विष्णु शर्मा.
जयपुर. राजधानी जयपुर में 2 मई की रात को एक पूर्व मंत्री के पीए रहे मैथिलीशरण शर्मा के घर डाली गई डकैती केस (Jaipur Robbery Case) का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. वारदात के बाद जयपुर पुलिस ने इस डकैती गैंग के मास्टर माइंड को नेपाल बॉर्डर पर धरदबोचा. मामले में मास्टरमाइंड सहित चार आरोपियों को करणी विहार थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जयपुर में हुई इस डकैती की साजिश नेपाल (Nepal) में रची गई थी. इस वारदात को 18 डकैतों ने अंजाम दिया था. इसमें 13 पुरुष और 5 महिलाएं शामिल रहीं. फरार अन्य डकैतों की तलाश की जा रही है. पुलिस ने डकैती में लूटे गये साढ़े 3 लाख रुपये और सोने चांदी के आभूषण बरामद कर लिए हैं. इसके अलावा डकैतों के कब्जे से 7 मोबाइल फोन और एक टेबलेट तथा उनकी गाड़ियां भी जब्त की गई हैं.
डीसीपी वेस्ट ऋचा तोमर ने वारदात का खुलासा करते हुए बताया कि जयपुर के करणी विहार थाना इलाके में द्रोण कॉलोनी में रहने वाले मैथिलीशरण शर्मा के घर में हुई वारदात में पांच घरेलू नौकरों और उनके साथियों का हाथ होने की जानकारी सामने आई थी. ये सभी नेपाल के रहने वाले थे. ऐसे में पुलिस को संदेह हुआ कि डकैती के बाद सभी लोग नेपाल भागेंगे. ऐसे में जयपुर पुलिस ने सड़क मार्ग से नेपाल पहुंचने के अंतिम छोर चिन्हित किए. वहां पुलिस की चार टीमें भेजी गई. इसमें वैशाली नगर थाने के सब इंस्पेक्टर राजेश बुढ़ानिया और तीन पुलिसकर्मियों को जयपुर से 700 किलोमीटर दूर लखीमपुर खीरी से आगे गोरीफंटा बॉर्डर पर भेजा गया.
डकैतों से पहले पुलिस पहुंच गई नेपाल बॉर्डर
घने जंगलों में पुलिस टीम बदमाशों से पहले पहुंच गई. 4 मई को सुबह नेपाल में पहुंचने के लिए ज्योंही बॉर्डर खुला. सुबह 11 बजे पांच बदमाश एक कार से बॉर्डर में प्रवेश करने लगे. तभी पुलिस टीम ने उनको पकड़ने के लिए पीछा किया. बदमाश कार से उतरकर भागने लगे. इसमें तीन डकैतों को पुलिस टीम ने धरदबोचा. जबकि दो फरार हो गए. इसके बाद गिरफ्त में आए बदमाशों की निशानदेही पर मास्टर माइंड रणजीत सिंह थापा, तुलासिंह,नारायण और गणेश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
यूं रची गई थी डकैती की साजिश
पूछताछ में सामने आया कि रणजीत सिंह ने जयपुर में कई घरों में नेपाली नौकर उपलब्ध करवाने वाले परिचित हरीश के साथ मिलकर डकैती की साजिश रची थी. रणजीत ने इस काम के लिए हरीश को 40 हजार रुपये एडवांस दिए. इसके बाद हरीश ने जयपुर आकर साजिश के अनुसार अपने परिचितों को मैथिलीशरण के घर में घरेलू नौकर रखवाया. रणजीत और हरीश ने घरेलू नौकरों की मदद से मैथिलीशरण के परिवार की जानकारी हासिल की. इसमें सामने आया कि मैथिलीशरण का परिवार 18 अप्रेल को शादी में बाहर जाएगा. ऐसे में यह गैंग नेपाल से दो तीन गाड़ियों में बैठकर जयपुर आ गई. लेकिन यह परिवार शादी में नहीं गया. ऐसे में वारदात को टालना पड़ा.
परिवार को डराने के लिये मासूम बालक को मारने की धमकी दी थी
बदमाशों को सूचना थी कि घर में करोड़ों रुपये के जेवर और नकदी है. ऐसे में रणजीत, हरीश और अन्य डकैतों ने 2 मई की रात को डकैती की साजिश रची. रात 8 बजे सात आठ बदमाश मैथिलीशरण के घर में घुसे. वहां उनको और उनके बेटे को बंधक बनाया. पहली मंजिल पर मौजूद पत्नी और बेटी को भी बंधक बनाया. एक साल के मासूम बालक को मारने की धमकियां दी. इसके बाद घर में रखा सोना चांदी लूटकर भाग निकले. लूट का खुलासा करने में सब इंस्पेक्टर राजेश बुढ़ानिया, इंस्पेक्टर गुरभूपेंद्र सिंह, इंस्पेक्टर रविंद्र प्रताप सिंह और उनकी टीम ने अहम रोल निभाया.
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