जयपुर. राजस्थान में संक्रामक त्वचा रोग Lumpy Skin Disease से अब तक 4000 से अधिक मवेशियों की मौत हो चुकी है, जबकि 90,000 से अधिक मवेशी संक्रमित हुए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि मरने वाले मवेशियों में अधिकांश गाय हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने पशुपालकों से भी अपील की कि अगर पशुओं में इस रोग के लक्षण दिखाई दें, तो वे अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय में संपर्क करें.
पशुपालन विभाग में सचिव पीसी किशन ने बताया कि राज्य में लम्पी रोग से मरने वालों की संख्या करीब 4000 हो गई है. उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘संक्रमण 16 जिलों में फैल गया है, बाड़मेर, जोधपुर और जालौर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, जबकि गंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू जिलों में इसका असर कम हो रहा है.’ उन्होंने कहा कि मरने वालों पशुओं की संख्या 4000 को पार कर गई है. पीसी किशन गुरुवार को बाड़मेर जिले के दौरे पर रहे.
कई जिलों तक फैली बीमारी
इस संक्रामक रोग को गांठदार चर्म रोग वायरस (एलएसडीवी) या लंपी रोग कहा जाता है. अब तक राज्य के जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, पाली, सिरोही, बीकानेर, चुरू, गंगानगर, हनुमानगढ़, अजमेर, नागौर, जयपुर, सीकर, झुंझुनू और उदयपुर जिलों में यह बीमारी पशुओं में देखी गई है. अधिकारियों के अनुसार बुधवार शाम तक हुई कुल 4,296 मौतों में से सबसे ज्यादा 840 मवेशियों की मौत गंगानगर से हुई हैं. इसके बाद बाड़मेर (830), जोधपुर (730), जालौर (580) और बीकानेर (527) मौतें हुई हैं. उन्होंने बताया कि अब तक 94,358 संक्रमित जानवरों में से 74,118 से अधिक का इलाज किया गया है.
अधिकारियों के अनुसार यह संक्रामक रोग रक्त चूसने वाले कीड़ों, मक्खियों की कुछ प्रजातियों और दूषित भोजन और पानी के जरिए फैलता है. इसके प्राथमिक लक्षण में पशुओं की त्वचा पर गांठ, तेज बुखार और नाक बहना है. उन्होंने बताया कि अफ्रीका में पैदा हुई यह बीमारी अप्रैल में पाकिस्तान के रास्ते भारत आई थी. इस बीच, मुख्यमंत्री गहलोत ने गोवंश में फैल रहे लम्पी चर्म रोग को अत्यंत संक्रामक बताते हुए गुरुवार को पशुपालकों से सावधान रहने की अपील की. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसकी रोकथाम व बचाव के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा, ‘गोवंश में फैल रहा लम्पी चर्म रोग अत्यंत संक्रा.क है। राज्य सरकार इसकी रोकथाम एवं इससे बचाव के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. अपने पशुओं को इससे बचाने के लिए आवश्यक सावधानियों का पालन करें.’ उन्होंने पशुपालकों से पशुओं में इस रोग के लक्षण नजर आने पर नजदीकी पशु चिकित्सा संस्था में सम्पर्क करने की अपील की. अन्य लोगों से सहयोग की अपील करते हुए गहलोत ने लिखा, ‘गौशाला संचालक, जनप्रतिनिधिगण एवं स्वयंसेवी संस्थाओं से अपील करता हूं कि इस बीमारी के नियंत्रण एवं रोकथाम में राज्य सरकार को अपना सहयोग प्रदान करें.’
वहीं, राज्य सरकार ने रोग पर काबू पाने और पशुपालकों की मदद के लिए कदम उठाने शुरू किए हैं. बुधवार को पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया और मुख्य सचिव उषा शर्मा ने दो अलग-अलग बैठकों में हालात की समीक्षा की व सम्बद्ध जिलों के अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए. एक बयान के अनुसार जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में मंत्री कटारिया ने कहा कि पशुओं में फैल रहे लम्पी रोग पर काबू पाने के लिये वे मिशन मोड में काम करें. बैठक में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गोवंश को इस बीमारी से बचाने के लिए पूर्ण सजगता एवं संवेदनशीलता के साथ हर संभव प्रयास कर रही है. मुख्य सचिव शर्मा ने बताया कि आपातकालीन जरूरी दवाईयां खरीदने के लिए संभाग स्तरीय अजमेर, बीकानेर और जोधपुर कार्यालयों को आठ लाख से 12 लाख रुपए और बाकी प्रभावित जिलों को दो से आठ लाख रुपये का बजट दिया गया है.
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