RAS Recruitment Exam-2018: हाई कोर्ट ने मुख्य परीक्षा का परिणाम किया रद्द, कहा- दोबारा जारी करें

कोर्ट से इस संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 7 दिसम्बर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
हाई कोर्ट ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की आरएएस परीक्षा-2018 (RAS Recruitment Exam) मेंस के परिणाम को रद्द (Cancel) करने के आदेश दिये हैं. कोर्ट ने कहा कि फैसले के बिंदुओं के आधार पर फिर से परीक्षा परिणाम जारी किया जाएं.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: December 18, 2020, 7:31 AM IST
जयपुर. राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की ओर से आयोजित की गई आरएएस भर्ती परीक्षा-2018 (RAS Recruitment Examination) एक बार फिर से विवादों मे फंसती हुई नजर आ रही है. करीब डेढ़ साल बाद हाई कोर्ट (High Court) की रोक हटने से उम्मीद जगी थी कि अब भर्ती परीक्षा पूरी कर ली जाएगी. लेकिन, गुरुवार को हाई कोर्ट के जस्टिस एसपी शर्मा की अदालत ने एक बार फिर भर्ती के मुख्य परीक्षा परिणाम को ही रद्द (main exam result Cancel) कर दिया.
कोर्ट ने आरपीएससी को निर्देश दिए हैं कि फैसले के बिंदुओं के आधार पर फिर से परीक्षा परिणाम जारी किया जाए. इससे एक बार फिर भर्ती प्रक्रिया लंबित हो गई है. दरअसल, राजेश कुमार पीपलोदा व अन्य ने परीक्षा परिणाम को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि आरपीएससी ने बिना न्यूनतम अर्हता अंक बताए परिणाम जारी कर दिया. वहीं, परीक्षा में केवल डेढ़ गुणा अभ्यर्थियों को ही बुलाया गया. इससे योग्य अभ्यर्थी बाहर हो गए.
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ढाई साल बाद भी र्ती परीक्षा पूरी नहीं हो सकी
कोर्ट से इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 7 दिसम्बर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. गुरुवार को यह फैसला सुनाया गया. कोर्ट ने अपने फैसले में आरपीएससी को निर्देश दिए हैं कि वह मिनिमम क्वालिफाई मार्क्स जारी करते हुए संशोधन से पूर्व के नियमों के अनुसार परिणाम जारी करें. वहीं, कम से कम 2 गुणा अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाए जायें. यह पहली बार नहीं जब आरएएस भर्ती परीक्षा- 2018 हाई कोर्ट में अटकी हो. इससे पहले ही इस परीक्षा पर करीब डेढ़ साल हाई कोर्ट में रोक लगी हुई थी. इसके चलते ढ़ाई साल बाद भी यह भर्ती परीक्षा पूरी नहीं हो सकी है.
RAS भर्ती परीक्षा- 2018 अहम तथ्य
- 9 अप्रेल 2018 को भर्ती का विज्ञापन जारी हुआ था.
- करीब 1051 पदों के लिए भर्ती निकाली गई थी.
- हाई कोर्ट ने 1 दिसम्बर 2018 को मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी थी.
- यह रोक करीब डेढ़ साल तक रही थी. आरपीएसएसी कोर्ट से रोक नहीं हटवा सकी.
- 30 जून 2020 को परिणाम जारी करने से रोक हटी थी.
- 9 जुलाई 2020 को आरपीएससी ने रोक हटाई.
-10 दिसम्बर से भर्ती परीक्षा के इंटरव्यू होने थे.
- कोर्ट ने इससे पहले 7 दिसम्बर को इंटरव्यू पर रोक लगा दी थी.
- गुरुवार को हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मैन्स का रिजल्ट रद्द कर दिया.
गेंद फिर से आरपीएससी के पाले में गई
अब एक बार फिर गेंद आरपीएससी के पाले में चली गई है. अब आरपीएससी या तो हाई कोर्ट के आदेशानुसार फिर से परिणाम जारी करे या इस फैसले की डिवीजन बैंच में अपील करें. दोनों ही सूरत में भर्ती पूरी करने में अधिक समय लग सकता है.
कोर्ट ने आरपीएससी को निर्देश दिए हैं कि फैसले के बिंदुओं के आधार पर फिर से परीक्षा परिणाम जारी किया जाए. इससे एक बार फिर भर्ती प्रक्रिया लंबित हो गई है. दरअसल, राजेश कुमार पीपलोदा व अन्य ने परीक्षा परिणाम को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि आरपीएससी ने बिना न्यूनतम अर्हता अंक बताए परिणाम जारी कर दिया. वहीं, परीक्षा में केवल डेढ़ गुणा अभ्यर्थियों को ही बुलाया गया. इससे योग्य अभ्यर्थी बाहर हो गए.
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कोर्ट से इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 7 दिसम्बर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. गुरुवार को यह फैसला सुनाया गया. कोर्ट ने अपने फैसले में आरपीएससी को निर्देश दिए हैं कि वह मिनिमम क्वालिफाई मार्क्स जारी करते हुए संशोधन से पूर्व के नियमों के अनुसार परिणाम जारी करें. वहीं, कम से कम 2 गुणा अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाए जायें. यह पहली बार नहीं जब आरएएस भर्ती परीक्षा- 2018 हाई कोर्ट में अटकी हो. इससे पहले ही इस परीक्षा पर करीब डेढ़ साल हाई कोर्ट में रोक लगी हुई थी. इसके चलते ढ़ाई साल बाद भी यह भर्ती परीक्षा पूरी नहीं हो सकी है.
RAS भर्ती परीक्षा- 2018 अहम तथ्य
- 9 अप्रेल 2018 को भर्ती का विज्ञापन जारी हुआ था.
- करीब 1051 पदों के लिए भर्ती निकाली गई थी.
- हाई कोर्ट ने 1 दिसम्बर 2018 को मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी थी.
- यह रोक करीब डेढ़ साल तक रही थी. आरपीएसएसी कोर्ट से रोक नहीं हटवा सकी.
- 30 जून 2020 को परिणाम जारी करने से रोक हटी थी.
- 9 जुलाई 2020 को आरपीएससी ने रोक हटाई.
-10 दिसम्बर से भर्ती परीक्षा के इंटरव्यू होने थे.
- कोर्ट ने इससे पहले 7 दिसम्बर को इंटरव्यू पर रोक लगा दी थी.
- गुरुवार को हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मैन्स का रिजल्ट रद्द कर दिया.
गेंद फिर से आरपीएससी के पाले में गई
अब एक बार फिर गेंद आरपीएससी के पाले में चली गई है. अब आरपीएससी या तो हाई कोर्ट के आदेशानुसार फिर से परिणाम जारी करे या इस फैसले की डिवीजन बैंच में अपील करें. दोनों ही सूरत में भर्ती पूरी करने में अधिक समय लग सकता है.