. पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में मंगलवार को यह घोषणा की.
- भाषा
- Last Updated: November 27, 2018, 9:54 PM IST
भारतीय जनता पार्टी अगर राजस्थान में फिर सत्ता में आई तो अनैतिक/बुरे व गलत कार्यों के लिए ‘गोरखधंधा’ शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाएगी. इतना ही नहीं इस शब्द के इस्तेमाल को दंडनीय अपराध भी बनाया जाएगा. पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में मंगलवार को यह घोषणा की.
इसमें पार्टी की भावी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा गया है, ‘अनैतिक बुरे कार्येां, गलत कार्यों के लिए ‘गोरखधंधा’ शब्द को प्रतिबंधित कर दंडित किए जाने का कानून बनाया जाएगा.’ मंगलवार को घोषणापत्र केंद्रीय मंत्रियों अरूण जेटली, प्रकाश जावडेकर और राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किया.
ये भी पढ़ें- BJP ने 52 पेज के घोषणा पत्र में राजस्थान से किए 20 बड़े वादे
घोषणापत्र समिति के सदस्य ओंकार सिंह लखावत ने इसके पीछे का औचित्य समझाते हुए कहा, ‘गुरू गोरखनाथ एक संत थे और इस शब्द का इस्तेमाल उनके अनुयायियों की भावनाओं को आहत करता है. इसलिए इस पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.’उल्लेखनीय है कि राज्य में नाथ संप्रदाय अच्छी खासी संख्या में है और उसके अनेक मठ, आसन राज्य में हैं. इसे ध्यान में रखते हुए भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि वह अगले पांच साल में नाथ समाज के मठों/ आसनों का पुनरोद्धार/जीर्णोद्धार करेगी. गुरु गोरखनाथ के पुराने योग व तंत्र के अधिष्ठाता के साहित्यिक ग्रथों के लिए लाईब्रेरी स्थापित की जाएगी.
यहां देखें- विधानसभा चुनाव का LIVE कवरेज- राजस्थान समाचार
इसी तरह गुरू गोरखनाथ के बारे में एक पाठ राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल की किताबों में शामिल होगा और राज्य में गुरू गोरखनाथ का राष्ट्रीय स्मारक बनाने की बात भी इसमें की गई है.
गोरखनाथ एक हिंदू योगी और संत थे जिन्होंने देश में नाथ हिंदू मठ की स्थापना की थी.
इसमें पार्टी की भावी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा गया है, ‘अनैतिक बुरे कार्येां, गलत कार्यों के लिए ‘गोरखधंधा’ शब्द को प्रतिबंधित कर दंडित किए जाने का कानून बनाया जाएगा.’ मंगलवार को घोषणापत्र केंद्रीय मंत्रियों अरूण जेटली, प्रकाश जावडेकर और राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किया.
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घोषणापत्र समिति के सदस्य ओंकार सिंह लखावत ने इसके पीछे का औचित्य समझाते हुए कहा, ‘गुरू गोरखनाथ एक संत थे और इस शब्द का इस्तेमाल उनके अनुयायियों की भावनाओं को आहत करता है. इसलिए इस पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.’उल्लेखनीय है कि राज्य में नाथ संप्रदाय अच्छी खासी संख्या में है और उसके अनेक मठ, आसन राज्य में हैं. इसे ध्यान में रखते हुए भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि वह अगले पांच साल में नाथ समाज के मठों/ आसनों का पुनरोद्धार/जीर्णोद्धार करेगी. गुरु गोरखनाथ के पुराने योग व तंत्र के अधिष्ठाता के साहित्यिक ग्रथों के लिए लाईब्रेरी स्थापित की जाएगी.
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इसी तरह गुरू गोरखनाथ के बारे में एक पाठ राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल की किताबों में शामिल होगा और राज्य में गुरू गोरखनाथ का राष्ट्रीय स्मारक बनाने की बात भी इसमें की गई है.
गोरखनाथ एक हिंदू योगी और संत थे जिन्होंने देश में नाथ हिंदू मठ की स्थापना की थी.