राजस्थान में हांफने लगा 'हाथी'! लोकसभा चुनाव में बेदम दिखी बसपा
राजस्थान में हांफने लगा 'हाथी'! लोकसभा चुनाव में बेदम दिखी बसपा
राजस्थान- लोकसभा चुनाव 2019 में 10 सीटों पर नोटा को बसपा से ज्यादा और 11 सीटों पर 15 हजार से कम वोट मिले.
विधानसभा चुनाव में प्रदेश की 6 सीटों पर अपना कब्जा जमाने वाली बहुजन समाज पार्टी लोकसभा चुनाव में ही अपना जनाधार खोती हुई नजर आई. पार्टी का वोट शेयर जहां पिछले चुनावों की तुलना में अप्रत्याशित रुप से घट गया, वहीं 20 में से 10 सीटों पर नोटा के पक्ष में बसपा प्रत्याशियों से ज्यादा वोट पड़े.
विधानसभा चुनाव में प्रदेश की 6 सीटों पर अपना कब्जा जमाने वाली बहुजन समाज पार्टी लोकसभा चुनाव में ही अपना जनाधार खोती हुई नजर आई. पार्टी का वोट शेयर जहां पिछले चुनावों की तुलना में अप्रत्याशित रुप से घट गया, वहीं 20 में से 10 सीटों पर नोटा के पक्ष में बसपा प्रत्याशियों से ज्यादा वोट पड़े. विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बूते जोश से लबरेज बसपा का हाथी महज 6 महीने में ही हांफने लगा है.
विधानसभा चुनाव में 6 सीटें जीतने वाली बहुजन समाज पार्टी ने इस बार प्रदेश की 20 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. लेकिन पार्टी को जीत नसीब होना तो दूर सभी सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों की जमानतें जब्त हो गई हैं. वोट प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद कर रही पार्टी का वोट शेयर पिछले चुनाव की बनिस्पत इस बार आधे से भी कम रह गया.
* बांसवाड़ा में बसपा को 1.82 प्रतिशत और नोटा को 2.08 प्रतिशत वोट मिले * भीलवाड़ा में बसपा को 1.19 प्रतिशत और नोटा को 1.33 प्रतिशत वोट मिले * बीकानेर में बसपा को 1.04 प्रतिशत और नोटा को 1.23 प्रतिशत वोट मिले * चित्तौड़गढ में बसपा को 0.92 फीसदी और नोटा को 1.2 फीसदी वोट मिले * गंगानगर में बसपा को 0.8 फीसदी और नोटा को 1.07 फीसदी वोट मिले * जयपुर ग्रामीण में बसपा को 0.62 प्रतिशत और नोटा को 0.73 प्रतिशत वोट मिले * झालावाड़-बारां में बसपा को 0.97 फीसदी और नोटा को 1.25 फीसदी वोट मिले * कोटा में बसपा को 0.73 प्रतिशत और नोटा को 0.92 प्रतिशत वोट मिले * सीकर में बसपा को 0.51 प्रतिशत और नोटा को 0.59 प्रतिशत वोट मिले * उदयपुर में बसपा को 1.12 फीसदी और नोटा को 1.94 फीसदी वोट मिले * जोधपुर सीट पर बसपा और नोटा को बराबर 0.87 प्रतिशत वोट मिले
बहुजन समाज पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 6 में से 5 सीटें पूर्वी राजस्थान में जीती थीं और लोकसभा चुनाव में भी इसी क्षेत्र में बसपा को सबसे ज्यादा वोट मिले हैं. अलवर में पार्टी को सर्वाधिक 56 हजार 649 वोट मिले हैं जबकि भरतपुर में 31 हजार 615 और करौली-धौलपुर में 25 हजार 718 वोट मिले हैं. हालांकि वोटों की ये गिनती विधानसभा चुनाव से भी काफी कम है. 20 में से 11 सीटों पर पार्टी के प्रत्याशियों को 15 हजार से भी कम वोट मिले हैं. इस चुनाव में पार्टी के वोट शेयर में अप्रत्याशित गिरावट दर्ज की गई है.
* पार्टी को सभी 20 सीटों पर महज 3 लाख 48 हजार 678 वोट मिले हैं * पार्टी का कुल वोट शेयर महज 1.07 प्रतिशत रहा है * 2014 में पार्टी का वोट शेयर 2.34 प्रतिशत था * 2009 में 3.37 प्रतिशत और 2004 में 3.16 प्रतिशत वोट शेयर था * 1999 में पार्टी का वोट शेयर 2.76 प्रतिशत और 1998 में 2.12 प्रतिशत था
ये आंकड़े साफ जाहिर कर रहे हैं कि प्रदेश में बसपा का वोट शेयर 2014 के मुकाबले आधे और 2009 के मुकाबले एक तिहाई से भी कम रह गया. दरअसल जिन फैक्टर्स ने विधानसभा चुनाव में काम किया था वो सभी फैक्टर्स लोकसभा चुनाव में साइडलाइन हो गए. मोदी लहर में सभी कयास ध्वस्त हो गए.