जालोर पहुंची जीवन रेखा एक्सप्रेस की स्क्रीनिंग में 10% से अधिक को कैंसर

लाइफलाइन एक्सप्रेस का मेडिकल स्टाफ.
लाइफलाइन एक्सप्रेस की स्क्रीनिंग में 10 प्रतिशत से अधिक को कैंसर पाया गया है. जालोर में ट्रेन में इनमें से 3 मरीजों का ऑपरेशन किया गया.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: April 12, 2018, 8:00 PM IST
अपनी तरह की दुनिया की पहली हॉस्पिटल ट्रेन लाइफलाइन एक्सप्रेस (जीवनरेखा एक्सप्रेस) इन दिनों राजस्थान के जालोर में हैं. कैंसर की स्क्रीनिंग और मुफ्त इलाज के उपलब्ध कराने वाली इस ट्रेन में हुई स्क्रीनिंग में 10 प्रतिशत से अधिक को कैंसर पाया गया है. लाइफ लाइन एक्सप्रेस की मेडिकल ऑफिसर डॉ. महक सिक्का ने बताया कि 878 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें 427 ओरल कैंसर, 451 महिलाओं में कैंसर की जांच की गई. इनमें 82 लोगों में कैंसर पाया गया. इनमें से 3 कैंसर रोगियों का ऑपरेशन किया गया.
बता दें कि इस ट्रेन में प्रारंभिक उपचार से लेकर आपरेशन तक सभी चिकित्सकीय सुविधाएं इसमें शामिल हैं. 1991 में चलाई गई लाइफलाइन एक्सप्रेस ने देश भर का सफर किया है. इससे पूर्व यह ट्रेन प्रदेश के बाड़मेर जिले में मरीजों को राहत पहुंचा चुकी है.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में प्रदेश में तम्बाकू जनित मुंह एवं गले के कैंसर रोगियों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है. सरकारी और गैर सरकारी कैंसर चिकित्सालयों में 150 प्रतिशत की संख्या से कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं. इस बात का अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राजस्थान के सबसे बड़े सवाई मानसिंह चिकित्सालय में सालान करीब दस हजार कैंसर रोगी आते हैं. जिनमें से करीब ढ़ाई हजार की मौत हो जाती है. इनमें से मुंह और गले के कैंसर रोगियों की संख्या सबसे ज्यादा है.
प्रदेश के तीन जिलों में सर्वाधिक कैंसर रोगी
राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत इपेक्ट इंडिया फाउंडेशन की ओर से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत-पाक सीमा से सटे प्रदेश के तीन जिलों बीकानेर, बाड़मेर व श्रीगंगानगर में कैंसर सहित अन्य घातक बीमारियों से ग्रसित रोगियों की संख्या सर्वाधिक है. इसके अलावा हनुमानगढ़, चूरू, झुंझनुं, फलौदी, जैसलमेर, धौलपुर, भरतपुर, पोकरण, बालोतरा, शाहजहांपुर, टोंक,सवाईमाधोपुर, बहरोड़, पाली क्षेत्र में भी ओरल कैंसर रोगियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है.
लाइफ लाइन एक्सप्रेस दे रही नई जिंदगी
केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से देशभर में ओरल, ब्रस्ट व सरवाइकल कैंसर से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में पहुंचकर मुफ्त ऑपरेशन व उपचार के लिए शुरू हुई लाइफ लाइन एक्सप्रेस बाड़मेर के बाद अब 28 मार्च को यंहा जालौर पहुंची है जो कि 16 अप्रैल को रवाना होकर अररिया, बिहार पहुंचेगी.
बता दें कि इस ट्रेन में प्रारंभिक उपचार से लेकर आपरेशन तक सभी चिकित्सकीय सुविधाएं इसमें शामिल हैं. 1991 में चलाई गई लाइफलाइन एक्सप्रेस ने देश भर का सफर किया है. इससे पूर्व यह ट्रेन प्रदेश के बाड़मेर जिले में मरीजों को राहत पहुंचा चुकी है.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में प्रदेश में तम्बाकू जनित मुंह एवं गले के कैंसर रोगियों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है. सरकारी और गैर सरकारी कैंसर चिकित्सालयों में 150 प्रतिशत की संख्या से कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं. इस बात का अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राजस्थान के सबसे बड़े सवाई मानसिंह चिकित्सालय में सालान करीब दस हजार कैंसर रोगी आते हैं. जिनमें से करीब ढ़ाई हजार की मौत हो जाती है. इनमें से मुंह और गले के कैंसर रोगियों की संख्या सबसे ज्यादा है.

लाइफलाइन एक्सप्रेस.
राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत इपेक्ट इंडिया फाउंडेशन की ओर से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत-पाक सीमा से सटे प्रदेश के तीन जिलों बीकानेर, बाड़मेर व श्रीगंगानगर में कैंसर सहित अन्य घातक बीमारियों से ग्रसित रोगियों की संख्या सर्वाधिक है. इसके अलावा हनुमानगढ़, चूरू, झुंझनुं, फलौदी, जैसलमेर, धौलपुर, भरतपुर, पोकरण, बालोतरा, शाहजहांपुर, टोंक,सवाईमाधोपुर, बहरोड़, पाली क्षेत्र में भी ओरल कैंसर रोगियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है.
लाइफ लाइन एक्सप्रेस दे रही नई जिंदगी
केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से देशभर में ओरल, ब्रस्ट व सरवाइकल कैंसर से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में पहुंचकर मुफ्त ऑपरेशन व उपचार के लिए शुरू हुई लाइफ लाइन एक्सप्रेस बाड़मेर के बाद अब 28 मार्च को यंहा जालौर पहुंची है जो कि 16 अप्रैल को रवाना होकर अररिया, बिहार पहुंचेगी.