Rajasthan: खिलाड़ियों को बिना इम्तिहान दिये मिलेगी सरकारी नौकरी, 465 स्पोर्ट्स पर्सन को हो सकता है फायदा

प्रदेश के कुल 465 खिलाड़ियों को सबसे पहले इस दायरे में लाया गया है. ये सभी खिलाड़ी वर्ष 2016 के बाद मेडलिस्ट हैं.
राजस्थान में खिलाड़ियों (Players) को बिना कोई परीक्षा दिए उनके मेडल के आधार पर सरकारी नौकरी (Government Job) की सौगात मिलेगी. खेल विभाग ने मंगलवार से ही प्रदेश के खिलाड़ियों से इसके लिए आवेदन मांग लिए हैं.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: July 1, 2020, 9:18 AM IST
जयपुर. राजस्थान में खिलाड़ियों (Players) को बिना कोई परीक्षा दिए उनके मेडल के आधार पर सरकारी नौकरी (Government Job) की सौगात मिलेगी. खेल विभाग ने मंगलवार से ही प्रदेश के खिलाड़ियों से इसके लिए आवेदन मांग लिए हैं. इस दायरे में फिलहाल 465 खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं. लेकिन खेल विभाग का दावा है कि प्रदेश में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को अब आउट ऑफ टर्न नौकरी देने का सिलसिला जारी रहेगा. फिलहाल इस दायरे में 2014 के मेडलिस्ट खिलाड़ियों को शामिल नहीं किया गया है.
तीन केटेगिरी में विभाजित किया गया है खिलाड़ियों को
खेल मंत्री अशोक चांदना ने बताया कि प्रदेश के कुल 465 खिलाड़ियों को सबसे पहले इस दायरे में लाया गया है. ये सभी खिलाड़ी वर्ष 2016 के बाद मेडलिस्ट हैं. आउट ऑफ टर्न नियुक्ति पाने वाले खिलाड़ियों को विभिन्न श्रेणियों में रखा गया है. पहली श्रेणी यानी 'ए' केटेगरी में ओलंपिक, पैरा ओलंपिक के पदक विजेता, वर्ल्ड कप, वर्ल्ड चैंपियनशिप, एशियन कॉमनवेल्थ क्रिकेट वर्ल्ड कप चैंपियनशिप के विजेता या उपविजेता को रखा गया है. जबकि 'बी' कैटेगरी में एशियन चैंपियनशिप और साउथ एशियन गेम्स के पदक विजेताओं को रखा गया है. 'सी' केटेगरी में नेशनल गेम्स और नेशनल पैरा गेम्स के पदक विजेत तथा रणजी ट्रॉफी के विजेता शामिल किए गए हैं. इनमें 'ए' कैटेगरी में नौकरी पाने वालों में 10, 'बी' कैटेगरी में 13 और 'सी' कैटेगरी में 443 खिलाड़ी शामिल हैं. इन्हें इसका लाभ मिल सकेगा.
Jaipur: सरकार की यह योजना करेगी किसानों को मालामाल, 60% तक अनुदान भी मिलेगा, ऐसे उठाएं लाभ2014 के एशियन मेडलिस्ट खिलाड़ियों की टूटी उम्मीदें
हालांकि राज्य में 2014 के एशियन मेडलिस्ट खिलाड़ियों को भी उम्मीद थी कि उन्हें भी सरकार आउट ऑफ टर्न का लाभ देकर सरकारी नौकरी देगी. लेकिन उनके लिए खेल विभाग ने नियमों की पेचीदगियों को कारण बताते हुए कहा है कि पहले दायरे में आने वाले खिलाड़ियों को इसका लाभ मिल जाए. उसके बाद कोई और रास्ता निकाला जाएगा. खेल मंत्री ने कहा कि आउट ऑफ टर्न नौकरी का कानून वर्ष 2016 में लाया गया था. लेकिन इसके बाद भी पिछली सरकार ने एक भी खिलाड़ी को नौकरी नहीं दी.
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जल्द आयोजित किए जायेंगे ग्रामीण खेल
खेल मंत्री ने बताया कि अब आने वाले दिनों में विभाग ग्रामीण खेलों की तैयारियों में जुटा है. इनका आयोजन आगामी दिनों में कराया जायेगा. खेल विभाग ने पहले दो फीसदी आरक्षण और अब आउट ऑफ टर्न नौकरी का ऑफर देकर खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया है. खिलाड़ी अरसे से अटकी हुई पुरस्कार राशि को भी जारी करने की मांग करते आए हैं, लेकिन फिलहाल उस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है.
तीन केटेगिरी में विभाजित किया गया है खिलाड़ियों को
खेल मंत्री अशोक चांदना ने बताया कि प्रदेश के कुल 465 खिलाड़ियों को सबसे पहले इस दायरे में लाया गया है. ये सभी खिलाड़ी वर्ष 2016 के बाद मेडलिस्ट हैं. आउट ऑफ टर्न नियुक्ति पाने वाले खिलाड़ियों को विभिन्न श्रेणियों में रखा गया है. पहली श्रेणी यानी 'ए' केटेगरी में ओलंपिक, पैरा ओलंपिक के पदक विजेता, वर्ल्ड कप, वर्ल्ड चैंपियनशिप, एशियन कॉमनवेल्थ क्रिकेट वर्ल्ड कप चैंपियनशिप के विजेता या उपविजेता को रखा गया है. जबकि 'बी' कैटेगरी में एशियन चैंपियनशिप और साउथ एशियन गेम्स के पदक विजेताओं को रखा गया है. 'सी' केटेगरी में नेशनल गेम्स और नेशनल पैरा गेम्स के पदक विजेत तथा रणजी ट्रॉफी के विजेता शामिल किए गए हैं. इनमें 'ए' कैटेगरी में नौकरी पाने वालों में 10, 'बी' कैटेगरी में 13 और 'सी' कैटेगरी में 443 खिलाड़ी शामिल हैं. इन्हें इसका लाभ मिल सकेगा.
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हालांकि राज्य में 2014 के एशियन मेडलिस्ट खिलाड़ियों को भी उम्मीद थी कि उन्हें भी सरकार आउट ऑफ टर्न का लाभ देकर सरकारी नौकरी देगी. लेकिन उनके लिए खेल विभाग ने नियमों की पेचीदगियों को कारण बताते हुए कहा है कि पहले दायरे में आने वाले खिलाड़ियों को इसका लाभ मिल जाए. उसके बाद कोई और रास्ता निकाला जाएगा. खेल मंत्री ने कहा कि आउट ऑफ टर्न नौकरी का कानून वर्ष 2016 में लाया गया था. लेकिन इसके बाद भी पिछली सरकार ने एक भी खिलाड़ी को नौकरी नहीं दी.
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जल्द आयोजित किए जायेंगे ग्रामीण खेल
खेल मंत्री ने बताया कि अब आने वाले दिनों में विभाग ग्रामीण खेलों की तैयारियों में जुटा है. इनका आयोजन आगामी दिनों में कराया जायेगा. खेल विभाग ने पहले दो फीसदी आरक्षण और अब आउट ऑफ टर्न नौकरी का ऑफर देकर खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया है. खिलाड़ी अरसे से अटकी हुई पुरस्कार राशि को भी जारी करने की मांग करते आए हैं, लेकिन फिलहाल उस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है.