Rajasthan: पूर्ववर्ती BJP सरकार की ओर से संस्थाओं को आवंटित जमीनों की होगी जांच

इस जांच के दायरे में चिकित्सा संस्थानों, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य संस्थाओं को आवंटित की गई जमीनें शामिल होंगी.
प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) ने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार की ओर से विभिन्न संस्थाओं को रियायती दर आवंटित की गई जमीनों की जांच (Investigation) के आदेश जारी कर दिये हैं.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: December 3, 2020, 8:07 AM IST
जयपुर. राजस्थान सरकार ने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार (BJP government) के द्वारा लागू की गई भूमि आवंटन नीति-2015 (Land allocation policy) के तहत विभिन्न संस्थाओं को रियायती दरों पर आवंटित जमीनों की जांच का फरमान जारी किया है. सरकार के नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) ने राज्य के तमाम निकायों और विकास प्राधिकरणों को यह आदेश जारी किया है. यह आदेश सभी निकायों के लिये तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है.
आदेश में सरकार की ओर से कहा गया है कि तत्काल प्रभाव से भूमि आवंटन नीति-2015 या किसी और नियमों तहत हुए जमीन आवंटनों की 15 दिनों में भौतिक सत्यापन कर जांच करनी होगी. जांच में अगर किसी जमीन आवंटन में शर्तों का उल्लंघन पाया जाता है तो तीन दिन के भीतर जमीन आवंटन खारिज कर मौके पर निकाय को कब्जा संभालने के आदेश दिए गए हैं.
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अधिकारियों को भी चेताया गया है
मंत्री शांति धारीवाल के द्वारा दिए गए आदेशों में कहा गया है कि भौतिक सत्यापन निरिक्षण रिपोर्ट में जिन संस्थानों आवंटन सही पाया जाता है उनकी पालना रिपोर्ट प्रमाण-पत्र सहित सरकार को भेजें. इस मामले को लेकर अधिकारियों को भी चेताया गया है. मंत्री ने फाइल पर दिए अपने आदेश में यह साफ किया कि अगर निकायों के अधिकारियों के द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के उलट मौके पर गडबड़ पाई जाती है या सरकार को मामले में किसी भी प्रकार की शिकायत मिलती है तो जांच करने वाले संबंधित जिम्मेदार अफसर के खिलाफ सरकार कड़ी कानूनी कार्रवाई करेगी. इस जांच के दायरे में चिकित्सा संस्थानों, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य संस्थाओं को आवंटित की गई जमीनें शामिल होंगी.
पूर्व में भी पूर्ववर्ती सरकार के कई निर्णयों की समीक्षा की जा चुकी है
उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी गहलोत सरकार ने अपनी पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के समय लागू किये गये कई निर्णयों की समीक्षा करवाई है. उसके बाद कई नियम-कायदों में अहम बदलाव किये गये हैं. इनमें सर्वाधिक बदलाव शिक्षा विभाग में किये गये हैं.
आदेश में सरकार की ओर से कहा गया है कि तत्काल प्रभाव से भूमि आवंटन नीति-2015 या किसी और नियमों तहत हुए जमीन आवंटनों की 15 दिनों में भौतिक सत्यापन कर जांच करनी होगी. जांच में अगर किसी जमीन आवंटन में शर्तों का उल्लंघन पाया जाता है तो तीन दिन के भीतर जमीन आवंटन खारिज कर मौके पर निकाय को कब्जा संभालने के आदेश दिए गए हैं.
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मंत्री शांति धारीवाल के द्वारा दिए गए आदेशों में कहा गया है कि भौतिक सत्यापन निरिक्षण रिपोर्ट में जिन संस्थानों आवंटन सही पाया जाता है उनकी पालना रिपोर्ट प्रमाण-पत्र सहित सरकार को भेजें. इस मामले को लेकर अधिकारियों को भी चेताया गया है. मंत्री ने फाइल पर दिए अपने आदेश में यह साफ किया कि अगर निकायों के अधिकारियों के द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के उलट मौके पर गडबड़ पाई जाती है या सरकार को मामले में किसी भी प्रकार की शिकायत मिलती है तो जांच करने वाले संबंधित जिम्मेदार अफसर के खिलाफ सरकार कड़ी कानूनी कार्रवाई करेगी. इस जांच के दायरे में चिकित्सा संस्थानों, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य संस्थाओं को आवंटित की गई जमीनें शामिल होंगी.
पूर्व में भी पूर्ववर्ती सरकार के कई निर्णयों की समीक्षा की जा चुकी है
उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी गहलोत सरकार ने अपनी पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के समय लागू किये गये कई निर्णयों की समीक्षा करवाई है. उसके बाद कई नियम-कायदों में अहम बदलाव किये गये हैं. इनमें सर्वाधिक बदलाव शिक्षा विभाग में किये गये हैं.