Rajasthan: शिक्षक भर्ती परीक्षा में 3 लाख बीएसटीसी अभ्यर्थियों को क्यों है खतरा ? जानिये वजह

बीएसटीसी के अभ्यर्थियों का कहना है कि इसे लेकर उनका आंदोलन जारी रहेगा.
रीट शिक्षक भर्ती (REET Teacher Recruitment) के लेवल प्रथम में बीएड डिग्रीधारी युवाओं को शामिल करने से बीएसटीसी (BSTC) के अभ्यर्थी आंदोलन की राह पर हैं. उनको कहना है कि यह उनके हितों पर कुठाराघात है.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: December 28, 2020, 5:27 PM IST
जयपुर. प्रदेश में 31 हजार पदों पर 25 अप्रेल को प्रस्तावित रीट शिक्षक भर्ती (REET teacher recruitment) की विज्ञप्ति जल्द ही जारी होने की कवायद की जा रही है. लेकिन इससे पहले राज्य के शिक्षा विभाग की ओर से एनसीटीई (NCTE) गाइडलाइन के मुताबिक भर्ती प्रक्रिया अपनाने से संकट खड़ा हो गया है. रीट शिक्षक भर्ती और पात्रता परीक्षा के लेवल वन में करीब आठ लाख बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों को भी शामिल किए जाने की तैयारी कर ली गई हैं. इसके चलते तीन लाख बीएसटीसी (BSTC) के अभ्यर्थियों के लिए ना सिर्फ प्रतियोगिता मुश्किल हो जाएगी बल्कि उन्हें आशंका है कि वे प्रतियोगिता से बाहर ही हो जाएंगे.
उनका कहना है कि जब कक्षा एक से पांच तक पढ़ाने के लिए बाहरवीं कक्षा पास युवाओं को विशेष डिप्लोमा बीएसटीसी कराया गया है तो फिर उच्च योग्यता वाले बीएड अभ्यर्थियों को इसमें शामिल क्यों किया जा रहा है. लेवल टू में कक्षा छह से आठवीं तक पढ़ाई कराने वाले बीएड अभ्यर्थी शामिल होते हैं. इन्हें बीएड के साथ एमए कर लेने पर तृतीय श्रेणी से लेकर प्रथम श्रेणी के शिक्षक भर्ती में मौका मिल जाता है. जबकि बीएसटीसी को केवल थर्ड ग्रेड के लेवल वन भर्ती के लिए ही अवसर मिलता है. बीएसटीसी कर चुके कैंडिडेट इसे लेकर अब सड़कों पर हैं और आए दिन धरना प्रदर्शन कर कर रहे हैं.
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शिक्षा मंत्री की दो टूक एनसीटीई की गाइडलाइन की पालना करेंगे
इधर राज्य में इस भर्ती के साथ ही उन अभ्यर्थियों में भी असमंजस है जो बीएसटीसी का वर्तमान समय मे कोर्स कर रहे हैं. उनकी उम्मीदों को भी इससे बड़ा झटका बड़ा लगा है. उनको भी इस बात का अहसास होने लग गया है कि उनके सामने लेवल वन में केवल बीएसटीसी के अभ्यर्थी ही नहीं वरन उनसे ऊंची तालीम हासिल कर चुके अभ्यर्थी भी इस प्रतियोगिता परीक्षा में सामने होंगे. लिहाजा बीएसटीसी के कोर्स और इन्हें चलाने वाले कॉलेज संचालकों में भी कई तरह की आशंकाएं जन्म ले रही हैं. कई साल से राज्य में बीएसटीसी और बीएड को अलग-अलग रखकर ही अलग अलग लेवल में शिक्षक भर्तियां कराई जा रही हैं. इसीलिए बीएसटीसी के अभ्यर्थी बीएड वालों को शामिल करने का विरोध कर रहे हैं. हालांकि शिक्षा मंत्री दो टूक कह रहे है कि वे इसमें एनसीटीई की गाइडलाइन की पालना करेंगे.
