कोरोना काल में कांग्रेस (Congress) को संगठनकी कमी खल रही है. पिछले करीब दस महीने से संगठन की जिला और ब्लॉक कार्यकारिणियां भंग हैं. पार्टी निवर्तमान कार्यकारिणियों से अपना काम चला रही है. लेकिन निवर्तमान कार्यकारिणियों का जोश ठंडा है. इससे सरकार और संगठन (Government and Organization) को उसका पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा है.
सीएम अशोक गहलोत हाल ही में हर व्यक्ति को सेहत की सौगात देने वाली 'मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना' लेकर आए हैं. हर व्यक्ति को 5 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस कवर देने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बनने जा रहा है. प्रदेश के हर व्यक्ति से ताल्लुक रखने वाली यह योजना एक महीने से मूर्त रूप लेने जा रही है. लेकिन योजना के प्रचार-प्रसार में सरकार को कांग्रेस संगठन का पूरा साथ नहीं मिल पा रहा है. कांग्रेस नेता विमल यादव का कहना है कि सरकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में संगठन बड़ी भूमिका निभाता है. लेकिन इस बार पार्टी का संगठन ही मौजूद नहीं है. इसके चलते सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारियां भी दूर-दराज के लोगों तक आसानी से नहीं पहुंच पा रही है.
प्रदेश कांग्रेस के संगठन में 39 जिले और 400 ब्लॉक बने हुए हैं. इन सभी की कार्यकारिणियां पिछले साल खड़े हुए सियासी संकट के बाद से भंग हैं. लम्बे समय से संगठन में नियुक्तियां नहीं होने से कार्यकर्ता निष्क्रिय हैं और वे कामकाज में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. संगठन में नियुक्तियों की कवायद लम्बे समय से चल रही है लेकिन सूचियां अभी तक नहीं आई हैं.
मुख्यमंत्री चिरंजीवी जैसी योजनायें कोविड काल में आम लोगों का बड़ा सहारा साबित हो सकती है. लेकिन हर बार संगठन के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाई जाने वाली जानकारी इस बार नहीं पहुंच पा रही है. सीएम अशोक गहलोत खुद कई बार जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं से योजना की जानकारी घर-घर पहुंचाने की अपील कर चुके हैं लेकिन कार्यकर्ताओं में उत्साह नजर नहीं आ रहा है. सरकार इस बार मीडिया और सोशल मीडिया के सहारे ही योजना को आम लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है.
उधर कोरोना काल में जरुरतमंदों की मदद के लिए कांग्रेस आगे आई है लेकिन यह काम भी संगठन की कमी के चलते प्रभावित हो रहा है. पार्टी ने ब्लॉक स्तर तक कोरोना सहायता कक्ष बनाए जाने की घोषणा तो कर दी लेकिन हकीकत यह है कि ब्लॉक तो क्या कई जिलों तक में कंट्रोल रूम नहीं बन पाए हैं. पिछले साल कोरोना काल में कांग्रेस संगठन द्वारा बड़े स्तर पर लोगों को मदद पहुंचाई गई थी. इस बार भी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के आह्वान के बाद कंट्रोल रूम तो बना दिया गया है लेकिन संगठन की गैर मौजूदगी में कामकाज की रफ्तार सुस्त है.
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FIRST PUBLISHED : April 28, 2021, 11:15 IST