कोई मंत्री मिला है. जैसलमेर के पोकरण विधायक सालेह मोहम्मद को इस बार प्रदेश की गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री के दर्जे से नवाजा गया है.
प्रदेश की कांग्रेस सरकार में एकमात्र अल्पसंख्यक मंत्री हैं. सालेह मोहम्मद मुस्लिम
हैं. जैसलमेर की राजनीति में फकीर परिवार का शुरू से ही दबदबा रहा है. 2008 में पोकरण विधानसभा क्षेत्र अलग होने के साथ ही फकीर परिवार की ओर से सालेह मोहम्मद ने वहां अपना भाग्य आजमाया और विधायक बन गए. लेकिन विधानसभा चुनाव-2013 में उन्हें मोदी लहर में हार का सामना करना पड़ा. सालेह मोहम्मद वर्ष 2000 में 23 साल की उम्र में राजनीति में आए. राजनीति में प्रवेश के साथ ही वे जैसलमेर पंचायत समिति के प्रधान बन गए.
1 फरवरी,1977 को जन्मे सालेह मोहम्मद की कामयाबी यहीं नहीं रुकी. वे 2005 में जैसलमेर के जिला प्रमुख बने. महज 23 साल की उम्र में जैसलमेर पंचायत समिति के प्रधान बनने वाले सालेह मोहम्मद वर्ष 2008 में पोकरण विधानसभा क्षेत्र का गठन होने के बाद जिला प्रमुख पद से इस्तीफा देकर विधायकी के लिए चुनाव मैदान में उतर गए. कड़े संघर्ष में सालेह मोहम्मद वह मात्र 339 वोटों से जीते. उसके बाद विधानसभा चुनाव-2013 में 35 हजार वोटों के बड़े अंतराल से हारे. अब 2018 में सालेह मोहम्मद फिर से 872 वोटों के मामूली अंतर से जीते और मंत्री बने हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 25, 2018, 10:55 IST