जयपुर: संस्कृत शिक्षा की 66 स्कूलों को किया जाएगा क्रमोन्नत, 5 नई खोली जाएंगी

मंत्री गर्ग ने पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे केवल संस्कृत की बातें करते थे. मौजूदा सरकार संस्कृत पर काम करती है.
प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) संस्कृत शिक्षा (Sanskrit education) की 66 स्कूलों को क्रमोन्नत करेगी और 5 नए स्कूल भी खोलगी. संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से स्कूलों को क्रमोन्नत (Upgraded) किया जाएगा.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: January 31, 2020, 5:55 PM IST
जयपुर. प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) संस्कृत शिक्षा (Sanskrit education) की 66 स्कूलों को क्रमोन्नत करेगी और 5 नए स्कूल भी खोलगी. संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से स्कूलों को क्रमोन्नत (Upgraded) किया जाएगा. इसके लिए 50 स्कूलों को प्रवेशिका से वरिष्ठ उपाध्याय, 10 स्कूलों को आठवीं से प्रवेशिका में और छह स्कूलों को पांचवी से आठवीं कक्षा तक में क्रमोन्नत किया जाएगा. इसके साथ प्रदेश में संस्कृत शिक्षा की 5 नई स्कूलें (New schools) भी खोली जाएंगी. इन स्कूलों को प्राइमरी स्तर पर शुरू किया जाएगा.
सरकार संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है
शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा राज्य सरकार संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है. इससे राज्य की संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा. मंत्री गर्ग ने पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे केवल संस्कृत की बातें करते थे. मौजूदा सरकार संस्कृत पर काम करती है. गर्ग ने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने संस्कृत को बढ़ावा देने का महज दावा किया था. जबकि उनके कार्यकाल में केवल एक स्कूल ही क्रमोन्नत की गई थी.
कांग्रेस सरकार ने शिक्षा के ढांचे में कई परिवर्तन किए हैंउल्लेखनीय है कि मौजूदा कांग्रेस सरकार ने स्कूली शिक्षा व्यवस्था के ढांचे में कई परिवर्तन करते हुए पूर्ववर्ती सरकार के अनेक फैसले बदल दिए हैं. इसको लेकर शिक्षा मंत्री और पूर्व शिक्षामंत्री के बीच जमकर वाकयुद्ध चल चुका है. वहीं बीजेपी और कांग्रेस दोनों तरफ से इसको लेकर बयानबाजी भी चरम पर रही थी.
हाल ही में निकाला है ऑनलाइन अटेंडेंस का आदेश
हाल ही में गहलोत सरकार ने स्कूलों में लेट लतीफ आने वाले शिक्षकों पर शिंकजा कसते हुए ऑनलाइन अटेंडेंस का आदेश निकाला है. इसके तहत शिक्षकों को स्कूल खुलने के आधे घंटे के भीतर ही अपनी ऑनलाइन हाजिरी दर्ज कराना अनिवार्य है. इससे अब करीब 93 फीसदी शिक्षक समय पर स्कूल आने लग गए हैं. सरकार का यह प्रयोग काफी सफल माना जा रहा है. इससे मनमौजी रवैया अपनाने वाले शिक्षकों के सामने संकट खड़ा हो गया है.
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सरकार संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है
शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा राज्य सरकार संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है. इससे राज्य की संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा. मंत्री गर्ग ने पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे केवल संस्कृत की बातें करते थे. मौजूदा सरकार संस्कृत पर काम करती है. गर्ग ने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने संस्कृत को बढ़ावा देने का महज दावा किया था. जबकि उनके कार्यकाल में केवल एक स्कूल ही क्रमोन्नत की गई थी.
कांग्रेस सरकार ने शिक्षा के ढांचे में कई परिवर्तन किए हैंउल्लेखनीय है कि मौजूदा कांग्रेस सरकार ने स्कूली शिक्षा व्यवस्था के ढांचे में कई परिवर्तन करते हुए पूर्ववर्ती सरकार के अनेक फैसले बदल दिए हैं. इसको लेकर शिक्षा मंत्री और पूर्व शिक्षामंत्री के बीच जमकर वाकयुद्ध चल चुका है. वहीं बीजेपी और कांग्रेस दोनों तरफ से इसको लेकर बयानबाजी भी चरम पर रही थी.
हाल ही में निकाला है ऑनलाइन अटेंडेंस का आदेश
हाल ही में गहलोत सरकार ने स्कूलों में लेट लतीफ आने वाले शिक्षकों पर शिंकजा कसते हुए ऑनलाइन अटेंडेंस का आदेश निकाला है. इसके तहत शिक्षकों को स्कूल खुलने के आधे घंटे के भीतर ही अपनी ऑनलाइन हाजिरी दर्ज कराना अनिवार्य है. इससे अब करीब 93 फीसदी शिक्षक समय पर स्कूल आने लग गए हैं. सरकार का यह प्रयोग काफी सफल माना जा रहा है. इससे मनमौजी रवैया अपनाने वाले शिक्षकों के सामने संकट खड़ा हो गया है.
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