नवजात शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए सचिव ने ली बैठक

जिले के अथिकारियों की बैठक लेते चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव एवं मिशन निदेशक नवीन जैन फोटो- ईटीवी
राजस्थान के जालौर जिले में नवजात शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव एवं मिशन निदेशक नवीन जैन कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में विभागीय अधिकारियों की बैठक ली.
- ETV Rajasthan
- Last Updated: December 12, 2017, 9:19 PM IST
राजस्थान के जालौर जिले में नवजात शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए और जिले में शुरू होने वाले 'चिरायु नन्हीं जान हमारी शान' कार्यक्रम और अन्य विभागीय योजनाओं के लिए शासन मुस्तैद हो गया है. इसी क्रम में मंगलवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव एवं मिशन निदेशक नवीन जैन कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में विभागीय अधिकारियों की बैठक ली.
गत बैठक में दिए गए निर्देशों की अनुपालना में किए गए कार्य की प्रगति का जायजा लेने के बाद उन्होंने कहा कि सीएचसी और पीएचसी में लेबर रूम किस तरफ है उसके लिए लगाए गए संकेत को तीर का निशान बनाने के लिए भी जयपुर आए क्या.
लेबर रूम तेरा है और एसएनसीयू मेरा है, पता है आपके इस रवैये का नतीजा गर्भवती महिला व नवजात शिशुओं को भुगतना पड़ता है. एसएनसीयू में भर्ती नवजात बच्चों को देखने के लिए क्या 50 मिनट भी नहीं निकाल सकते.
ऐसे ही तल्ख लफ्जों के साथ उन्होंने विभागीय अधिकारियों, सभी बीसीएमओ और चिकित्सा अधिकारी प्रभारियों को आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने प्रदेश स्तरीय दल द्वारा किए गए चिकित्सा संस्थानों के निरीक्षण के बाद दिए फिडबैक के आधार पर सभी बीसीएमओ और चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए.(रिपोर्ट- हरिपाल सिंह )
गत बैठक में दिए गए निर्देशों की अनुपालना में किए गए कार्य की प्रगति का जायजा लेने के बाद उन्होंने कहा कि सीएचसी और पीएचसी में लेबर रूम किस तरफ है उसके लिए लगाए गए संकेत को तीर का निशान बनाने के लिए भी जयपुर आए क्या.
लेबर रूम तेरा है और एसएनसीयू मेरा है, पता है आपके इस रवैये का नतीजा गर्भवती महिला व नवजात शिशुओं को भुगतना पड़ता है. एसएनसीयू में भर्ती नवजात बच्चों को देखने के लिए क्या 50 मिनट भी नहीं निकाल सकते.
ऐसे ही तल्ख लफ्जों के साथ उन्होंने विभागीय अधिकारियों, सभी बीसीएमओ और चिकित्सा अधिकारी प्रभारियों को आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने प्रदेश स्तरीय दल द्वारा किए गए चिकित्सा संस्थानों के निरीक्षण के बाद दिए फिडबैक के आधार पर सभी बीसीएमओ और चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए.(रिपोर्ट- हरिपाल सिंह )