राजस्थान (Rajasthan) के रणथंभौर टाइगर रिजर्व (Ranthambore Tiger Reserve) के बाघ अब पहले की तरह ह्यूमन फ्रेंडली (Human friendly) नहीं रहे हैं. इस वर्ष रणथंभौर के बाघों ने इतिहास में अब तक सबसे ज्यादा बार इंसानों पर हमले (Attacks on humans) किए हैं. वन विभाग (Forest department) का मानना है कि युवा बाघ (Young tiger) रणथंभौर में इलाका नहीं बना पाने के कारण तनाव (Stress) में हैं. इसके चलते 15 से 16 बाघ टाइगर रिजर्व की सरहदों को लेकर टकराव की स्थिति (Collision situation) में हैं. लिहाजा विभाग प्राथमिकता के आधार पर 6 बाघों को दूसरे टाइगर रिजर्व में तुरंत शिफ्ट (Shift) करने का बड़ा प्लान (Big plan) बनाया जा रहा है. वन विभाग की इस कार्ययोजना को पिछले दिनों दिल्ली में हुई बैठक में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकारण (National Tiger Conservation Authority) ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है.
रहा है. यहां के बाघों का बर्ताव इंसानों के प्रति बेहद दोस्ताना रहा है. दूर-दूर से लोग रणथंभौर में बाघों का स्वच्छंद विचरण देखने यहां आते हैं. लेकिन इस साल बाघों द्वारा इंसानों पर किए गए हमलों की लगातार हुई घटनाओं ने यहां के
लगा दिया है. हालात से साफ है कि रणथंभौर के बाघों का इंसानों के प्रति बर्ताव बदल रहा है.
सवाल ये है कि यहां बाघ किस वजह से अपना मिजाज़ बदल रहे हैं. वन विभाग इसकी सबसे बड़ी वजह रणथंभौर में बाघों की संख्या क्षमता से ज्यादा होना मानता है. विभाग का मानना है कि जगह की कमी और इंसानी दखल कारण युवा बाघ तनाव में हैं. युवा बाघ अपने नए इलाके नहीं बना पा रहे हैं. उन्हें अपना इलाका बनाने के लिए इलाके लिए नई जगह चाहिए. इसीलिए अब विभाग एक साथ 6 बाघों को रणथंभौर से शिफ्ट करने की तैयारी में है.
इसके लिए पिछले दिनों दिल्ली एक बैठक भी हुई है. बैठक में वन विभाग को एनटीसीए ने टाइगर शिफ्टिंग की सैद्धांतिक मंजूरी भी दे दी है. वन विभाग अब रणथंभौर से दो बाघ सरिस्का, दो बाघ मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और दो बाघ बूंदी रामगढ़ विषधारी के जंगल में भेजने की तैयारी में जुट गया है. इसके लिए एक प्रस्ताव बनाकर वन विभाग दिल्ली भेजेगा ताकि उस पर फाइनल मुहर लग सके.
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FIRST PUBLISHED : October 20, 2019, 14:49 IST