आज रामनवमी पर मध्यरात्रि को गुरु का तारा पश्चिम दिशा में अस्त हो जाएगा. इसके साथ ही अगले एक महीने तक शादी-व्याह जैसे मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे.
जयपुर. चैत्र शुक्ल नवरात्रि का गुरुवार को आखिरी दिन है. रामनवमी पर मध्यरात्रि को गुरु का तारा पश्चिम दिशा में अस्त हो जाएगा. इसके साथ ही अगले एक महीने तक शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे. आने वाली 28 अप्रैल तक सभी तरह से शुभ और मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा. इस बीच सिर्फ एक दिन वैशाख शुक्ल अक्षय तृतीया का मुहूर्त 22 अप्रैल का बना हुआ है.
ज्योतिषी के अनुसार चैत्र शुक्ल नवमी आज गुरुवार रात्रि 2 बजकर 51 मिनट से गुरु का तारा पश्चिम दिशा की ओर अस्त हो जाएगा. इसके लगभग एक माह बाद 28 अप्रैल को वैशाख शुक्ल अष्टमी को दोपहर 12 बजकर 56 मिनट पर गुरु का तारा पूर्व दिशा में उदय होगा.
शादी-विवाह जैसे कार्यों पर लगी रोक
अगले एक महीने तक शादी-विवाह जैसे सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी. ज्योतिष के अनुसार सगाई, विवाह, गृह निर्माण, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार, दिक्षा ग्रहण करना, चूडा कर्म जैसे सभी कामों पर अगले महीने की 28 तारीख तक के लिए विराम लग जाएगा. इस दौरान सिर्फ अक्षय तृतीया या आखातीज पर 22 अप्रैल को ही मुहूर्त बना हुआ है. इस दिन हर तरह के शुभ व मांगलिक कार्य हो सकेंगे.
अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अक्षय तृतीया या आखातीज पर सूर्य और चंद्रमा उच्च के होते है. सूर्य के मेष राशि में होने और चंद्रमा के वृषभ राशि में होने से यह अक्षय तृतीया का मांगलिक मुहूर्त बनता है. इसके कारण गुरु और शुक्र अस्त का दोष किसी भी मांगलिक व शुभ कार्य में नहीं लगता है. यही कारण है कि आखातीज को अबूझ मुहूर्त कहते है और इस दिन किए जाने वाले सभी शुभ व मांगलिक कार्य अक्षय हो जाते हैं.
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