पहलू खान मॉब लिंचिंग केस: SIT 15 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी

पहलू खान। फाइल फोटो।
बहुचर्चित पहलू खान (pahalu khan) मॉब लिंचिंग (mob lynching case) मामले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी (SIT) 15 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी. एडीजी (ADG) क्राइम की निगरानी में गठित की गई एसआईटी को एसओजी (SOG) के डीआईजी नितिनदीप ब्लग्गन लीड करेंगे.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: August 17, 2019, 9:50 AM IST
बहुचर्चित पहलू खान (Pehlu Khan) मॉब लिंचिंग (Mob Lynching Case) मामले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी (SIT) 15 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी. एडीजी (ADG) क्राइम की निगरानी में गठित की गई एसआईटी को एसओजी (SOG) के डीआईजी नितिनदीप ब्लग्गन लीड करेंगे. उनकी टीम में सीआईडी (सीबी) एसपी समीर कुमार सिंह और एएसपी विजिलेंस समीर दुबे टीम को शामिल किया गया है.
जांच में रही खामियों और अनियमितताओं को चिन्हित करेगी एसआईटी
पहलू खान मामले में गत बुधवार को कोर्ट का फैसला (Court Verdict) आने के बाद शुक्रवार शाम को सीएम अशोक गहलोत ने आला अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में पहलू केस मामले की अपील करने और एसआईटी बनाने पर फैसला किया गया था. उसके बाद तत्काल एसआईटी का गठन किया गया. एसआईटी मामले की जांच में रही खामियों और अनियमितताओं को चिन्हित करेगी. अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी. एसआईटी केस से जुड़े वो सबूत भी जुटाएगी जो पुलिस जांच में इकट्ठे नहीं किए थे.
सवा दो साल बाद गत बुधवार को आया था फैसला
अलवर में 1 अप्रैल, 2017 को मॉब लिंचिंग के शिकार हुए हरियाणा के नूंह मेवात निवासी पहलू खान की मौत के करीब सवा दो साल बाद गत बुधवार को 6 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया था. इस मामले में कोर्ट में चालान के बाद नियमित सुनवाई हुई, लेकिन पुलिस जांच में ऐसी कई खामियां रही जिनके चलते कोर्ट में पहलू खान का पक्ष कमजोर पड़ा और आखिर संदेह के लाभ पर आरोपी बरी हो गए.
इलाज के दौरान पहलू खान की मौत हुई थी
पहलू खान 1 अप्रैल, 2017 को अपने दो बेटों के साथ जयपुर के हटवाड़ा से गाय लेकर हरियाणा जा रहा था. उसी दौरान अलवर के बहरोड़ में भीड़ ने तीनों की जमकर पिटाई कर दी थी. इस पिटाई के तीन दिन बाद 4 अप्रैल, 2017 को बहरोड़ के कैलाश अस्पताल में इलाज के दौरान पहलू खान की मौत हो गई थी.
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जांच में रही खामियों और अनियमितताओं को चिन्हित करेगी एसआईटी
पहलू खान मामले में गत बुधवार को कोर्ट का फैसला (Court Verdict) आने के बाद शुक्रवार शाम को सीएम अशोक गहलोत ने आला अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में पहलू केस मामले की अपील करने और एसआईटी बनाने पर फैसला किया गया था. उसके बाद तत्काल एसआईटी का गठन किया गया. एसआईटी मामले की जांच में रही खामियों और अनियमितताओं को चिन्हित करेगी. अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी. एसआईटी केस से जुड़े वो सबूत भी जुटाएगी जो पुलिस जांच में इकट्ठे नहीं किए थे.
Rajasthan Chief Minister's Office (CMO): A Special Investigation Team (SIT) will be constituted to investigate the Pehlu Khan case (2017 Alwar lynching). The SIT will submit its report within 15 days. (File pic) pic.twitter.com/6Z3Yo8VTSM
— ANI (@ANI) August 17, 2019
सवा दो साल बाद गत बुधवार को आया था फैसला
अलवर में 1 अप्रैल, 2017 को मॉब लिंचिंग के शिकार हुए हरियाणा के नूंह मेवात निवासी पहलू खान की मौत के करीब सवा दो साल बाद गत बुधवार को 6 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया था. इस मामले में कोर्ट में चालान के बाद नियमित सुनवाई हुई, लेकिन पुलिस जांच में ऐसी कई खामियां रही जिनके चलते कोर्ट में पहलू खान का पक्ष कमजोर पड़ा और आखिर संदेह के लाभ पर आरोपी बरी हो गए.
इलाज के दौरान पहलू खान की मौत हुई थी
पहलू खान 1 अप्रैल, 2017 को अपने दो बेटों के साथ जयपुर के हटवाड़ा से गाय लेकर हरियाणा जा रहा था. उसी दौरान अलवर के बहरोड़ में भीड़ ने तीनों की जमकर पिटाई कर दी थी. इस पिटाई के तीन दिन बाद 4 अप्रैल, 2017 को बहरोड़ के कैलाश अस्पताल में इलाज के दौरान पहलू खान की मौत हो गई थी.
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