Analysis: G-23 की सक्रियता बीच कांग्रेस के लिए 'संकटमोचक' बनेंगे सीएम गहलोत, राजस्थान उपचुनाव के लिए मिला फ्री हैंड

गांधी परिवार के विश्वासपात्र अशोक गहलोत आने वाले समय में पार्टी के लिए रोडमैप तैयार करेंगे.
Congress News:राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने पार्टी में ग्रुप 23 की बढ़ती सक्रियता के बीच सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की है. अब वह न सिर्फ कांग्रेस पार्टी का रोडमैप तैयार करेंगे बल्कि राजस्थान में होने वाले चुनाव के लिए उन्हें फ्री हैंड दे दिया गया है.
- News18Hindi
- Last Updated: February 28, 2021, 7:17 PM IST
जयपुर/नई दिल्ली. कांग्रेस पार्टी में ग्रुप 23 की बढ़ती सक्रियता ने गांधी परिवार की चिंता बढ़ा दी है. यह वही ग्रुप 23 है जिसने पत्र लिखकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़ा किया था और शीर्ष बदलाव की बात कर कांग्रेस में हलचल पैदा कर दी थी. अब इस ग्रुप की जम्मू में हुई बैठक के बाद कई तरह की बातें सामने आ रही हैं. ऐसे में गांधी परिवार के सबसे विश्वासपात्र और पार्टी के रणनीतिकार राजस्थान सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) शनिवार शाम जब दिल्ली पहुंचे तो सबसे पहले सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से दस जनपथ में जाकर मुलाकात की और ग्रुप 23 के मसले पर चर्चा की. साथ ही आने वाले समय में इससे कैसे निपटा जाएगा इस पर अपनी राय रखी. वहीं, राजस्थान कांग्रेस में गहलोत और सचिन पायलट (Sachin Pilot) की खींचतान हमेशा चर्चाओं में रहती है लिहाजा सीएम ने राजस्थान के राजनीतिक हालात है और आगामी उपचुनाव पर भी चर्चा की.
सीएम अशोक गहलोत चाहते थे कि चार सीट पर होने वाले उपचुनाव में उन्हें फ्री हैंड दिया जाए, जिससे वह तय कर सकें किसे कहां से उतार जाए, क्योंकि टिकट के दावेदारों को देखते हुए कई तरह की बातें सामने आ रही थीं. अब उनको फ्री हैंड दे दिया है और चुनाव जिताने की जिम्मेदारी अब उनकी ही होगी.
सीएम गहलोत तय करेंगे टिकट
किसान आंदोलन का पॉलिटिकल माइलेज लेने के लिए कांग्रेस ने कहीं कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. राजस्थान में खुद शनिवार को सीएम गहलोत ने बीकानेर और चितौड़गढ़ में किसान महापंचायत की. इस दौरान पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी मंच पर साथ रहे. सचिन पायलट की महापंचायत में उपस्थिति से सीएम गहलोत ने यह मैसेज देने की कोशिश की कि पार्टी में गुटबाजी और बदजुबानी पर अब ब्रेक लग गया है. किसानों का पार्टी को मिल रहा है समर्थन और चुनाव में इसके फायदे की जानकारी भी सोनिया गांधी को सीएम ने मुलाकात के दौरान दी है.राजस्थान कांग्रेस में पार्टी के अंदर चल रही गुटबाजी और पिछले दिनों गुर्जर समाज की तरफ से सचिन पायलट को मिला समर्थन कहीं ना कहीं अशोक गहलोत के लिए चिंता का विषय बन गया था. ऐसे में अशोक गहलोत पार्टी के विधायक जोगिंदर अवाना की बेटी की सगाई में शामिल होकर यह मैसेज देने की कोशिश की कि वह गुर्जर समाज के बारे में सकारात्मक सोच रखते हैं, उनकी चिंता करते हैं और उनका भला चाहते हैं. राजस्थान के नदबई से विधायक जोगिंदर अवाना की बेटी की सगाई ग्रेटर नोएडा जेपी रिजॉर्ट में शनिवार शाम को हुई थी. यह वही जोगिंदर अवाना हैं जो बसपा के टिकट पर चुनाव जीते थे और बाद में बसपा के छह विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए.
पार्टी के लिए रोडमैप तैयार करेंगे गहलोत
आज (रविवार) की बात करें तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सुबह से 1:30 बजे तक जोधपुर हाउस में मौजूद रहे. इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता कोषाध्यक्ष पवन बंसल, इमरान मसूद, राजीव सातव और दूसरे राज्यों से भी आए हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. सूत्रों की मानें तो वह (राजीव सातव) राहुल गांधी के करीबी लोगों में से एक हैं. इसके अलावा राजीव सातव ने दिल्ली में कांग्रेस में अंदर खाने क्या चल रहा हैऔर किससे पार्टी को घर में ही चुनौती है, इसकी जानकारी अशोक गहलोत को दी. देखा जाए तो अशोक गहलोत ने पार्टी के अंदर जयपुर से लेकर दिल्ली तक चल रही गुटबाजी और तमाम खामियों को दूर करने के लिए पार्टी आलाकमान से चर्चा की है. सूत्रों की मानें तो गांधी परिवार के विश्वासपात्र अशोक गहलोत आने वाले समय में पार्टी के लिए रोडमैप तैयार करेंगे,जिस पर पार्टी आगे चलेगी.
