Roadways Bus: राजस्थान रोडवेज ने 550 नई बसों की खरीद का प्रस्ताव बनाकर वित्त विभाग के पास जरूर भेज दिया है लेकिन ये बसें कब आएंगी किसी को पता नहीं है.
जयपुर. राजस्थान में 1 अप्रैल से बस की यात्रा करने वालों का संकट बढ़ सकता है. इसकी वजह है राजस्थान रोडवेज (Rajasthan Roadways). दरअसल, 31 मार्च के बाद रोडवेज का सफर मुश्किल हो जाएगा. 1 अप्रैल को राजस्थान रोडवेज के बेड़े में से एक साथ 1200 बसों को हटाया जा रहा है. उसके बाद बेड़े में महज 1600 बसें ही बचेंगी. ऐसे में राज्य के भीतर या देश के अन्य शहरों की यात्रा करने वाले मुसाफिरों को 2800 बसों के मुकाबले केवल 1600 बसों से काम चलाना होगा. क्योंकि रोडवेज ने अभी तक नए बसों की खरीद को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है.
राजस्थान रोडवेज के एमडी नथमल डिडेल ने बताया कि रोडवेज के बेड़े से 31 मार्च 2023 को 1200 बसों को हटाया जा रहा है. इन बसों की अवधि पूरी हो रही है. नियमों के मुताबिक 8 लाख किलोमीटर या 8 साल पूरे होने पर बसों को हटा लिया जाता है. इन बसों के 8 लाख किलोमीटर भी पूरे हो चुके है और 8 साल भी. 2023 में 1200 बसों को नंबर आया है. उसके बाद 2024 में 800 बसों को नंबर आने वाला है. वर्तमान में विभाग की अपनी बसों की संख्या 2800 के करीब है. इसके साथ ही करीब 600 अनुबंधित बसें हैं. अब 2800 में से 1200 बसें जाने के बाद बेड़े में सिर्फ 1600 बसें बचेंगी.
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1000 नई बसों की हुई थी घोषणा
मुख्यमंत्री ने हाल ही में अपने बजट में 1 हजार नई बसों को राजस्थान रोडवेज के बेड़े में शामिल करने की बात कही थी. लेकिन अभी तक यही साफ नहीं हो पाया है कि ये बसें अनुबंध पर ली जाएगी या फिर सरकार खुद बसों की खरीद करेगी. हालांकि विभाग ने 550 नई बसों की खरीद का प्रस्ताव बनाकर वित्त विभाग के पास जरूर भेज दिया है लेकिन ये बसें कब आएंगी किसी को पता नहीं है.
नई बसों का दूर दूर तक कोई ठिकाना नहीं है
कुल मिलाकर राजस्थान रोडवेज के बेड़े से बसें लगातार कम हो रही हैं. नई बसों का दूर दूर तक कोई ठिकाना नहीं है. यात्रीभार कम होने की बजाय लगातार बढ़ रहा है. अब ऐसे में 1 अप्रेल से पूरे प्रदेश में 1600 बसें चलेगी और यात्रियों को इन्ही बसों में सफर करना होगा. जाहिर है ऐसे में कुछ मार्गों की बसें बंद हो जाएगी. बची हुई बसों में यात्रीभार बढ़ेगा तो धक्का मुक्की और जगह के लिए मारमारी होगी. एक तरफ रोडवेज को अपने स्टाफ को देने के लिए सैलेरी का भी टोटा पड़ रहा है वहीं दूसरी तरफ उसके संसाधन भी लगातार घट रहे हैं.
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Tags: Ashok Gehlot Government, Jaipur news, Rajasthan news, Rajasthan Roadways
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