प्रदेश की राज्य सरकर दिन प्रतिदिन तेजी से प्रचलन में आ रहे सोशल मीडिया और स्मार्ट फोन (Social media and smart phones) का उपयोग अब खेती में भी करेगी. इसके लिये प्रदेश के कृषि विभाग ने बड़ा कदम उठाया है. खेती-बाड़ी की जानकारी देने के लिये लाखों किसानों (Farmers) को सोशल मीडिया से जोड़ा जा रहा है. इसके लिये प्रदेशभर में किसानों के करीब पांच हजार वॉट्सएप ग्रुप (WhatsApp groups) बनाये जा चुके हैं. इनसे करीब पांच लाख किसानों को जोड़ दिया गया है. अगर यह मुहिम सफल रही तो प्रदेश के किसानों को कृषि से जुड़ी जानकरियां उनको घर बैठे-बैठे आसान तरीके से मिल जायेगी.
के मुताबिक प्रदेश के किसानों को अब विभागीय योजनाओं की जानकारी के साथ ही खेती के उन्नत तरीकों और नवाचारों की जानकारी वॉट्सएप ग्रुप के जरिए मिलेगी. इन ग्रुप्स पर कृषि पर्यवेक्षक सफलता की कहानियां और खेती से जुड़ी डॉक्युमेंट्री समेत विभागीय सूचनाएं साझा करेंगे. यह प्रयोग फसल में रोग और टिड्डी प्रकोप जैसी समस्याओं से निपटने में भी मदद करेगा.
प्रदेश में कार्यरत सभी कृषि पर्यवेक्षकों को वॉट्सएप ग्रुप बनाकर अपने-अपने क्षेत्र के 250-250 किसानों को इससे जोड़ने के निर्देश कृषि विभाग द्वारा दिए गए थे. प्रदेश में करीब साढ़े 5 हजार कृषि पर्यवेक्षक कार्यरत हैं और इनके द्वारा अब तक 4 हजार 786 ग्रुप बनाए जा चुके हैं. इनके जरिये लगभग 5 लाख किसानों को जोड़ा जा चुका है. जयपुर जिले में सबसे ज्यादा 53 हजार किसानों को व्हाट्सएप ग्रुप्स से जोड़ा गया है. अगर यह प्रयोग सफल रहा तो विभाग को अपनी योजनाओं का प्रचार प्रसार करने में काफी आसानी हो जायेगी और किसानों तक विभाग की पहुंच भी आसान हो जायेगी.
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आजकल काफी बड़ी संख्या में किसान स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करते हैं. वे अब पंरपरागत खेती की बजाय आधुनिक तकनीक का अपनाने में भी खासा रुझान दिखा रहे हैं. खेती की जानकारी साझा करने में किसान भी सोशल मीडिया का फायदा उठाने में कोई गुरेज नहीं कर रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 26, 2020, 07:51 IST