क्या होती है ? जयपुर नगर निगम के मेयर पद के लिए हुए उपचुनाव ने एक बार फिर वोट की कीमत को स्थापित कर दिया है. गत करीब दस साल से एक वोट से
कर रही कांग्रेस के बाद अब बीजेपी भी आने वाले समय में बरसों तक इसके दर्द को महसूस करेगी.
के चुनाव में एक वोट से बीजेपी के हाथ से मेयर का पद निकल गया. विधानसभा चुनावों के बाद बीजेपी के लिए यह बहुत बड़ा झटका है. लेकिन बीजेपी की एक वोट से हुई इस हार ने कांग्रेस का दर्द कुछ हद तक कम कर दिया है. विधानसभा चुनाव-2008 में डॉ. सीपी जोशी राजसमंद की नाथद्वारा विधानसभा सीट से एक वोट से चुनाव हार गए थे. उस समय डॉ. जोशी सीएम पद के प्रबल दावेदार थे. डॉ. जोशी की एक वोट से वह हार आज भी प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय है.
डॉ. जोशी की एक वोट से हार रह-रहकर उनके समर्थकों और कांग्रेस को साल रही थी. लेकिन जयपुर नगर निगम के मेयर पद के लिए मंगलवार को हुए उपचुनाव में बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी उप महापौर मनोज भारद्वाज की महज एक वोट से हार उनके लिए और पार्टी के लिए असहनीय हो गई. वह भी उस स्थिति में जब पार्टी के पास निगम में 91 में 63 पार्षद थे. इससे दोनों पार्टियों में एक वोट से हार मामला बराबर हो गया है. बीजेपी की इस हार ने कांग्रेस के दर्द को जहां कुछ कम किया वहीं बीजेपी का दर्द बढ़ा दिया है, जो उसके आगे भी सालता रहेगा.
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FIRST PUBLISHED : January 23, 2019, 11:00 IST