जयपुर. राजस्थान में इन 8 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार आते रहे. जब भी आए राजस्थान को कोई न कोई बड़ी सौगात जरूर देकर गए. पश्चिमी राजस्थान को पीएम मोदी ने रिफाइनरी की सौगात दी तो किसानों के लिए सोइल हैल्थ कार्ड लांच किया. ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट का भी पीएम ने वादा किया तो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का आगाज भी राजस्थान से किया. पीएम मोदी का सबसे बड़ा तोहफा था पश्चिमी राजस्थान को रिफाइनरी की सौगात. कई बार रिफाइनरी अटकी. मगर पीएम मोदी के प्रयासों से रिफाइनरी का काम आज युद्ध स्तर पर चल रहा है. जनवरी 2018 में प्रधानमंत्री ने पश्चिमी राजस्थान के विकास को नई उचाइंया दी.
पीएम मोदी ने 43,129 करोड़ रुपये की रिफाइनरी परियोजना की आधारशिला राजस्थान में रखी. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह राज्य के आर्थिक परिदृश्य को बदल कर रख देगा. रिफाइनरी का काम इस साल तक पूरा होने की संभावना है. एक बार परियोजना पूरी हो जाने के बाद इससे राज्य सरकार को प्रति वर्ष 34 हजार करोड़ रुपये का लाभ होगा. रिफाइनरी में वार्षिक तौर पर 90 लाख क्रूड ऑयल को परिशोधित किया जा सकेगा. पीएम मोदी ने इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “राजस्थान ने देश की ऊर्जा शक्ति बनने के लिए बढ़त बना ली है.”
मोदी ने कहा, “हम पत्थर लगाकर लोगों को गुमराह नहीं कर सकते’
पीएम मोदी ने ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट का वादा भी पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान राजस्थान की जनता से किया था. जयपुर और अजमेर की चुनावी जनसभाओं में पीएम ने कहा था इस प्रोजेक्ट के तहत पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदियों की लिंक परियोजना को मंजूरी दिए जाने को लेकर प्रस्ताव दिया है. यह प्रस्ताव केन्द्रीय जलसंसाधन विभाग के पास है. तत्कालीन सीएम राजे ने पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को पेयजल एवं सिंचाई सुविधाओं से लाभान्वित करने के लिए बनाई गई.
करीब 37 हजार करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना इस्टर्न राजस्थान केनाल प्रोजेक्टह्ण को पार्वती, कालीसिंध एवं चम्बल नदियों की लिंक परियोजना के रूप में केन्द्र सरकार से स्वीकृति दिलवाने का आग्रह किया ताकि पानी की समस्या से जूझते प्रदेश को परियोजना के लिए अधिकाधिक केन्द्रीय मदद मिल सके. परियोजना के लागू होने से राजस्थान की 40 प्रतिशत आबादी को सिंचाई व पेयजल की सुविधा मिल सकेगी.
13 जिलों में दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र और इतने ही अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी और पेयजल संकट से प्रभावित जिलों को पीने का पानी उपलब्ध करवाने के लिए वेपकोस से यह परियोजना तैयार करवाई गई थी. इस परियोजना को केन्द्रीय जल आयोग से भी सैद्धान्तिक मंजूरी मिल चुकी है. परियोजना की प्रस्तावित लागत 37 हजार करोड़ में से करीब 20 हजार करोड़ रुपये सिंचाई से जुड़े कार्यों और 17 हजार करोड़ रूपये पीने के पानी के लिए खर्च होंगे. पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की चौथी गवर्निंग कमेटी की बैठक में भी इस्टर्न राजस्थान केनाल प्रोजेक्ट की चर्चा की थी. राजस्थान में सतही व भू-जल की वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह मांग राज्य की परिस्थितियों के अनुरूप वाजिब जरूरत है.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झुंझुनूं की वीर भूमि से बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत की. झुन्झूनू देश को सबसे ज्यादा सैनिक देने वाले जिलों में शुमार है. मगर पुरूषों के मुकाबले कम होती महिलाओं की तादाद को देखते हुए पीएम ने झुन्झूनू की धरती से बेटी बचाओ का संदेश दिया. बेटियों को पढ़ाने और उन्हें उनके सपने साकार करने की लोगों से मांग की.
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