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जयपुर: बार-बार कोर्ट में अटकती भर्तियों पर सरकार ने अपनाया कड़ा रुख, जारी किए ये अहम निर्देश

कार्मिक विभाग  की प्रमुख सचिव रोली सिंह ने कहा कि सरकार रिक्त पदों को समयबद्ध रूप से भरने के लिए कृत संकल्पित है.

कार्मिक विभाग की प्रमुख सचिव रोली सिंह ने कहा कि सरकार रिक्त पदों को समयबद्ध रूप से भरने के लिए कृत संकल्पित है.

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) और राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) की ओर से निकाली जाने वाली भर्तियां अनावश्यक विवादों (D ...अधिक पढ़ें

जयपुर. राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) और राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) की ओर से निकाली जाने वाली भर्तियां अनावश्यक विवादों (Disputes) में ना पड़े और अदालती पचड़े में ना फंसे इसको लेकर सरकार अब गंभीर (Serious) हो गई है. बार-बार भर्तियों के कोर्ट में अटकने पर सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के सख्त निर्देश के बाद अब राज्य के कार्मिक विभाग (Personnel department) ने सभी विभागों के प्रमुखों को परिपत्र जारी (Circular issue) किया है. परिपत्र में कहा गया है कि भर्तियां अनावश्यक अदालती पचड़े में न फंसे इसका सभी विभाग विशेष ध्यान रखें. भर्तियों के कोर्ट में अटकने पर विभागों की ढिलाई पर एक्शन (Action) लिया जाएगा.

विज्ञप्ति जारी करने से पूर्व नियमों को अच्छी तरह से देख लें
कार्मिक विभाग की ओर से जारी परिपत्र में गया है कि भर्तियों के लंबित मामलों में शीघ्र सकारात्मक निस्तारण की कार्रवाई करें. भर्ती की विज्ञप्ति जारी करने से पूर्व नियमों को अच्छी तरह से देख लें. प्रावधान अनुसार आरक्षण का वर्गीकरण, योग्यता निर्धारण, पाठ्यक्रम और परीक्षा योजना संबंधित सभी बिंदुओं की पालना सही ढंग से की जाए ताकि जिससे भर्तियां अनावश्यक रूप से कानूनी पचड़े में ना फंसे. कार्मिक विभाग ने आदेश में कहा कि आरपीएससी और कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से निकाली जाने वाली भर्तियों में कुछ कमियां रह जाती हैं. इसलिए यह कोर्ट में उलझ जाती हैं और बेरोजगार अभ्यर्थियों को अनावश्यक रूप से परेशान होना पड़ता है.

सरकार रिक्त पदों को समयबद्ध रूप से भरने के लिए कृत संकल्पित है
कार्मिक विभाग की प्रमुख सचिव रोली सिंह ने कहा कि सरकार रिक्त पदों को समयबद्ध रूप से भरने के लिए कृत संकल्पित है. राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय है कि सभी सरकारी और अर्द्ध सरकारी नौकरियों से संबंधित प्रकरण जो कोर्ट में लंबित है उनके शीघ्र सकारात्मक निस्तारण के लिए कार्रवाई की जाए. जो भर्तियां कोर्ट में लंबित हैं उनके शीघ्र निस्तारण के लिए प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाए. विभागों की ओर से भर्तियों में न्यायिक विवादों के निस्तारण में शिथिलता को राज्य सरकार के स्तर पर गंभीरता से लिया जाएगा.





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