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कांग्रेस का सियासी संकट: 'ट्रबल शूटर' बना राजस्थान, अब गुजरात के विधायक आएंगे, यह है कारण

राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को हाईकमान सबसे सुरक्षित मानकर चल रहा है.

राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को हाईकमान सबसे सुरक्षित मानकर चल रहा है.

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के बाद अब गुजरात (Gujarat) के कांग्रेस विधायकों को भी राजस्थान (Rajasthan) लाए जाने की तैया ...अधिक पढ़ें

जयपुर. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के बाद अब गुजरात (Gujarat) के कांग्रेस विधायकों को भी राजस्थान (Rajasthan) लाए जाने की तैयारी है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक गुजरात के 20 कांग्रेस विधायकों (Congress MLAs) को शनिवार को शाम 8 बजे जयपुर (Jaipur) लाए जाने की योजना है. करीब 48 विधायकों को उदयपुर (Udaipur) शिफ्ट किया जाएगा. गुजरात में राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha elections) में बिखराव रोकने की कवायद के तहत इन विधायकों को जयपुर और उदयपुर लाने की रणनीति बनाई गई है. कांग्रेस को गुजरात में क्रॉस वोटिंग (Cross voting) का खतरा है. इसलिए गुजरात कांग्रेस के विधायकों की बाड़ेबंदी की जा रही है.

राजस्थान को सबसे सुरक्षित मानकर चल रहा है हाईकमान
राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को हाईकमान सबसे सुरक्षित मानकर चल रहा है. इसके कारण ही जिस भी राज्य में सियासी संकट के चलते विधायकों को सुरक्षित रखने की बारी आती है तो राजस्थान में बाड़ेबंदी की जाती है. राजस्थान इस वक्त एमपी और गुजरात कांग्रेस के लिए ट्रबल शूटर की भूमिका में है. इससे पहले गत नवम्बर में महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायकों की जयपुर के ब्युना विस्टा रिसॉर्ट में बाड़ेबंदी की गई थी. अब मध्यप्रदेश के विधायक 2 रिसोर्ट्स में रुके हुए हैं. उनके जाने से पहले ही गुजरात कांग्रेस के विधायकों को और लाया जा रहा है.

26 मार्च को राज्यसभा की 4 सीटों पर चुनाव होना है
गुजरात में 26 मार्च को राज्यसभा की 4 सीटों पर चुनाव होना है. संख्या बल के हिसाब से 2 सीटों पर बीजेपी और 2 पर कांग्रेस सीधी जीत दर्ज करती नजर आ रही है. लेकिन बीजेपी ने तीसरे कैंडिडेट नरहरि अमीन को उतारकर मुकाबले को रोचक कर दिया है. अमीन 2012 में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए थे.

कांग्रेस के पास 74 सीट
गुजरात की विधानसभा सीटों के आधार पर एक कैंडिडेट को जीत के लिए 37 वोटों की जरूरत है. कांग्रेस के पास 73 विधायक हैं और निर्दलीय जिग्नेश मेवानी कांग्रेस के साथ हैं. ऐसे में उनकी संख्या 74 हो गई है और उसकी 2 सीटों पर जीत होती नजर आ रही है. लेकिन बीजेपी की ओर से तीसरा कैंडिडेट उतारने के बाद कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर सताने लगा है. यही वजह है कि कांग्रेस अपने विधायकों को राजस्थान में शिफ्ट कर रही है. बीजेपी की ओर राज्यसभा के लिए अभय भारद्वाज और रमीवा बेन बारा के साथ तीसरे कैंडिडेट के तौर पर नरहरि अमीन को प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस की ओर से राज्यसभा के लिए शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी कैंडिडेट बनाए गए हैं. गुजरात की राज्यसभा की जिन 4 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं उनमें से 3 सीटें बीजेपी और 1 सीट कांग्रेस के पास है.



ये है गुजरात में सीटों का गणित
गुजरात विधानसभा की कुल 182 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से दो सीटें फिलहाल रिक्त हैं. इस तरह कुल संख्या 180 है. ऐसे में गुजरात में राज्यसभा की एक सीट पर जीतने को प्रथम वरीयता के लिए 37 वोट चाहिए. गुजरात में मौजूदा समय में बीजेपी के पास 103 विधायक हैं. वहीं एनसीपी का 1 और बीटीपी के 2 विधायक हैं. जबकि कांग्रेस के पास 73 विधायकों और एक निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी हैं. कांग्रेस को अपनी राज्यसभा 2 सीटें जीतने के लिए भी 74 विधायकों का वोट चाहिए. वहीं बीजेपी को अपनी तीनों राज्यसभा सीटों जीतने के लिए 111 विधायक चाहिए. ऐसे में बीजेपी को एनसीपी और बीटीपी के साथ कांग्रेस के 5 विधायकों का वोट हासिल करना है. इसके चलते कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का खतरा नजर आ रहा है.

2017 जैसे हुए हालात
बीजेपी ने ऐसे ही 2017 में भी गुजरात की राज्यसभा की 3 सीटों 3 कैंडिडेट उतारकर कांग्रेस के अहमद पटेल की चिंता को बढ़ा दिया था. अहमद पटेल को जीतने के लिए कांग्रेस विधायकों को कर्नाटक के रिसॉर्ट में रखना पड़ा था. इसके बाद भी कई कांग्रेसी विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी. हालांकि काफी मशक्कत के बाद अहमद पटेल जीतने में कामयाब रहे थे.



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