लॉकडाउन (Lockdown) में दूसरे राज्यों में फंसे प्रदेश के मजदूरों (Laborers) को राजस्थान सरकार वापस लाएगी. सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने इसके लिए 19 आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है. ये अधिकारी 14 विभिन्न राज्यों में फंसे प्रदेश के मजदूरों को वापस लाएंगे. राजस्थान सरकार ने इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया.
संबधित राज्यों से बात कर रहे हैं. राज्यों की सहमति के बाद दूसरे राज्यों से मजदूरों को लाने और दूसरे राज्य के मजदूरों को उनके राज्य में पहुंचाने का सिलसिला शुरू होगा. उनको
से लाया और भेजा जाएगा. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि प्रवासियों को घर आने के लिए पहले हेल्पलाइन नंबर 18001806127, ई-मित्र पोर्टल, ई-मित्र मोबाइल एप अथवा ई-मित्र कियोस्क पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.
श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन के बाद राज्य सरकार संबंधित राज्य सरकार से सहमति प्राप्त करेगी. पंजीकृत प्रवासी और श्रमिकों की संख्या के अनुसार उन्हें तय तारीख पर अपने घर जाने की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी. पंजीकरण करवाने वाले मजदूरों से कहा गया कि यदि वे अपने वाहन से आ रहे हैं तो उसकी पूरी जानकारी दें. संबंधित जिला कलक्टर इसके लिए पास जारी करेंगे. दूसरे प्रदेशों से लाए जा रहे सभी श्रमिकों को 14 दिन तक क्वॉरेंटाइन में रहना होगा. राजस्थान सरकार प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को लाने के अलावा राजस्थान में फंसे दूसरे राज्यों के मजदूरों का भी पंजीकरण कर रही है. इन्हें संबधित राज्यों में भेजा जाएगा.
प्रवासी राजस्थानी और श्रमिकों को लाने के लिए राजस्थान रोडवेज भी पूरी तैयारियां कर रही है. सभी डिपो में बसों को इसके लिए तैयार किया जा रहा है. उनकी साफ सफाई के बाद अब उन्हें सेनेटाइज किया जा रहा है. आदेश मिलते ही डिपो से बसों को रवाना किया जाएगा. रोडवेज ने करीब 400 बसें स्टैंड बाय पर रखी है. जयपुर से करीब 150 बसें देने की है तैयारी की जा रही है. रोडवेज के सीएमडी इनकी पल-पल की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 27, 2020, 12:09 IST