जयपुर: फसल बीमा से जुड़े सवाल पर विधानसभा में बरपा हंगामा, 1 घंटे स्थगित करनी पड़ी कार्यवाही

सदन में हंगामे के कारण प्रश्नकाल केवल 17 मिनट ही चल पाया.
किसानों (Farmers) से जुड़े सवालों को लेकर सरकार लगातार विधानसभा (Assembly) में घिर रही है. शुक्रवार को सदन में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) के सवाल पर जमकर हंगामा बरपा.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: March 6, 2020, 2:05 PM IST
जयपुर. किसानों (Farmers) से जुड़े सवालों को लेकर सरकार लगातार विधानसभा (Assembly) में घिर रही है. शुक्रवार को सदन में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) के सवाल पर जमकर हंगामा बरपा. यह हंगामा इतना बढ़ा कि स्पीकर (Speaker) को सदन की कार्यवाही एक घंटे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.
केवल 17 मिनट ही चल पाया प्रश्नकाल
विपक्ष ने सदन में राज्य सरकार की ओर से प्रीमियम की राज्य अंश की राशि जमा नहीं करवाए जाने को लेकर सवाल उठाए थे. विपक्ष के सवालों से घिरे कृषि मंत्री ने केवल यह कहकर अपना पल्ला झाड़ा कि आगे से इसका ध्यान रखा जाएगा. मंत्री के इस जवाब के बाद विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और कुछ ही देर में विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे. आखिर में स्पीकर की समझाइस के बाद विधायक अपनी सीटों पर तो पहुंचे, लेकिन नेता प्रतिपक्ष के वक्तव्य के दौरान बीच-बीच में हंगामा करते रहे. बार-बार हिदायत के बावजूद भी जब विधायक नहीं माने तो स्पीकर ने कार्यवाही को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया. हंगामे के चलते प्रश्नकाल केवल 17 मिनट ही चल पाया. विधानसभा के इस सत्र में यह पहला मौका है जब हंगामे के चलते कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी है. हंगामे के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी सदन में ही मौजूद थे.
399 करोड़ की देनदारी बकायाविधायक वासुदेव देवनानी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़ा सवाल लगाया था. इसका जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि अभी राज्य सरकार पर प्रीमियम की करीब 399 करोड़ की देनदारी बकाया है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार का 1135 करोड़ का प्रीमियम भी हमारी सरकार द्वारा भरा गया है. कृषि मंत्री ने कहा कि हाल ही में कृषक कोष में 500 करोड़ का लोन लिया गया है और देनदारियां चुकाई जा रही हैं.
निरुत्तर हुए कृषि मंत्री
कृषि मंत्री ने यह भी माना कि राज्यांश का प्रीमियम का पैसा जमा होने के बाद ही केन्द्र सरकार प्रीमियम के लिए अपना हिस्सा देगी. मंत्री के जवाब पर उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चन्द कटारिया ने सवाल किया कि जब किसान अपना प्रीमियम समय पर चुका रहा है तो राज्य सरकार की ओर से हो रही देरी में आखिर उसका क्या दोष है. विपक्ष ने यह भी सवाल किया कि क्या प्रीमियम का पैसा जमा नहीं होने पर बीमा कंपनी की क्लेम देने की जिम्मेदारी बनती है. इस पर कृषि मंत्री निरुत्तर हो गए और कहा कि आगे से इसका ध्यान रखा जाएगा.
बार-बार घिर रही सरकार
फसल बीमा से जुड़े सवाल इस सत्र में पहले भी सदन में पूछे गए हैं और हर बार सरकार उस पर घिरती हुई नजर आई है. नेता प्रतिपक्ष गुलाब चन्द कटारिया ने कहा कि हमारे द्वारा चौथी बार यह सवाल लगाया गया है और हर बार एक जैसा जवाब आ रहा है जो किसानों के साथ धोखा है. विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि पिछली बार मंत्री द्वारा जवाब में कुछ और आंकड़े बताए गए थे और इस बार कुछ और आंकड़े बताए जा रहे हैं.
सरकार ने की स्थिति स्पष्ट
एक घंटे स्थगित रहने के बाद जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो स्पीकर ने कहा कि प्रश्न महत्वपूर्ण था और मैं चाहूंगा कि सरकार इस पर वस्तुस्थिति स्पष्ट करे. इस पर कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि 2018 के लिए पूरा प्रीमियम भुगतान किया जा चुका है जबकि 2019 के लिए पार्ट पेमेन्ट किया गया है. उन्होंने कहा कि कट ऑफ डेट किसान के लिए निर्धारित है और राज्यांश और केन्द्र अंश के लिए कोई कट ऑफ डेट नहीं है. जब राज्यांश और केन्द्रीय अंश का पैसा जमा होगा तब किसान को योजना का लाभ मिल जाएगा. मंत्री के इस जवाब पर भी नेता प्रतिपक्ष द्वारा आपत्ति जताई गई लेकिन स्पीकर ने चर्चा की अऩुमति नहीं दी.
