राजस्थान दिवस पर राज्य सरकार आज करीब 1200 कैदियों को उनकी सजा खत्म होने से पहले रिहा करेगी. इनमें उन वृद्ध कैदियों को शामिल किया गया है जो सदाचारपूर्वक अपनी सजा अधिकांश सजा भुगत चुके या गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वृद्ध और गंभीर बीमारियों से ग्रसित बंदियों को इसलिए रिहा किया जा रहा है ताकि वे कोविड-19 संक्रमण के खतरे से बचे रहें. ऐसे पुरुष कैदियों में 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले कैदियों को शामिल किया गया है. वहीं महिला कैदियों के मामले में आयु का दायरा 65 वर्ष का रखा गया है.