कोरोना (COVID-19) संक्रमण के चलते फिलहाल पूरा चिकित्सा महकमा इसकी रोकथाम जुटा हुआ है. हालांकि राज्य सरकार ने इस बीच अन्य मरीजों के लिए अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्थाएं की हैं, लेकिन फिर भी कैंसर, किडनी और हार्ट पेशेंट्स को कई परेशानियों (Troubles) से जूझना पड़ रहा है. वहीं कोरोना संक्रमण के कारण मजबूरी में लोगों को सरकारी अस्पतालों की बजाय निजी अस्पतालों की शरण में लेनी पड़ रही है. वहां उन पर दोहरी मार पड़ रही है. कई बड़े निजी अस्पताल अब इलाज के खर्च में पीपीई किट का खर्चा भी जोड़कर उसकी वसूली कर रहे हैं.
के चलते सरकार ने जयपुर में विभिन्न अस्पतालों में स्पेशियलिटी ओपीडी की सेवाएं बढ़ा दी हैं. जयपुर में एसएमएस अस्पताल के साथ ही शास्त्री नगर स्थित राजकीय कांवटिया अस्पताल, सेठी कॉलोनी स्थित राजकीय सेटेलाइट अस्पताल, बनीपार्क स्थित राजकीय सेटेलाइट अस्पताल में स्पेशियलिटी ओपीडी की सेवाएं बढ़ाई गई हैं. अब यहां कार्डियोलॉजी, गेस्ट्रोएन्ट्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी,
, स्किन एण्ड वीडी, ईएनटी की स्पेशियलिटी ओपीडी सेवाएं शुरू कर दी गई हैं. इससे मरीजों को अब कोरोना महामारी के दौर में एसएमएस के साथ इन अस्पतालों में भी इलाज मिल रहा है.
प्रदेश में डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीज भी बड़ी संख्या में हैं. अप्रेल 2019 से जनवरी 2020 तक के आंकड़ों के आधार पर देखे तो प्रदेश में इस समय डायबिटीज के कुल 3,50,257 मरीज हैं. वहीं हाइपरटेंशन के मरीजों की संख्या 5,89,363 हैं. डायबिटीज के मरीजों के मामले में सीकर अव्वल है. यहां इस अवधि में ओपीडी में 26,390 मरीज पहुंचे. जबकि हाइपरटेंशन के मामले में राजसमन्द सबसे आगे हैं. यहां इस अवधि में 52,364 मरीज आए थे.
प्रदेश में किसी भी मरीज को परेशानी न हो इसके लिए छोटे शहरों और कस्बों में 400 मोबाइल वैन ओपीडी यूनिट तैनात की गई हैं. ये लॉकडाउन और कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में सेवाएं दे रही हैं.
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FIRST PUBLISHED : May 01, 2020, 17:38 IST