Jaipur news: बैंक खातों में जमा 8.50 लाख भी अटैच
जयपुर. प्रवर्तन निदेशालय ने निवेशकों (Investors) से धोखाधड़ी करने के मामले में मैसर्स खेतेश्वर अर्बन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी (Co-operative society) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने मैसर्स खेतेश्वर अर्बन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी की चल अचल संपत्तियों की जब्ती की कार्रवाई शुरू कर दी है. प्रवर्तन निदेशालय में सोसायटी और उसके संचालकों के खिलाफ धोखाधड़ी और निवेश की रकम न लौटाने की 50 से ज्यादा एफआईआर दर्ज कराई गई है.
प्रवर्तन निदेशालय ने सोसायटी के संचालकों से जुड़ी 3.51 करोड़ रुपये की चल अचल संपत्तियों को अटैच कर लिया है. मैसर्स खेतेश्वर अर्बन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी द्वारा बड़े पैमाने पर निवेशकों को मोटा ब्याज देने के नाम पर निवेश करवाया गया. लेकिन निवेशकों की निवेश की गई राशि को परिपक्वता होने पर भी नहीं लौटाया गया.
मनी लॉन्ड्रिंग समेत 50 से ज्यादा केस दर्ज
पुलिस के मुताबिक मैसर्स खेतेश्वर अर्बन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के संचालक राजवीर सिंह राजपुरोहित, विक्रम सिंह राजपुरोहित और शैतान सिंह व अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. मैसर्स खेतेश्वर सोसायटी के संचालकों ने एजेन्टों के जरिए बड़े पैमाने पर निवेशकों की राशि जमा कर ली थी. इसके बाद अधिकांश निवेशकों ने पुलिस को बताया कि जुलाई 2016 में जब सोसायटी में जमा राशि की परिपक्वता होने पर भुगतान मांगा तो सोसायटी संचालकों ने निवेशकों को राशि लौटाने से इंकार कर दिया. निवेशकों के साथ की गई धोखाधड़ी के मामले में राजस्थान पुलिस ने भी पचास से ज्यादा मुकदमे आईपीसी एक्ट में दर्ज किए हैं.
बैंक खातों में जमा 8.50 लाख भी अटैच
राजस्थान पुलिस की चार्जशीट के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने मैसर्स खेतेश्वर अर्बन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी में पूरे घोटाले की गहनता से जांच की है. जांच के बाद सोसायटी संचालकों के खिलाफ पीएमएलए एक्ट 2002 के तहत मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई हुई है. प्रवर्तन निदेशालय ने मैसर्स खेतेश्वर अर्बन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के संचालकों की 3,42, 59, 524 रुपए की अचल संपत्तियां अटैच की है. वहीं बैंक खातों में जमा 8.50 लाख रुपए को भी अटैच किए हैं.
धोखाधड़ी से जुड़े लोगों पर होगी कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी सोसायटी संचालकों द्वारा निवेशकों से निवेश के नाम पर हड़पी गई राशि की उच्च स्तरीय जांच कर रहे हैं. ईडी को इस मामले में लाखों रुपये के घोटाले के सूत्र मिले हैं. इसके चलते जल्द ही घोटाले से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर निवेशकों से धोखाधड़ी करने वाले ग्रुप से जुड़े लोगों की अन्य संपत्तियों को भी जल्द से जल्द जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी.
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