प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ( Prime Minister Crop Insurance Scheme ) के तहत क्लेम से वंचित रहे किसानों (Farmers) को राज्य सरकार जल्द ही बड़ी राहत देने जा रही है. इसी महीने बीमा प्रीमियम की करीब 700 करोड़ की राज्यांश की राशि का बीमा कम्पनियों को भुगतान किया जाएगा ताकि किसानों को बीमा क्लेम मिल सके. हाल ही में मुख्यमंत्री के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस में जनप्रतिनिधियों ने किसानों को बीमा क्लेम का मसला भी उठाया था.
ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर है और बीमा कंपनियों को शेष रही प्रीमियम की करीब 700 करोड़ की राशि का इसी महीने
कर दिया जाएगा. पिछले दिनों में राज्य सरकार ने करीब डेढ़ हजार करोड़ का प्रीमियम भरा था. उसके बाद प्रदेश के लाखों किसानों को क्लेम को राशि का भुगतान भी हो चुका है. अब शेष रहे किसानों को राहत देने की तैयारी की जा रही है. लॉकडाउन के दौर में इससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी.
राज्य सरकार ने अपने हिस्से का प्रीमियम भरने में देरी की. इससे किसानों को बीमा क्लेम मिलने में देरी हुई. अब राज्य सरकार द्वारा जल्द ही बीमा कंपनियों को बकाया प्रीमियम का भुगतान किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों को प्रीमियम का बहुत छोटा हिस्सा स्वयं चुकाना पड़ता है. जबकि प्रीमियम की शेष राशि केंद्र और राज्य सरकार बराबर हिस्से में वहन करती है. राज्य सरकार द्वारा प्रीमियम जमा करवाने के बाद केंद्र सरकार अपने हिस्से का प्रीमियम जमा करवाती है. उसके बाद किसानों को क्लेम का भुगतान होता है.
किसानों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2019-20 के बजट में 1000 करोड़ की राशि से कृषक कल्याण कोष बनाने की घोषणा की थी. सरकार का एक साल पूरा होने पर इस घोषणा को अमलीजामा पहनाया गया था. अब इसी कोष में उपलब्ध राशि से राज्य सरकार अपने हिस्से का प्रीमियम भर रही है. प्रीमियम का पैसा भरा जाने से यह कोष खाली हो गया है. इसे फिर से भरने के लिए हाल ही में कृषि जिंसों पर 2 प्रतिशत कृषक कल्याण शुल्क लगाया गया है. उसका मंडी व्यापारियों ने विरोध जताया है.
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FIRST PUBLISHED : May 14, 2020, 19:21 IST