राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है. (फाइल फोटो)
जयपुर. राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र 9 सितंबर से होने जा रहा है. संसदीय कार्य विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी मंजूरी दे दी है. इस सत्र पर सभी की नजरें हैं क्योंकि सरकार इस दौरान एक बड़ी तैयारी में है. बताया जा रहा है कि सरकार इस दौरान सदन में आधा दर्जन बिल ला सकती है. उल्लेखनीय है कि 19 मार्च को विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था. अब 6 महीने के प्रावधान के चलते 19 सितंबर से पहले सत्र बुलाना जरूरी होगा. जिसके बाद मानसून सत्र को 9 सितंबर से शुरू करने का निर्णय किया गया.
वहीं ये भी बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के मानसून सत्र को भी छोटा रखा जाएगा. अब बुधवार को कैबिनेट की बैठक बुला कर विधानसभा का सत्र बुलाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जाएगी. दूसरी तरफ इस बार विधानसभा में विपक्ष सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर रहा है. इनमें प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था और खराब गवर्नेंस के समेत कई अन्य मुद्दे भी हैं.
राज्यपाल से मंजूरी की आवश्यकता नहीं
15 वीं विधानसभा का छठा सत्र जो बजट सत्र के रुप में बुलाया गया था उसका सत्रावसान नहीं होने की स्थिति में इस सत्र को 15 विधानसभा का छठा सत्र कहा जाएगा. हालांकि मानसून के दौरान आने वाले इस विधानसभा क्षेत्र को मानसून सत्र के नाम से बोला जाएगा. सत्रावसान नहीं होने की स्थिति में सरकार को विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल से भी मंजूरी की आवश्यकता नहीं है. संवैधानिक रूप से सरकार को 6 महीने के भीतर सत्र बुलाना होता है. यदि 6 महीने के भीतर सत्र नहीं बुलाया जाता है तो राज्यपाल के जरिए सत्र का सत्रावसान कर दिया जाता है, लेकिन सरकार 18 सितंबर को 6 महीने पूरे होने से पूर्व में यह सत्र बुला रही है तो उसे छटा सत्र फिर शुरू किया जाना है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: CM Ashok Gehlot, Monsoon Session, Rajasthan news, Rajasthan vidhan sabha