Rajasthan: 6 साल से सरकारी फाइलों में धूल फांक रही है राज्य की नई 'महिला नीति', सरकार ने साध रखी है चुप्पी

करीब दो साल की कड़ी मशक्कत के बाद महिला नीति का यह ड्राफ्ट राज्य महिला आयोग द्वारा तैयार किया गया था.
राज्य की नई महिला नीति (Women's policy) का ड्राफ्ट बरसों से सरकारी फाइलों में धूल फांक रहा है. लेकिन इसमें ना तो पूर्ववर्ती बीजेपी (BJP) सरकार ने रुचि दिखाई और ना ही वर्तमान कांग्रेस सरकार (Congress Government) उसकी सुध ले रही है.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: November 18, 2020, 3:25 PM IST
जयपुर. महिलाओं के साथ लैंगिक भेदभाव (Gender discrimination) खत्म हो और उन्हें समानता के अवसर हासिल मिले. इसके साथ ही उन्हें विधिक अधिकारों के साथ सुरक्षा की गारंटी मिले और उनका हर स्तर पर उनका सशक्तिकरण (Empowerment) सुनिश्चित किया जाये. कुछ इसी मकसद के साथ राज्य महिला आयोग ने करीब 6 साल पहले 'महिला नीति' (Women's policy) का ड्राफ्ट तैयार किया था. साल 2014 में ही यह ड्राफ्ट राज्य सरकार को भेज भी दिया गया था लेकिन लम्बी अवधि बीत जाने के बाद भी अभी तक प्रदेश में नई महिला नीति लागू नहीं हो पाई है.
कड़ी मशक्कत के बाद तैयार किया गया महिला नीति का यह ड्राफ्ट अब भी कहीं सरकारी फाइलों में दबा पड़ा है. प्रदेश में अभी भी करीब दो दशक पुरानी महिला नीति ही लागू है. साल 2014 के बाद 2018 में भी राज्य महिला आयोग ने इस ड्राफ्ट को नया रंग रुप देकर राज्य सरकार के पास भेजा लेकिन ना तो पिछली बीजेपी सरकार और ना ही वर्तमान कांग्रेस सरकार ने इसे लेकर गंभीरता दिखाई.
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कमेटी ने 59 पेज का अहम दस्तावेज तैयार किया थाकरीब दो साल की कड़ी मशक्कत के बाद महिला नीति का यह ड्राफ्ट राज्य महिला आयोग द्वारा तैयार किया गया था. ड्राफ्ट को तैयार करने में महिला आयोग ही नहीं बल्कि महिला संगठनों और विशेषज्ञों की भी अहम भूमिका रही थी. ड्राफ्ट तैयार करने के लिए सात अलग-अलग एक्सपर्ट कमेटियों का गठन किया गया था. इन कमेटियों द्वारा दिए गए सुझावों को शामिल कर ड्राफ्टिंग कमेटी ने 59 पेज का अहम दस्तावेज तैयार किया था.

महिला नीति के ड्राफ्ट में कुल 10 चैप्टर हैं
महिला सुरक्षा सम्बन्धी राज्यस्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की सदस्य निशा सिद्धू के मुताबिक महिला नीति के इस ड्राफ्ट में महिला स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला हिंसा के साथ ही महिलाओं के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण तथा विधिक मामलों जैसे बिन्दुओं को शामिल किया गया था. महिला नीति के ड्राफ्ट में कुल 10 चैप्टर हैं. इनमें महिलाओं को सुरक्षित और सशक्त बनाने के लिए कई अहम प्रावधान शामिल किये गये थे.
महिला आयोग देता है सुझाव
राज्य महिला आयोग के संविधान में यह बिन्दु शामिल है कि वह महिला नीति पर अपने सुझाव राज्य सरकार को दे. इसी के चलते महिला नीति का यह ड्राफ्ट आयोग द्वारा तैयार करवाया गया था. साल 2000 के बाद से महिला और बच्चों से सम्बन्धित कानूनों में कई बदलाव हुए हैं. उन्हें ध्यान में रखकर ही यह ड्राफ्ट तैयार करवाया गया था. राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा का कहना है कि आयोग ने एक परिपूर्ण ड्राफ्ट तैयार कर राज्य सरकार को भेजा था. लेकिन इसे अब तक लागू नहीं किया जाना आधी आबादी की उपेक्षा है. प्रदेश में महिला अपराध चरम पर हैं. वहीं सभ्य समाज के विभिन्न मानकों पर भी महिलाएं काफी पिछड़ी हुई हैं. अगर प्रदेश में नई महिला नीति लागू होती है तो महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण को एक नया आधार मिलेगा.
कड़ी मशक्कत के बाद तैयार किया गया महिला नीति का यह ड्राफ्ट अब भी कहीं सरकारी फाइलों में दबा पड़ा है. प्रदेश में अभी भी करीब दो दशक पुरानी महिला नीति ही लागू है. साल 2014 के बाद 2018 में भी राज्य महिला आयोग ने इस ड्राफ्ट को नया रंग रुप देकर राज्य सरकार के पास भेजा लेकिन ना तो पिछली बीजेपी सरकार और ना ही वर्तमान कांग्रेस सरकार ने इसे लेकर गंभीरता दिखाई.
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कमेटी ने 59 पेज का अहम दस्तावेज तैयार किया थाकरीब दो साल की कड़ी मशक्कत के बाद महिला नीति का यह ड्राफ्ट राज्य महिला आयोग द्वारा तैयार किया गया था. ड्राफ्ट को तैयार करने में महिला आयोग ही नहीं बल्कि महिला संगठनों और विशेषज्ञों की भी अहम भूमिका रही थी. ड्राफ्ट तैयार करने के लिए सात अलग-अलग एक्सपर्ट कमेटियों का गठन किया गया था. इन कमेटियों द्वारा दिए गए सुझावों को शामिल कर ड्राफ्टिंग कमेटी ने 59 पेज का अहम दस्तावेज तैयार किया था.
महिला नीति के ड्राफ्ट में कुल 10 चैप्टर हैं
महिला सुरक्षा सम्बन्धी राज्यस्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की सदस्य निशा सिद्धू के मुताबिक महिला नीति के इस ड्राफ्ट में महिला स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला हिंसा के साथ ही महिलाओं के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण तथा विधिक मामलों जैसे बिन्दुओं को शामिल किया गया था. महिला नीति के ड्राफ्ट में कुल 10 चैप्टर हैं. इनमें महिलाओं को सुरक्षित और सशक्त बनाने के लिए कई अहम प्रावधान शामिल किये गये थे.
महिला आयोग देता है सुझाव
राज्य महिला आयोग के संविधान में यह बिन्दु शामिल है कि वह महिला नीति पर अपने सुझाव राज्य सरकार को दे. इसी के चलते महिला नीति का यह ड्राफ्ट आयोग द्वारा तैयार करवाया गया था. साल 2000 के बाद से महिला और बच्चों से सम्बन्धित कानूनों में कई बदलाव हुए हैं. उन्हें ध्यान में रखकर ही यह ड्राफ्ट तैयार करवाया गया था. राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा का कहना है कि आयोग ने एक परिपूर्ण ड्राफ्ट तैयार कर राज्य सरकार को भेजा था. लेकिन इसे अब तक लागू नहीं किया जाना आधी आबादी की उपेक्षा है. प्रदेश में महिला अपराध चरम पर हैं. वहीं सभ्य समाज के विभिन्न मानकों पर भी महिलाएं काफी पिछड़ी हुई हैं. अगर प्रदेश में नई महिला नीति लागू होती है तो महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण को एक नया आधार मिलेगा.