राजस्थान में ऑक्सीजन की किल्लत से निबटने की कवायद करते हुए एक उच्चस्तरीय ग्रुप का गठन किया गया है. इस ग्रुप का गठन ऑक्सीजन कंस्ट्रेन्ट्रेटर, ऑक्सीजन रेगुलेटर आदि की खरीद के लिए किया गया है. सरकार ने इस ग्रुप में तीन सदस्य रखे हैं. इस उच्चस्तरीय ग्रुप में अतिरिक्त मुख्य सचिव खान सुबोध अग्रवाल, आयुक्त विभागीय जांच प्रीतम यशवंत औक संयुक्त शासन सचिव वित्त टीना डाबी को शामिल किया गया है. इस उच्चस्तरीय ग्रुप के गठन के बाबत शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने आदेश जारी कर दिया है. महाजन ने बताया है कि मानव जीवन रक्षा की रक्षा के लिए यह ग्रुप आवश्यक उपकरणों की खरीद करेगा.
इससे पहले न्यूज18 को दिए एक विशेष इंटरव्यू में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऑक्सीजन संकट पर महत्वपूर्ण बातचीत की. उन्होंने बताया कि राजस्थान में 12% एक्टिव रोगियों को ऑक्सीजन की जरूरत है. इस लिहाज से हमारे 20 हजार 400 रोगियों को (1.7 लाख सक्रिय मामलों में से) ऑक्सीजन की दरकार है. हमें लगभग 466 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है, लेकिन सिर्फ 265 मीट्रिक टन मिल रही है. इस तरह लगभग 201 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की कमी राज्य में है.
सीएम अशोक गहलोत ने बताया कि मैंने तीन दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था और उनसे राजस्थान के लिए अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए कहा था. कल, मैंने गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पीएम के प्रधान सचिव पीके मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को फोन किया. मैंने उनसे कहा कि ऑक्सीजन की कमी के कारण लोग मरेंगे. यह न राज्य के हित में होगा और न केंद्र के. क्योंकि लोग कहेंगे कि हम सब मरते रहे और दोनों सरकारें झगड़ती रहीं. इसलिए दोनों सरकारों को किसी ब्लेम गेम में उलझने के बजाए मिलकर काम करना चाहिए. पर गहलोत ने कहा कि मामला वहीं अटका हुआ है.
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FIRST PUBLISHED : April 30, 2021, 23:37 IST