Mob Lynching Case: पहलू खान केस में आए फैसले को HC में चुनौती देगी गहलोत सरकार

पहलू खान केस में आए फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में जाने का फैसला किया है (Demo Pic)
निचली अदालत के इस फैसले को गहलोत सरकार (Gehlot government) ने हाईकोर्ट (High Court) में चुनौती देने का फैसला किया है.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: August 14, 2019, 10:25 PM IST
राजस्थान के अलवर में 1 अप्रैल, 2017 को हुई मॉब लिंचिंग (mob lynching case) की घटना में शिकार हुए हरियाणा के नूंह मेवात निवासी पहलू खान (Pahalu khan) की मौत के करीब सवा दो साल बाद बुधवार को कोर्ट ने 6 आरोपियों को बरी कर दिया. निचली अदालत के इस फैसले को गहलोत सरकार (Gehlot government) ने हाईकोर्ट (High Court) में चुनौती देने का फैसला किया है. राज्य सरकार जल्द ही फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेगी.
गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने कहा कि महलू खान मॉब लिंचिंग मामले में निचली अदालत का जो फैसला आया है, उसका अध्ययन किया जा रहा है. इसके बाद सरकार हाईकोर्ट में अपील करेगी. राजीव स्वरूप ने बताया कि राज्य सरकार ने अविलंब अपील करने का निर्णय लिया है.
पहलू खान मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया. गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने मॉब लिंचिंग के खिलाफ अगस्त 2019 के पहले सप्ताह में कानून लागू किया है. हम पहलू खान के परिवार को न्याय दिलाने के प्रति कमिटेड हैं. राज्य सरकार, एडीजे कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करेगी.
बता दें, एडीजी प्रथम अदालत ने पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया. अदालत ने अपने आदेश में वीडियो फुटेज को सबूत नहीं माना है.
पहलू खान मामले में आए फैसले पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारी मांग है कि उनके परिवार को न्याय दिलाने के लिए राजस्थान की कांग्रेस सरकार सभी जरूरी कदम उठाए.

वीडियो फुटेज की एफएसएल जांच नहीं कराई
मुख्य सचिव ने कहा कि कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस ने वीडियो फुटेज की एफएसएल जांच नहीं कराई. इसके साथ ही मृतक के बच्चे आरोपियों की पहचान नहीं कर सके. इस आधार पर कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है.
बता दें, आरोपियों के वकील हुकुम सिंह ने निचली अदालत के फैसले को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने तथ्यों के आधार पर सभी को बरी किया है.
पीड़ित पक्ष की ओर से FIR में निर्दोष लोगों के नाम: कटारिया
वहीं पहलू खान मामले पर न्यायालय के फैसले पर तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने पहलू खान के हत्यारों को सजा दिलाने की कोशिश की. मगर पीड़ित पक्ष की ओर से एफआईआर में निर्दोष लोगों के नाम लिखवा दिए गए. जिसकी वजह से इस तरह का फैसला आया.
(रिपोर्ट- सचिन कुमार)
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गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने कहा कि महलू खान मॉब लिंचिंग मामले में निचली अदालत का जो फैसला आया है, उसका अध्ययन किया जा रहा है. इसके बाद सरकार हाईकोर्ट में अपील करेगी. राजीव स्वरूप ने बताया कि राज्य सरकार ने अविलंब अपील करने का निर्णय लिया है.
पहलू खान मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया. गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने मॉब लिंचिंग के खिलाफ अगस्त 2019 के पहले सप्ताह में कानून लागू किया है. हम पहलू खान के परिवार को न्याय दिलाने के प्रति कमिटेड हैं. राज्य सरकार, एडीजे कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करेगी.
वहीं पहलू खान के मामले में शुरू से कानूनी लड़ाई लड़ने वाले समाज सेवी और वकील एस हयात ने कोर्ट के फैसले को निराशाजनक बताया है. उन्होंने कहा कि हम इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे.Our State Government has enacted law against mob lynching in first week of August 2019.We are committed to ensuring justice for family of late Sh Pehlu Khan.State Government will file appeal against order of ADJ.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 14, 2019
बता दें, एडीजी प्रथम अदालत ने पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया. अदालत ने अपने आदेश में वीडियो फुटेज को सबूत नहीं माना है.
पहलू खान मामले में आए फैसले पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारी मांग है कि उनके परिवार को न्याय दिलाने के लिए राजस्थान की कांग्रेस सरकार सभी जरूरी कदम उठाए.

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का ट्वीट
वीडियो फुटेज की एफएसएल जांच नहीं कराई
मुख्य सचिव ने कहा कि कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस ने वीडियो फुटेज की एफएसएल जांच नहीं कराई. इसके साथ ही मृतक के बच्चे आरोपियों की पहचान नहीं कर सके. इस आधार पर कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है.
बता दें, आरोपियों के वकील हुकुम सिंह ने निचली अदालत के फैसले को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने तथ्यों के आधार पर सभी को बरी किया है.
पीड़ित पक्ष की ओर से FIR में निर्दोष लोगों के नाम: कटारिया
वहीं पहलू खान मामले पर न्यायालय के फैसले पर तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने पहलू खान के हत्यारों को सजा दिलाने की कोशिश की. मगर पीड़ित पक्ष की ओर से एफआईआर में निर्दोष लोगों के नाम लिखवा दिए गए. जिसकी वजह से इस तरह का फैसला आया.
(रिपोर्ट- सचिन कुमार)
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