राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Child Rights Protection Commission) की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कोविड-19 महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों (Orphaned Children ) की सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098, स्थानीय पुलिस, बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण ईकाई या फिर सीधे बाल आयोग को उपलब्ध करवाने के लिए आमजन से अपील की है.
संगीता बेनीवाल ने बताया कि कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चे भी देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों की श्रेणी में आते हैं. राज्य सरकार की ओर से किशोर न्याय अधिनियम-2015 के तहत ऐसे बच्चों की गोपनीयता को संरक्षित रखते हुए उचित देखभाल एवं संरक्षणात्मक माहौल प्रदान करने की व्यवस्था की गई है.
उन्होने आमजन व स्वयंसेवी संस्थाओं से अपील की है कि ऐसे बच्चे जो अनाथ हो गए और जिनकी देखभाल करने वाला कोई अन्य परिवारजन नहीं हो तो ऐसी स्थिति में तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098, पुलिस, बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण ईकाई अथवा बाल आयोग को वॉट्सअप नंबर 7733870243 पर सूचित करें ताकि इन बच्चों को उचित सुरक्षा व देखभाल प्रदान की जा सके.
इन बच्चों की पहचान को गोपनीय रखना आवश्यक है. इनकी पहचान सोशल मिडिया या अन्य किसी माध्यम से उजागर नहीं की जानी चाहिए. इन बच्चों को गोद लेने के लिये बाल कल्याण समिति के माध्यम से उचित प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए. यदि कोई व्यक्ति इन बच्चों को खरीदता है तो इसमें किशोर न्याय अधिनियम-2015 की धारा 81 के अनुसार 5 साल की सजा और 1 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है.
उन्होंने बताया कि आयोग की ओर से सभी जिलों की बाल संरक्षण इकाइयों और बाल अधिकारिता विभाग के अधिकारियों को कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों की सूचना प्रतिदिन बाल अधिकारिता विभाग तथा आयोग कार्यालय को उपलब्ध करवाने के लिये निर्देशित किया गया है. इसके साथ ही संगीता बेनीवाल ने बाल गृहों में रह रहे 18 वर्ष से अधिक उम्र के युवक-युवतियों और स्टाफ का वैक्सीनेशन अनिवार्य रूप से करवाने के भी आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि हर बाल गृह में थर्मामीटर और ऑक्सीमीटर की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिये.
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FIRST PUBLISHED : May 06, 2021, 13:51 IST