राजस्थान के कई जिलों में मौसम का मिजाज बदला हुआ है. जैसलमेर में मौसम फिलहाल बेहतर है. (न्यूज 18 हिन्दी ग्राफिक्स)
जैसलमेर. राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से प्रदेश के कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि हुई है. इससे खेतों में खड़ी फसलों को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचा है. बाड़मेर से लेकर बूंदी और करौली तक में तेज हवा के साथ कहीं तेज तो कहीं मध्यम स्तर की बारिश हुई और ओले भी गिरे. इससे सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है. कई फसलें पककर कटने को तैयार थीं, लेकिन बारिश और ओलावृष्टि ने काम खराब कर दिया. इससे किसानों को आर्थिक नुकसान होने की आशंका बढ़ गई है. पाकिस्तान सीमा से लगते जैसलमेर में पश्चिमी विक्षोभ का असर अभी तक नहीं दिखा है. जिले में मौसम आमतौर पर साफ है और धूप खिली हुई है. बता दें कि चर्चित आईएएस अधिकारी टीना डाबी जैसलमेर की कलेक्टर हैं.
जैसलमेर में दिन का तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और रात का तापमान 19 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. दिन और रात के वक्त आसमान में हल्के बादल छाए रह सकते हैं, लेकिन बारिश की संभावना नहीं है. इसका मतलब यह है कि जैसलमेर में पश्चिमी विक्षोभ का असर नहीं पड़ा है. इस वजह से जिले में मौसम का मिजाज फिलहाल सामान्य बना हुआ है. प्रदेश के कई जिलों में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से बारिश और ओलावृष्टि हो रही है. मौसम विज्ञानियों ने प्रभावित जिलों में फिलहाल मौसम का यही तेवर रहने की संभावना जताई है. वहीं, जैसलमेर जिले में हवा की गुणवत्ता भी बेहतरीन है.
किसानों की छाती पर तेजाब बनकर गिरीं बारिश की बूंदें, फसलें तबाह, अब सरकारी मदद की आस
23 मार्च को बारिश की संभावना
मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, जैसलमेर में मंगलवार की तरह ही बुधवार को भी आसमान में बादल छाए रह सकते हैं. अधिकतम तापमान 31 और न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है. गुरुवार को मौसम का मिजाज बदल सकता है. 23 मार्च 2023 को जिले में बारिश होने की संभावना है. इससे तापमान पर असर पड़ेगा और पारा नीचे जा सकता है. अगले दिन शुक्रवार को फिर से धूप खिलने और मौसम के सामान्य रहने का पूर्वानुमान है.
बारिश-ओलावृष्टि से किसानों को नुकसान
राजस्थान के कई जिलों में तेज हवा के साथ लगातार बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचा है. गेहूं, जीरा, ईसबगोल जैसी फसलें बर्बाद हो गईं. इससे किसानों को आर्थिक धक्का लगने की आशंका बढ़ गई है. प्रकृति के प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार ने फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया है, ताकि किसानों को उचित मुआवजा दिया जा सके.
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