बहरहाल, कांग्रेस की किसी भी बैठक में जब कोई भी नेता पार्टी अध्यक्ष के चुनाव को लेकर या शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़ा करता है तो अशोक गहलोत एक ढाल बन कर खड़े रहते हैं. पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, इसकी तैयारी की बात हो या उत्तर प्रदेश में अपनी सियासी जमीन तलाश रही प्रियंका गांधी की हो, इन सब समस्याओं को दूर करने के लिए कांग्रेस पार्टी में जीत के जादूगर के रूप में पहचान बनाने वाले गहलोत जल्द ही अपनी जादूगरी दिखाएंगे.
सीएम अशोक गहलोत चाहते थे कि चार सीट पर होने वाले उपचुनाव में उन्हें फ्री हैंड दिया जाए, जिससे वह तय कर सकें किसे कहां से उतार जाए, क्योंकि टिकट के दावेदारों को देखते हुए कई तरह की बातें सामने आ रही थीं. अब उनको फ्री हैंड दे दिया है और चुनाव जिताने की जिम्मेदारी अब उनकी ही होगी.
सीएम गहलोत तय करेंगे टिकट
किसान आंदोलन का पॉलिटिकल माइलेज लेने के लिए कांग्रेस ने कहीं कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. राजस्थान में खुद शनिवार को सीएम गहलोत ने बीकानेर और चितौड़गढ़ में किसान महापंचायत की. इस दौरान पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी मंच पर साथ रहे. सचिन पायलट की महापंचायत में उपस्थिति से सीएम गहलोत ने यह मैसेज देने की कोशिश की कि पार्टी में गुटबाजी और बदजुबानी पर अब ब्रेक लग गया है. किसानों का पार्टी को मिल रहा है समर्थन और चुनाव में इसके फायदे की जानकारी भी सोनिया गांधी को सीएम ने मुलाकात के दौरान दी है.राजस्थान कांग्रेस में पार्टी के अंदर चल रही गुटबाजी और पिछले दिनों गुर्जर समाज की तरफ से सचिन पायलट को मिला समर्थन कहीं ना कहीं अशोक गहलोत के लिए चिंता का विषय बन गया था. ऐसे में अशोक गहलोत पार्टी के विधायक जोगिंदर अवाना की बेटी की सगाई में शामिल होकर यह मैसेज देने की कोशिश की कि वह गुर्जर समाज के बारे में सकारात्मक सोच रखते हैं, उनकी चिंता करते हैं और उनका भला चाहते हैं. राजस्थान के नदबई से विधायक जोगिंदर अवाना की बेटी की सगाई ग्रेटर नोएडा जेपी रिजॉर्ट में शनिवार शाम को हुई थी. यह वही जोगिंदर अवाना हैं जो बसपा के टिकट पर चुनाव जीते थे और बाद में बसपा के छह विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए.
पार्टी के लिए रोडमैप तैयार करेंगे गहलोत
आज (रविवार) की बात करें तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सुबह से 1:30 बजे तक जोधपुर हाउस में मौजूद रहे. इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता कोषाध्यक्ष पवन बंसल, इमरान मसूद, राजीव सातव और दूसरे राज्यों से भी आए हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. सूत्रों की मानें तो वह (राजीव सातव) राहुल गांधी के करीबी लोगों में से एक हैं. इसके अलावा राजीव सातव ने दिल्ली में कांग्रेस में अंदर खाने क्या चल रहा हैऔर किससे पार्टी को घर में ही चुनौती है, इसकी जानकारी अशोक गहलोत को दी. देखा जाए तो अशोक गहलोत ने पार्टी के अंदर जयपुर से लेकर दिल्ली तक चल रही गुटबाजी और तमाम खामियों को दूर करने के लिए पार्टी आलाकमान से चर्चा की है. सूत्रों की मानें तो गांधी परिवार के विश्वासपात्र अशोक गहलोत आने वाले समय में पार्टी के लिए रोडमैप तैयार करेंगे,जिस पर पार्टी आगे चलेगी.
बहरहाल, कांग्रेस की किसी भी बैठक में जब कोई भी नेता पार्टी अध्यक्ष के चुनाव को लेकर या शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़ा करता है तो अशोक गहलोत एक ढाल बन कर खड़े रहते हैं. पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, इसकी तैयारी की बात हो या उत्तर प्रदेश में अपनी सियासी जमीन तलाश रही प्रियंका गांधी की हो, इन सब समस्याओं को दूर करने के लिए कांग्रेस पार्टी में जीत के जादूगर के रूप में पहचान बनाने वाले गहलोत जल्द ही अपनी जादूगरी दिखाएंगे.