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केवल 17 मिनट ही चल पाया प्रश्नकाल
विपक्ष ने सदन में राज्य सरकार की ओर से प्रीमियम की राज्य अंश की राशि जमा नहीं करवाए जाने को लेकर सवाल उठाए थे. विपक्ष के सवालों से घिरे कृषि मंत्री ने केवल यह कहकर अपना पल्ला झाड़ा कि आगे से इसका ध्यान रखा जाएगा. मंत्री के इस जवाब के बाद विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और कुछ ही देर में विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे. आखिर में स्पीकर की समझाइस के बाद विधायक अपनी सीटों पर तो पहुंचे, लेकिन नेता प्रतिपक्ष के वक्तव्य के दौरान बीच-बीच में हंगामा करते रहे. बार-बार हिदायत के बावजूद भी जब विधायक नहीं माने तो स्पीकर ने कार्यवाही को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया. हंगामे के चलते प्रश्नकाल केवल 17 मिनट ही चल पाया. विधानसभा के इस सत्र में यह पहला मौका है जब हंगामे के चलते कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी है. हंगामे के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी सदन में ही मौजूद थे.
399 करोड़ की देनदारी बकायाविधायक वासुदेव देवनानी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़ा सवाल लगाया था. इसका जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि अभी राज्य सरकार पर प्रीमियम की करीब 399 करोड़ की देनदारी बकाया है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार का 1135 करोड़ का प्रीमियम भी हमारी सरकार द्वारा भरा गया है. कृषि मंत्री ने कहा कि हाल ही में कृषक कोष में 500 करोड़ का लोन लिया गया है और देनदारियां चुकाई जा रही हैं.
निरुत्तर हुए कृषि मंत्री
कृषि मंत्री ने यह भी माना कि राज्यांश का प्रीमियम का पैसा जमा होने के बाद ही केन्द्र सरकार प्रीमियम के लिए अपना हिस्सा देगी. मंत्री के जवाब पर उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चन्द कटारिया ने सवाल किया कि जब किसान अपना प्रीमियम समय पर चुका रहा है तो राज्य सरकार की ओर से हो रही देरी में आखिर उसका क्या दोष है. विपक्ष ने यह भी सवाल किया कि क्या प्रीमियम का पैसा जमा नहीं होने पर बीमा कंपनी की क्लेम देने की जिम्मेदारी बनती है. इस पर कृषि मंत्री निरुत्तर हो गए और कहा कि आगे से इसका ध्यान रखा जाएगा.
बार-बार घिर रही सरकार
फसल बीमा से जुड़े सवाल इस सत्र में पहले भी सदन में पूछे गए हैं और हर बार सरकार उस पर घिरती हुई नजर आई है. नेता प्रतिपक्ष गुलाब चन्द कटारिया ने कहा कि हमारे द्वारा चौथी बार यह सवाल लगाया गया है और हर बार एक जैसा जवाब आ रहा है जो किसानों के साथ धोखा है. विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि पिछली बार मंत्री द्वारा जवाब में कुछ और आंकड़े बताए गए थे और इस बार कुछ और आंकड़े बताए जा रहे हैं.
सरकार ने की स्थिति स्पष्ट
एक घंटे स्थगित रहने के बाद जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो स्पीकर ने कहा कि प्रश्न महत्वपूर्ण था और मैं चाहूंगा कि सरकार इस पर वस्तुस्थिति स्पष्ट करे. इस पर कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि 2018 के लिए पूरा प्रीमियम भुगतान किया जा चुका है जबकि 2019 के लिए पार्ट पेमेन्ट किया गया है. उन्होंने कहा कि कट ऑफ डेट किसान के लिए निर्धारित है और राज्यांश और केन्द्र अंश के लिए कोई कट ऑफ डेट नहीं है. जब राज्यांश और केन्द्रीय अंश का पैसा जमा होगा तब किसान को योजना का लाभ मिल जाएगा. मंत्री के इस जवाब पर भी नेता प्रतिपक्ष द्वारा आपत्ति जताई गई लेकिन स्पीकर ने चर्चा की अऩुमति नहीं दी.
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