राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा से पहले सियासत तेज हो गई है. (फाइल फोटो)
जयपुर. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 4 दिसंबर की शाम को झालावाड़ से राजस्थान में प्रवेश करेगी, लेकिन यात्रा से पहले ही राजस्थान में चल रहे गहलोत-पायलट के बीच सत्ता संघर्ष का असर झालावाड़ में नजर आने लग गया. राहुल गांधी का यात्रा मार्ग झालावाड़ में पायलट के पोस्टरों से पट गया. राहुल गांधी के सामने चुनौती यह है कि राजस्थान में उनकी यात्रा पायलट के प्रभाव वाले जिलों से गुजरेगी, लेकिन यात्रा की कमान अशोक गहलोत के पास है. राजस्थान-मध्य प्रदेश सीमा से लेकर झालावाड़ शहर तक जहां नजर डालें सचिन पायलट और राहुल गांधी के पोस्टर नजर आ रहे हैं. पोस्टर में सचिन पायलट के समर्थक दिखाई दे रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहीं नहीं हैं. हर तरफ सिर्फ और सिर्फ सचिन पायलट ही हैं.
दरअसल, झालावाड़ गुर्जर बहुल जिला है और सचिन पायलट का अच्छा खासा प्रभाव है. टकराव के बीच सचिन पायलट ने 10 अक्टूबर को पहली सभा झालावाड़ से ही की थी. सचिन पायलट की मां रमा पायलट वसुंधरा राराजे के सामने झालावाड़ के झालरापाटन से 2003 में विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं. झालावाड़ बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधारा राजे का मजबूत सियासी गढ़ माना जाता है. खुद झालरापाटन से विधायक हैं और बेटा दुष्यंत सिंह झालावाड़ से ही सांसद है. पूरा मुकाबला पायलट बनाम वसुंधरा राजे है. 4 दिसंबर को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इसी झालावाड़ से मध्य प्रदेश से राजस्थान में प्रवेश करेगाी. ऐसे में पायलट कैंप यात्रा मार्ग में शक्ति प्रदर्शन कर राहुल गांधी को दिखाना चाहता है कि राजस्थान में वसुंधरा राजे को चुनौती पायलट दे रहे हैं न कि गहलोत.
अशोक गहलोत कैंप के पास है भारत जोड़ो यात्रा की कमान
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पोस्टर सिर्फ वहां नजर आ रहे हैं जहां राहुल गांधी रात्रि विश्राम करेंगे. पूरी यात्रा की कमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके कैंप के नेताओं के पास है, लेकिन झालावाड़ ही नहीं झालावाडड़ के बाद कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, दौसा और अलवर जिले से यात्रा गुजरेगी, ये सभी पांच जिलों में पायलट का दबदबा है. ये ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके कैंप के लिए चुनौती है. झालावाड़ के बाद 9 दिसंबर को यात्रा कोटा पहुंचेगी. राहुल गांधी की यात्रा कोटा शहर से निकलेगी. राजस्थान में इकलौता शहर होगा जिसके अंदर से यात्रा गुजरेगी. गहलोत कैंप अपनी ताकत कोटा शहर में दिखाएगा.
बता दें कि कोटा शहर के उत्तर से विधायक हैं गहलोत के सबसे करीबी नेता और नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल. धारीवाल के घर पर ही 25 सिंतबर को गहलोत कैंप के बागी विधायकों की बैठक हुई थी और धारीवाल की अगुवाई में ही गहलोत कैंप के विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी को इस्तीफे दिए थे हाईकमान के आदेश के खिलाफ जाकर. धारीवाल को कांग्रेस ने अनुशासनहीनता का नोटिस भी दे रखा है और पायलट कैंप कार्रवाई की मांग कर रहा है. अब राहुल गांधी उसी धारीवाल के साथ कोटा में लंच करेंगे और धारीवाल कोटा शहर के विकास से गहलोत सरकार का विकास मॉडल दिखाएंगे. हालांकि, सीएम अशोक गहलोत कैंप सफाई दे रहा है राहुल गांधी सुपर स्टार हैं, इसलिए हमारे झगड़े कोई मायने नहीं ऱखते.
यात्रा का मार्ग बदलने की भी हुई थी कोशिश
राहुल गांधी की यात्रा 4 से 21 दिंसबर तक राजस्थान से गुजरेगी. सचिन पायलट के प्रभाव को देखते हुए अशोक गहलोत कैंप ने कुछ दिन पहले यात्रा का मार्ग बदलवाने की भी कोशिश की थी, लेकिन पायलट ने ये कोशिश कामयाब नहीं होने दी. यात्रा के दौरान दोनों कैंप में टकराव को देखते हुए कुछ दिन पहले ही कांग्रेस हाईकमान ने संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को जयपुर भेजकर गहलोत-पायलट के बीच यात्रा तक संघर्ष विराम कराने की कोशिश की, दोनों के हाथ पकड़ मीडिया के सामने खड़े करवाए. दोनों से एकजुटता का नारा भी लगवाया, लेकिन दोनों के बीच तल्खी इतनी अधिक है कि टकराव अभी से नजर आ रहा है.
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