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Rajasthan Bypolls Results: धरियावाद में BJP को झटका, ये रहे कांग्रेस की जीत के 5 कारण

नगराज मीणा का यह छठा चुनाव था. लिहाजा उनके पास अनुभव की कोई कमी नहीं थी और मतदाताओं तक उनकी पहुंच भी थी.

नगराज मीणा का यह छठा चुनाव था. लिहाजा उनके पास अनुभव की कोई कमी नहीं थी और मतदाताओं तक उनकी पहुंच भी थी.

Dhariyavad Bypolls Result : कांग्रेस ने धरियावाद सीट बीजेपी के हाथ से छीनकर यह जता दिया कि अगर रणनीति के साथ चुनाव मैदा ...अधिक पढ़ें

    चंचल सनाढ्य.

    जयपुर/प्रतापगढ़. राजस्थान विधानसभा चुनाव में धरियावद (Dhariyavad) सीट पर हुई कांग्रेस (Congress) की धमाकेदार जीत ने उसकी बांछे खिला दी है. धरियावद सीट को जीतने के लिये कांग्रेस इस बार बेहतर रणनीति (Sharp Strategy) और एजेंडे के साथ चुनाव मैदान में उतरी. उसकी यह रणनीति कारगर रही और उसके प्रत्याशी नगराज मीणा ने वहां करीब 19 हजार वोटों से जीत दर्ज की. कांग्रेस की इस रणनीत में पांच ऐसे अहम फैक्टर रहे जिन्होंने धरियावद की सीट कांग्रेस की झोली में डाल दी.

    बीजेपी के हाथ से सीट छीनकर अपनी झोली में डालने वाली कांग्रेस ने इस बार इस सीट के लिये काफी पसीना बहाया था. इस जीत का सबसे पहला और बड़ा कारण अशोक गहलोत सरकार की ओर से क्षेत्र के लिये पिछले दिनों स्वीकृत किये गये 300 करोड़ के विकास कार्यों को माना जा रहा है. इन विकास कार्यों को कांग्रेस ने चुनाव प्रचार में खूब भुनाया और इसका उसे बड़ा फायदा मिला.

    बीजेपी ने खुद ही डाल दी कांग्रेस की झोली में सीट
    कांग्रेस की जीत का दूसरा बड़ा कारण बीजेपी की ओर से उसके दिवंगत विधायक गौतमलाल मीणा के पुत्र कन्हैयालाल को टिकट नहीं देना रहा. ऐसा करके बीजेपी ने धरियावद की यह सीट खुद ही उसके झोली में डाल दी. बीजेपी के इस कदम से कांग्रेस की जीत की राह और आसान हो गई. धरियावाद के बीजेपी विधायक गौतमलाल मीणा का पिछले दिनों निधन हो गया था. उसके कारण ही यह सीट खाली हुई थी.

    कन्हैयालाल का टिकट कटना कांग्रेस के लिये संजीवनी साबित हुआ
    विधायक गौतमलाल मीणा के निधन के बाद उनके पुत्र कन्हैयालाल मीणा ने टिकट की दावेदारी जताई थी. लेकिन बीजेपी ने इस बार नया प्रयोग करते हुये नये चेहरे को चुनाव मैदान में उतारा. इसके कारण कन्हैयालाल मीणा नाराज हो गये थे. उन्होंने समर्थकों के साथ जाकर बतौर निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन भी कर दिया था. पार्टी ने उनको संगठन में प्रदेश मंत्री का पद देकर मना जरुर लिया लेकिन उनके समर्थकों के मन में टीस रह गई थी. वह टीस कांग्रेस के लिये संजीवनी और बीजेपी के लिये घातक सिद्ध हुई.

    कांग्रेस ने मंत्रियों समेत पूरा लवाजमा झौंक दिया था
    तीसरा कारण कांग्रेस की ओर से संसाधनों को माना जा रहा है. धरियावद सीट को जीतने के लिये यहां कांग्रेस के मंत्री अशोक चांदना और अर्जुनलाल बामणिया समेत गहलोत के विश्वस्त माने जाने वाले धर्मेन्द्र राठौड़ समेत पूर्व मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय और प्रतापगढ़ विधायक रामलाल मीणा करीब एक महीने तक पड़ाव डाले रहे. इस टीम ने घर-घर तक दस्तक देने का प्रयास किया और बेहतर रणनीति से मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने में सफल रहे.

    नगराज मीणा के पास पांच चुनावों का अनुभव था
    चौथा अहम कारण नगराज मीणा के प्रति वोटर की सहानुभूति भी मानी जा रही है. नगराज मीणा ने इसे अपना अंतिम चुनाव बताते हुये वोट मांगे और मतदाताओं ने उन पर भरोसा किया. नगराज मीणा यहां से तीन बार विधायक रह चुके हैं. दो चुनाव हार चुके हैं. यह उनका छठा चुनाव था. लिहाजा उनके पास अनुभव की कोई कमी नहीं थी और मतदाताओं तक उनकी पहुंच भी थी.

    गहलोत ने किये थे दो दौरे और चार सभायें
    पांचवां बड़ा कारण सीएम अशोक गहलोत की सभायें रही. गहलोत ने यहां दो बार दौरे किये और चार सभायें की. इस दौरान वे बीजेपी के दिवंगत विधायक गौतमलाल मीणा के घर सांत्वना जताने भी गये. यह सियासी गलियारों में काफी चर्चा में रहा. इसका भी मतदाताओं पर काफी असर पड़ा. वहीं भारतीय ट्राईबल पार्टी ने यहां काफी वोट लिये. हालांकि उसने बीजेपी और कांग्रेस दोनों के वोट छीने लेकिन कांग्रेस को बीजेपी के नाराज कार्यकर्ताओं का भी वोट मिला.

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