जयपुर में अभ्यर्थियों ने किया बड़ा प्रदर्शन
अभ्यर्थियों की मानें तो एनसीटीई की गाइडलाइन में स्पष्ट रूप से ऐसा कोई उल्लेख नहीं है कि जिससे बीएसटीसी के हितों पर कुठाराधात हो. गाइडलाइन की पालना और भर्ती में राज्य के अपने अधिकार हैं. ऐसे में सरकार चाहे तो बीएसटीसी के अभ्यर्थियों के हितों का ध्यान रख सकती है. शुक्रवार को राजधानी जयपुर में इन अभ्यर्थियों ने बड़ा प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस से इनकी झड़प भी हुई. कई अभ्यर्थियों को हिरासत में भी लिया गया. लेकिन बीएसटीसी के अभ्यर्थियों का कहना है कि इसे लेकर उनका आंदोलन जारी रहेगा.
उनका कहना है कि जब कक्षा एक से पांच तक पढ़ाने के लिए बाहरवीं कक्षा पास युवाओं को विशेष डिप्लोमा बीएसटीसी कराया गया है तो फिर उच्च योग्यता वाले बीएड अभ्यर्थियों को इसमें शामिल क्यों किया जा रहा है. लेवल टू में कक्षा छह से आठवीं तक पढ़ाई कराने वाले बीएड अभ्यर्थी शामिल होते हैं. इन्हें बीएड के साथ एमए कर लेने पर तृतीय श्रेणी से लेकर प्रथम श्रेणी के शिक्षक भर्ती में मौका मिल जाता है. जबकि बीएसटीसी को केवल थर्ड ग्रेड के लेवल वन भर्ती के लिए ही अवसर मिलता है. बीएसटीसी कर चुके कैंडिडेट इसे लेकर अब सड़कों पर हैं और आए दिन धरना प्रदर्शन कर कर रहे हैं.
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इधर राज्य में इस भर्ती के साथ ही उन अभ्यर्थियों में भी असमंजस है जो बीएसटीसी का वर्तमान समय मे कोर्स कर रहे हैं. उनकी उम्मीदों को भी इससे बड़ा झटका बड़ा लगा है. उनको भी इस बात का अहसास होने लग गया है कि उनके सामने लेवल वन में केवल बीएसटीसी के अभ्यर्थी ही नहीं वरन उनसे ऊंची तालीम हासिल कर चुके अभ्यर्थी भी इस प्रतियोगिता परीक्षा में सामने होंगे. लिहाजा बीएसटीसी के कोर्स और इन्हें चलाने वाले कॉलेज संचालकों में भी कई तरह की आशंकाएं जन्म ले रही हैं. कई साल से राज्य में बीएसटीसी और बीएड को अलग-अलग रखकर ही अलग अलग लेवल में शिक्षक भर्तियां कराई जा रही हैं. इसीलिए बीएसटीसी के अभ्यर्थी बीएड वालों को शामिल करने का विरोध कर रहे हैं. हालांकि शिक्षा मंत्री दो टूक कह रहे है कि वे इसमें एनसीटीई की गाइडलाइन की पालना करेंगे.
जयपुर में अभ्यर्थियों ने किया बड़ा प्रदर्शन
अभ्यर्थियों की मानें तो एनसीटीई की गाइडलाइन में स्पष्ट रूप से ऐसा कोई उल्लेख नहीं है कि जिससे बीएसटीसी के हितों पर कुठाराधात हो. गाइडलाइन की पालना और भर्ती में राज्य के अपने अधिकार हैं. ऐसे में सरकार चाहे तो बीएसटीसी के अभ्यर्थियों के हितों का ध्यान रख सकती है. शुक्रवार को राजधानी जयपुर में इन अभ्यर्थियों ने बड़ा प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस से इनकी झड़प भी हुई. कई अभ्यर्थियों को हिरासत में भी लिया गया. लेकिन बीएसटीसी के अभ्यर्थियों का कहना है कि इसे लेकर उनका आंदोलन जारी रहेगा.