राजस्थान के पाकिस्तान बॉर्डर पर रहने वाले मेहर जाति के अनोखे रीति-रिवाज और अशिक्षा पर आधारित फिल्म 'सांकल' का निर्माण किया गया है.
यह फिल्म अब तक दस नेशनल और इंटरनेशनल अवॉर्ड हासिल कर चुकी है.फिल्म की कहानी जैसलमेर और बीकानेर के बॉर्डर पर रहने वाले मेहर जाति में व्याप्त कुरीति पर है. पाकिस्तान बॉर्डर पर होने के कारण मेहर जाति के लोगो का आधा इलाका पाकिस्तान में है और आधा राजस्थान में बसा है.
इस ढाणी में छोटी उम्र के लडकों की शादी उसके काफी अधिक उम्र की लड़की के साथ कर दिया जाता है और उस लड़की का यौन शोषण उसके परिवार के बड़े- बुजुर्ग ही करते है. इस कुरीति के कारण इस ढाणी का सामाजिक ढांचा बुरी तरह प्रभावित हो गया है.
यह फिल्म नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर काफी सुर्खिया बटोर चुकी है. इसके बाद फिल्म को 2 जनवरी 2016 से शुरु हो रहे जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की क्लोजिंग सेरेमनी का खास प्रस्तुति के रुप में प्रदर्शित किया जाएगा.
फिल्म के प्रॉड्यूसर आनंद सिंह राठौड ने बताया कि राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों और अशिक्षा के प्रति लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से फिल्म का निर्माण किया गया है. इसके साथ ही प्रदेश की सरकार का भी इस सामाजिक कुरीति की ओर ध्यान आकर्षित हो.
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FIRST PUBLISHED : December 26, 2015, 17:46 IST