जयपुर. आंधियों और बारिश का मौसम (Storms and rainy season) आते ही जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jaipur International Airport) की मुसीबतें बढ़ने लग गई हैं. तेज आंधी और बरसात में दिल्ली जाने वाली आधी से ज्यादा फ्लाइट्स डायवर्ट होकर जयपुर पहुंचती हैं. इस डायवर्जन की वजह से जयपुर एयरपोर्ट का खुद का शेड्यूल गड़बड़ा जाता है. वजह है पार्किंग की कमी और एयरपोर्ट पर एक रन-वे का होना. हालांकि पिछले कुछ समय में जयपुर एयरपोर्ट के पार्किंग वे में सुधार किया गया है लेकिन डायवर्जन के आगे ये कोशिशे ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर साबित हो रही हैं.
हाल ही में जयपुर में बीजेपी पदाधिकारियों की बैठक संपन्न हुई थी. इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर प्रत्येक प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष पहुंचे थे. लेकिन जब बैठक खत्म करके सब दिल्ली लौटने लगे तो ज्यादातर की फ्लाइट दिल्ली के करीब पहुंचकर वापस लौट आई. वजह थी दिल्ली में खराब मौसम. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. पहले भी होता रहा है. मौसम की खराबी की वजह से हर साल जयपुर एयरपोर्ट की परेशानियां बढ़ जाती है.
कई बार फ्लाइट्स का ये आंकड़ा 100 को पार कर जाता है
न केवल आंधियों के मौसम में बल्कि ज्यादा सर्दी के समय कोहरा और ज्यादा बारिश के कारण भी दिल्ली जाने वाली ज्यादातर फ्लाइट्स को जयपुर की तरफ मोड़ दिया जाता है. जब दिल्ली की फ्लाइट्स जयपुर लैंड करती है तो जयपुर एयरपोर्ट का शेड्यूल गड़बड़ा जाता है. खुद जयपुर एयरपोर्ट से रोजाना 57 डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स उड़ान भरती है. ऐसे में 30 से 35 फ्लाइट्स डायवर्ट होकर जयपुर पहुंच जाती है तो फ्लाइट्स का ये आंकड़ा 100 को पार कर जाता है.
देरी के कारण कई बार फ्लाइट को ही रद्द कर दिया जाता है
जयपुर एयरपोर्ट पर एक ही रन-वे होने के कारण यहां का सारा शेड्यूल धवस्त हो जाता है. जयपुर एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले यात्रियों को फ्लाइट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है. अक्सर इस देरी के कारण फ्लाइट को ही रद्द कर दिया जाता है. जयपुर एयरपोर्ट ने इस समस्या से निपटने के कुछ अतिरिक्त पार्किंग-बे बनाए लेकिन ये नाकाफी साबित हो रहे हैं. क्योंकि इससे फ्लाइट को पार्क करने की जगह तो मिल जाएगी लेकिन एक ही रन-वे होने के कारण दुबारा उड़ने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा.
कई बार फ्लाइट में ही 6 से 7 घंटे तक बैठे रहना पड़ता है
इससे न केवल जयपुर एयरपोर्ट के यात्री बल्कि दिल्ली से डायवर्ट होकर आए यात्रियों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. दिल्ली से डायवर्ट होकर आए यात्रियों को तो कई बार फ्लाइट में ही 6 से 7 घंटे बैठे रहना पड़ता है. क्योंकि 15 से 20 फ्लाइट के यात्रियों को लॉबी में लेकर जाना मुमकिन नहीं हो पाता. इनकी संख्या 500 से भी ज्यादा होती है.
मौसम की जानकारी को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी रहती है
इस मुश्किल का सबसे बड़ा कारण मौसम का जानकारी का सही समय पर ना मिल पाना भी है. तमाम आधुनिक संसाधनों के बावजूद जयपुर एयरपोर्ट पर मौसम की जानकारी को लेकर हमेशा ऊहापोह की स्थिति बनी रहती है. अगर सही समय पर जयपुर एयरपोर्ट के पास मौसम की सही जानकारी आ जाती है तो डायवर्जन की समस्या से काफी हद तक निजात मिल सकती है. फिलहाल हालात जस के तस हैं और मानसून आने वाला है. ऐसे में एक बार फिर से जयपुर एयरपोर्ट की मुश्किलें बढ़ने वाली है.
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