जयपुर. आतंकवाद के मामले में और सीमा पर मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान ने अब भारत से छद्म युद्ध का नया ऑपरेशन शुरू किया है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई अब भारत में जासूसी के लिए महिला एजेंट्स की भर्ती कर रही है. अब तक 300 महिला एजेंट्स को भर्ती किया जा चुका है. आईएसआई का सबसे अधिक फोकस कश्मीर पर है. कश्मीर के लिए आईएसआई ने अलग से महिला एजेंट्स का कॉल सेंटर बनाया है. पाकिस्तान की महिला एजेंट्स के इस बड़े ऑपरेशन का खुलासा हाल ही में हनीट्रैप के शिकार हुए जोधपुर में तैनात सेना के जवान प्रदीप से खुफिया एजेंसियों की पूछताछ में हुआ है.
आईसएसआई ने भारत में महिला एजेंट्स से जासूसी करवाने के इस ऑपरेशन को नाम दिया ‘प्रोजेक्ट शेरनी’. आईएसआई ने भारतीय सीमा पर जासूसी के लिए जोनवार कॉल सेंटर बनाए हैं. कश्मीर में जासूसी के लिए पाकिस्तान के मीरपुर में, गुजरात सीमा पर जासूसी के लिए कराची में, पंजाब व जम्मू में जासूसी के लिए लाहौर तथा रावलपिंडी में ये कॉल सेंटर बनाए हैं. राजस्थान में जासूसी के लिए पाकिस्तान के सिंध स्थित हैदराबाद में कॉल सेंटर बनाया गया है.
इन महिला जासूसों को भर्ती करने के बाद उन्हें 180 दिन की ऑनलाइन और डार्कवेब की ट्रेनिंग की दी गई. उन्हें हनीट्रैप की स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है. ट्रेनिंग के बाद हर महिला एजेंट को 50 भारतीय प्रोफाइल दी जाती है. महिला एजेंट्स को इन प्रोफाइल वाले शख्स को हनीट्रैप के जाल में फंसाकर गोपनीय सूचनाएं हासिल करना होता है. दरअसल आईएसआई ने सबसे पहले इसकी शुरुआत 2019 में ऑपरेशन हैदराबाद से की थी. सिंध से गरीब लड़कियों, स्थानीय कॉल गर्ल और कॉलेज की लड़कियों की महिला एजेंट के लिए हायरिंग शुरू की गई थी. इन महिला एजेंट्स को ट्रेनिंग के बाद कैप्टन रैंक के अधिकारी की निगरानी में हनीट्रैप का टास्क सौंपा जाना शुरू किया गया.
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